धातुओं को गलाना और उड़ेलना (Melting and Pouring of Metal) के महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी

धातुओं को गलाना और उड़ेलना (Melting and Pouring of Metal)


1. सामान्य क्ले कितने तापक्रम पर फ्यूज हो जाता है?

Ans - सामान्य क्ले 1600℃ तापक्रम पर फ्यूज हो जाता है।


2. उच्च ताप सह पदार्थों को कितने भागों में बांटा गया है?

Ans - उच्च ताप सह पदार्थों को उनके रासायनिक गुणों के आधार पर तीन भागों में बांटा गया है -

१. अम्लीय ताप सह पदार्थ (Acidic Refractories)

२. क्षारीय ताप सह पदार्थ (Basic Refractories)

३. उदासीन ताप सह पदार्थ (Neutral Refractories)


3. अम्लीय ताप सह पदार्थ (Acidic Refractories) किसे कहते हैं?

Ans - वे पदार्थ जिन पर अम्लीय धातु के मैल का कोई रासायनिक प्रभाव नहीं पड़ता है ऐसे पदार्थ को अम्लीय ताप सह पदार्थ (Acidic Refractories) कहते हैं।


4. अम्लीय ताप सह पदार्थ का प्रयोग कितने प्रकार से किया जा सकता है?

Ans - इन पदार्थों का प्रयोग दो प्रकार से किया जा सकता है -

१. ईंट बनाकर

२. चूर्ण बनाकर


5. तीन अम्लीय ताप सह पदार्थों के नाम बताइये?

Ans - तीन अम्लीय ताप सह पदार्थ के नाम -

●सिलिका

●एलुमिना

●एलुमिनियम सिलिका


ये भी पढ़े....


6. सिलिका का फ्यूजन तापमान कितना होता है?

Ans - सिलिका का फ्यूजन तापमान 1700℃ होता है।


7. एलुमिनियम सिलिका का फ्यूजन तापमान कितना होता है?

Ans - एलुमिनियम सिलिका का फ्यूजन तापमान 1800℃ होता है।


8. क्षारीय ताप सह पदार्थ (Basic Refractories) किसे  कहते हैं?

Ans - वे पदार्थ जिन पर क्षारीय धातु के मैल का कोई रासायनिक प्रभाव नहीं पड़ता है ऐसे पदार्थ को क्षारीय ताप सह पदार्थ (Basic Refractories) कहते हैं।


9. क्षारीय ताप सह पदार्थों के नाम बताइए?

Ans - क्षारीय ताप पदार्थों में मैग्नेसाइट, क्रोम मैग्नेसाइट, डोलोमाइट इत्यादि आते हैं।


10. क्रोम मैग्नेसाइट में कितने प्रतिशत मैग्नेसाइट रहता है?

Ans - क्रोम मैग्नेसाइट में 70% मैग्नेसाइट और 30% क्रोमाइट रहता है।


11. डोलोमाइट के ताप सहने की क्षमता बताइए?

Ans - डोलोमाइट 1800℃ से 1950℃ तक ताप सहन कर सकता है।


12. उदासीन ताप सह पदार्थ (Neutral Refractories) किसे कहते हैं?

Ans - ऐसे पदार्थ जो अम्लीय और क्षारीय दोनों प्रकार के धातु के मैल से कोई भी अभिक्रिया नहीं करते हैं। उन पदार्थों को उदासीन ताप सह पदार्थ (Neutral Refractories) कहा जाता है।


13. उदासीन ताप सह पदार्थों के नाम बताइए?

Ans - उदासीन ताप सह पदार्थों के नाम -

●कार्बन तथा ग्रेफाइट की ईंटे

●क्रोमाइट की ईंटे

●सिलीमनाइट की ईंटे


14. क्रोमाइट की ईंटो का तापमान कितना होता है?

Ans - क्रोमाइट की ईंटो का तापमान 2100℃ होता है।


15. सिलीमनाइट की ईंटो का तापमान कितना होता है?

Ans - सिलीमनाइट की ईंटो का तापमान 1900℃ होता है।


16. फ्लक्स (Fluxs) किसे कहते हैं?

Ans - ऐसे पदार्थ जो धातु को पिघलाते समय निश्चित मात्रा में मिलाये जाते हैं उसे फ्लक्स (Fluxs) कहते हैं।


17. फ्लक्स (Fluxs) कितने प्रकार के होते हैं?

Ans - फ्लक्स (Fluxs) के प्रकार -

१. Degaser

२. Grain Refiner

३. Cover Flux


18. De-gaser किसे कहते हैं?

Ans - ऐसी फ्लक्स जो पिघली हुई धातु के अंदर से छुपे हुए गैस को बाहर निकालते हैं उस फ्लक्स को De-gaser कहते हैं।


19. Grain Refiner किसे कहते हैं?

Ans - ऐसी फ्लक्स धातु  के अणुओं के मध्य खाली स्थानों को भरकर को अणुओं की पास लाते हैं उसे ग्रेन रिफाइनर (Grain Refiner) कहलाते हैं।


20. Cover Flux किसे कहते हैं?

Ans - ऐसे फ्लक्स से जो पिघली हुई धातु के ऊपरी सतह पर तैर कर वायुमंडल से संबंध तोड़कर ऑक्सीकरण होने से बचाते हैं उसे कवर फ्लक्स (Cover Flux) कहते हैं।


21. भट्टी के ईंधन को कितने प्रकार से बांटा गया है?

Ans - भट्टी के ईंधन को निम्न प्रकार से बांटा गया है -

१. भौतिक अवस्था के आधार पर

२. प्राप्त होने के आधार पर


22. भौतिक अवस्था के आधार पर ईंधन को कितने भागों में बांटा गया है?

Ans - भौतिक अवस्था के आधार पर ईंधन तीन प्रकार के होते हैं -

१. ठोस ईंधन

२. द्रव  ईंधन

३. गैस ईंधन


23. ईंधन, प्राप्त होने के आधार पर कितने प्रकार के होते हैं?

Ans - प्राप्त होने के आधार पर ईंधन दो प्रकार के होते हैं -

१. प्रकृति या मूल ईंधन

२. सिंथेटिक या सेकेंडरी ईंधन


24. दो प्राकृतिक ठोस ईंधन के नाम लिखिए?

Ans - दो प्राकृतिक ठोस ईंधन -

१. शेल (shale)

२. लिगनाईट (Lignight)


25. प्राकृतिक द्रव ईंधन के नाम लिखिए?

Ans - पेट्रोलियम ।


26. दो सेकेंडरी ठोस ईंधन के नाम लिखिए?

Ans - दो सेकेंडरी ठोस ईंधन के नाम -

१. चारकोल

२. कोक


27. दो सेकेंडरी द्रव ईंधन के नाम लिखिए?

Ans - दो सेकेंडरी द्रव ईंधन के नाम -

१. मिट्टी का तेल

२. डीजल


28. दो सेकेंडरी गैस ईंधन के नाम लिखिए?

Ans - दो सेकेंडरी गैस ईंधन के नाम -

१. जल गैस

२. मीथेन गैस


29. गलाई भट्टियां (Melting Furnace) किसे कहते हैं?

Ans - जिन भट्टियो में धातु को गला कर कास्टिंग तैयार किया जाता है उन भट्टियो को गलाई भट्टियां (Melting Furnace) कहते हैं।


30. गलाई भट्टियां (Melting Furnace) कितने प्रकार की होती हैं?

Ans - Melting Furnace के प्रकार -

१. क्यूपोला भट्टी

२. एयर भट्टी

३. विद्युत भट्टी

४. ओपन हार्थ भट्टी

५. क्रूसिबल भट्टी


31. क्रूसिबल भट्टी कितने प्रकार की होती है?

Ans - क्रूसिबल भट्टी दो प्रकार की होती है -

१. पिट भट्टी

२. टिल्टिंग भट्टी


32. विद्युत भट्टी कितने प्रकार की होती है?

Ans - ये दो प्रकार की होती है-

१. आर्क भट्टी

२. इंडक्शन भट्टी


33. क्रूसिबल भट्टी (Crucible Furnace) किसे कहते हैं?

Ans - जब छोटी कास्टिंग करनी होती है और विभिन्न धातुओं की गलाई एक ही फाउंड्री में करनी होती है तो धातु को गलाने के लिए जिस पात्र का प्रयोग किया जाता है उसे क्रूसिबल कहते हैं तथा उस भट्ठी को क्रूसिबल भट्टी (Crucible Furnace) कहते हैं।


34. पिट भट्टी (Pit Furnace) किसे कहते हैं?

Ans - यह क्रूसिबल भट्टी का एक भाग है इस भट्टी में फर्श के नीचे आयताकार या वृत्ताकार गड्ढा खोदकर तैयार किया जाता है। जिसकी भीतरी सतह पर ताप सह ईंटो का अस्तर लगाया जाता है।


35. पिट भट्टी (Pit Furnace) में प्रयोग होने वाले औजारों के नाम बताइए?

Ans - पिट भट्टी (Pit Furnace) में प्रयोग होने वाले औजारों के नाम निम्न है -

●रैकिंग या पोकिंग रॉड

●हैंडल

●क्लैंप

●कुंडी

●क्रुसिबिल संडासी


36. रैकिंग या पोकिंग रॉड (Racking या Poking Rod) किसे कहते हैं?

Ans - मृदु इस्पात की 20 सेंटीमीटर व्यास और 3 मीटर लंबी रॉड जिससे भट्टी में कोक को व्यवस्थित किया जाता है इस औजार को रैकिंग या पोकिंग रॉड (Racking या Poking Rod) कहते हैं।


37. रैकिंग या पोकिंग रॉड (Racking या Poking Rod) का प्रयोग क्यों किया जाता है?

Ans - इसे रॉड के द्वारा पिघली हुई धातु के ढलाई की योग्यता की जांच की जाती है और क्रुसिबिल निकालने के समय कोक के हटाने के काम आती है।


38. कच्चा लोहा (Pig Iron) किसे कहते हैं?

Ans - ऐसा लोहा जो लौह-अयस्क से निकाला गया होता है और खुदरा होता है तथा अशुद्ध भी होता है। जिसमें औसतन 95% लोहा, 4% कार्बन और 1% में गंधक, फास्फोरस, सिलिका तथा अन्य अशुद्धियां होती है इसे कच्चा लोहा (Pig Iron) कहते हैं।


39. कच्चे लोहे से कैसे उत्पाद बनाया जाता है?

Ans - कच्चे लोहे से ढलवा लोहा (Cast Iron), पिटवा लोहा (Wrought Iron), इस्पात (Steel) का उत्पादन किया जाता है।


40. ढलवा लोहा (Cast Iron) में कार्बन की मात्रा कितनी होती है?

Ans - ढलवा लोहा (Cast Iron) में कार्बन की मात्रा 5 -20% तक होती है।


41. कच्चे लोहा को शुद्ध करने किस भट्टी का प्रयोग करते हैं?

Ans - कच्चे लोहा को शुद्ध करने ब्लास्ट भट्टी का प्रयोग करते हैं।


42. कच्चा लोहा से ढलवा लोहा (Cast Iron) बनाने के लिए किस भट्टी का प्रयोग किया जाता है?

Ans - कच्चा लोहा से ढलवा लोहा (Cast Iron) बनाने के लिए क्यूपोला भट्टी (Cupola Furnace) का प्रयोग किया जाता है।


43. ढलवा लोहा (Cast Iron) का गलनांक कितना होता है?

Ans - ढलवा लोहा (Cast Iron) का गलनांक लगभग 1200℃ होता है।


44. 200℃ तापमान पर जिंक पर क्या प्रभाव पड़ता है?

Ans - इस तापमान पर जिंक पुनः भंगुरता का गुण प्राप्त कर लेता है।


45. एलुमिनियम का गलनांक कितना होता है?

Ans - एलुमिनियम का गलनांक 658℃ होता है।


46. एलुमिनियम पर वायु और नमी का क्या प्रभाव होता है?

Ans - एलुमिनियम पर वायु और नमी का कोई प्रभाव नही होता है।


47. एलुमिनियम की पन्नी का प्रयोग कंहा किया जाता है?

Ans - एलुमिनियम की पन्नी का प्रयोग सजावटी समान, साबुन, सिगरेट, चॉकलेट को लपेटने में किया जाता है।


48. स्टिंग दोष किसे कहते हैं?

Ans - पदार्थ की ढलाइया करते समय जो दोष उत्पन्न होते हैं उसे कास्टिंग दोष कहते हैं।


49. कास्टिंग दोष कितने प्रकार के होते हैं?

Ans - कास्टिंग दोष कई प्रकार के होते हैं जो निम्न हैं -

●शिफ्ट (Shift) कास्टिंग दोष

●सूजन (Swelling) कास्टिंग दोष

●संकुचन (Shrinkage) कास्टिंग दोष

●सरंध्रता (Porosity) कास्टिंग दोष

●ड्रॉप (Drop) कास्टिंग दोष

●वार्पेज (Warpage) कास्टिंग दोष

●ब्लो होल्स (Blow Holes) कास्टिंग दोष

●पिन होल्स (Pin Holes) कास्टिंग दोष

●डर्ट (Dirt) कास्टिंग दोष

●फिन (Fin) कास्टिंग दोष

●जाला पड़ना (Honey Combing) दोष

●मिस रन (Mis Run) दोष

●कोल्ड शट (Cold Shut) दोष

●कोल्ड क्रैक (Cold Cracks) दोष

●हॉट टियर्स (Hot Tears) दोष

●फ्यूजन (Fusion) दोष

●स्लैग होल (Slag Hole) दोष

●मेटल पेनीट्रेशन (Metal Penetration) दोष

●सकैब्स (Scabs) दोष


50. शिफ्ट (Shift) कास्टिंग दोष किसे कहते हैं?

Ans - जब कास्टिंग में दो या दो से अधिक बॉक्स प्रयोग किए जाते हैं और वह ठीक प्रकार से मैच नहीं हो पाते हैं तो कास्टिंग के फलस्वरूप जो दोष होने की संभावना होती है उसे शिफ्ट (Shift) कास्टिंग दोष कहते हैं।


51. सूजन (Swelling) कास्टिंग दोष किसे कहते हैं?

Ans - जब बालू की ठीक प्रकार से रैमिंग नहीं होती है तो पिघली धातु का प्रेशर बढ़ जाने के कारण मोल्ड की केवटी किसी विशेष स्थान पर बढ़ जाती है और जब धातु बहुत तेजी के साथ डाला जाता है तो इसमें सूजन (Swelling) आ जाती है।


52. संकुचन (Shrinkage) कास्टिंग दोष किसे कहते हैं?

Ans - जब पिघली हुई धातु अनियंत्रित रूप से ठंडी होती है तो सतहो पर कुछ गड्ढे पड़ जाते हैं इस दोष को संकुचन (Shrinkage) कहते है।


53. सरंध्रता (Porosity) कास्टिंग दोष किसे कहते हैं?

Ans - जब पिघली धातु मोल्ड में डाली जाती है तो धातु कुछ गैसों को सोख लेती है परंतु जब यही गैस बाहर निकलते हैं तो सरंध्रता (Porosity) बनती है।


54. ड्रॉप (Drop) कास्टिंग दोष किसे कहते हैं?

Ans - जब मोल्ड सेंड की ग्रीन स्ट्रैंथ कम हो जाती है तो मोल्ड के ऊपरी भाग का कोई टुकड़ा टूटकर पिघली धातु में गिर जाता है जिसे ड्रॉप (Drop) कास्टिंग दोष कहते हैं।


55. वार्पेज (Warpage) कास्टिंग दोष किसे कहते हैं?

Ans - जब पिघली हुई धातु ठंडी होती है तो इसके कुछ भाग जल्दी ठंडे हो जाते हैं और कुछ देर से ठंडे होते हैं जिसके कारण ठंडा होने की दर असमान होती है इससे कास्टिंग टेढ़ा मेढ़ा हो जाता है जिसे वार्पेज (Warpage) कास्टिंग दोष कहते हैं।


56. ब्लो होल्स (Blow Holes) कास्टिंग दोष किसे कहते हैं?

Ans - जब मोल्ड में गैस रुक जाता है तो ऊपरी सतह पर 3 mm से कम व्यास के जो होल समूह मिलते हैं उसे ब्लो होल्स (Blow Holes) कहते हैं।


57. पिन होल्स (Pin Holes) कास्टिंग दोष किसे कहते हैं?

Ans - जब धातु को ढलाई करने से पहले स्टील को गैस रहित नहीं किया जाता है तो यह दोष उत्पन्न होने की संभावना रहती है।


58. डर्ट (Dirt) कास्टिंग दोष किसे कहते हैं?

Ans - जब कास्टिंग की सतह पर मोल्ड में पड़े हुए अन्य पदार्थ  कण, धूल इत्यादि चिपक जाते हैं तो डर्ट (Dirt) कास्टिंग दोष बनता है।


59. फिन (Fin) कास्टिंग दोष किसे कहते हैं?

Ans - जंहा ड्रैग और कोप मिलते हैं वँहा पर जब कोप थोड़ा ऊपर उठा रहता है तो फिन (Fin) कास्टिंग दोष आता है।


60. जाला पड़ना (Honey Combing) किसे कहते हैं?

Ans - जब कास्टिंग की सतहों पर पास पास छिद्रों का जाला बन जाता है तो उसे जाला पड़ना (Honey Combing) कहते हैं।


61. मिस रन (Mis Run) किसे कहते हैं?

Ans - जब मोल्ड में पिघली धातु अच्छी तरह से नहीं पहुंच पाती है तो इस दोष को मिस रन (Mis Run) कहते हैं।


62. कोल्ड शट (Cold Shut) किसे कहते है?

Ans - पिघली हुई धातु को मोल्ड के अंदर जब डाला जाता है तो जब पिघली धातु दो धाराओं के रूप में मोल्ड को भरती है तो यह दरार के रूप में दिखाई देती है जिसे कोल्ड शट (Cold Shut) कहते हैं।


63. हॉट टियर्स (Hot Tears) किसे कहते हैं?

Ans - धातु के ठंडे होने के बाद धातु का संकुचन होने लगता है जब डिजाइन सही नही होती है तो कास्टिग के अंदर या बाहर दरारे पड़ जाती हैं जिसे हॉट टियर्स (Hot Tears) कहते हैं।


64. फ्यूजन (Fusion) किसे कहते हैं?

Ans - जब बालू पिघली धातु का तापमान सहन नहीं कर पाती हैं तो बालू पिघल कर धातु के साथ मिल जाती हैं और कास्टिंग में जुड़ जाती हैं जिसके कारण फ्यूजन दोष उत्पन्न होता है।


65. स्लैग होल (Slag Hole) किसे कहते हैं?

Ans - ढलाई करते समय जब पिघली धातु पर से संपूर्ण मैल अच्छी तरह से साफ नहीं किया जाता है तो जो दोष उत्पन्न होता है उसे स्लैग होल (Slag Hole) कहते हैं।


66. मेटल पेनीट्रेशन (Metal Penetration) किसे कहते हैं?

Ans - जब मोल्डिंग सैंड की पारगम्यता बहुत अधिक होती है और रैमिंग कम होती है तो कास्टिंग की सतह ऊंची नीची प्राप्त होती है जिसे मेटल पेनीट्रेशन (Metal Penetration) कहते हैं।


67. सकैब्स (Scabs) किसे कहते हैं?

Ans - जब कास्टिंग की बाहरी सतह पर उभर कर असमान आकृतियां आती है तो उसे सकैब्स (Scabs) कहते हैं।


68. फैटलिंग प्रक्रम (Feltling Process) किसे कहते हैं?

Ans - मोल्ड के अंदर से निकलने वाली कास्टिंग सीधे-सीधे प्रयोग नहीं की जा सकती है क्योंकि इस पर बालू के कण इत्यादि लगे रहते हैं। इसलिए कास्टिंग के अनचाहे भागों को काटकर कास्टिंग की सफाई करने की प्रक्रिया को फैटलिंग प्रक्रम (Feltling Process) कहते हैं।


69. कास्टिंग निस्तारण (Casting of Salvaging) किसे कहते हैं?

Ans - जब कास्टिंग के दोषों को मरम्मत करके उसे दोषमुक्त किया जाता है तो इस प्रक्रिया को कास्टिंग निस्तारण (Casting of Salvaging) कहते हैं।


70. क्यूपोला के धातु निकास द्वार को क्या कहते हैं?

Ans - क्यूपोला के धातु निकास द्वार को टैप छिद्र कहते हैं।


71. क्यूपोला की शैल का व्यास कितना होता है?

Ans - क्यूपोला के शैल का व्यास 1 से 2 मीटर बनाया जाता है।


72. शॉट ब्लास्टिंग क्या होता है?

Ans - जब कास्टिंग की सतह से ऊपर शाट करके, उसकी सतह को फ़िनिशिंग किया जाता है तो यह प्रक्रिया शॉट ब्लास्टिंग कहलाती है।


73. स्नैगिंग किसे कहते हैं?

Ans - जब कास्टिंग के फिन इत्यादि इत्यादि दोषो को काटकर अलग किया जाता है तो इस प्रक्रिया को स्नैगिंग कहते हैं।


74. स्पार्क एरेस्टर का क्या मतलब होता है?

Ans - स्पार्क एरेस्टर के द्वारा चिमनी से निकली चिंगारियां को बाहर जाने से रोकता है।



ये भी पढ़े...

Post a Comment

0 Comments