Powder Metallurgy क्या है? लाभ । हानियां । प्रयोग

पाउडर मैटलर्जी (Powder Metallurgy in Hindi) -:

जब धातु को चूर्ण/पाउडर के रूप में बनाकर, एक धातु या एक धातु से अधिक धातु के पाउडर को मिलाकर, या धातु चूर्ण के साथ अधातु चूर्ण को मिलाकर जब किसी वस्तु का निर्माण किया जाता है तो यह प्रक्रिया पाउडर मैटलर्जी (Powder Metallurgy) कहलाती है।

पाउडर मैटलर्जी धातुओं और अधातुओं को आपस मे निम्न तरीके से मिलाकर कोई नया पदार्थ बनाया जाता है -

● धातु का पाउडर धातु के पाउडर में मिलाकर

● धातु का पाउडर धातु के अलाय के पाउडर में मिलाकर

● धातु का पाउडर अधातु के पाउडर में मिलाकर

● केवल एक ही धातु के पाउडर को आपस में मिलाकर


पाउडर मैटलर्जी (Powder Metallurgy in Hindi)


पाउडर मैटलर्जी में धातु के चूर्ण को रा-मटेरियल के रूप में उपयोग किया जाता है। जब आवश्यकता पड़ती है तो धातु के पाउडर को एक मोल्ड के अंदर दबा दिया जाता है और मोल्ड के अंदर दबाने के कारण धातु का पाउडर एक विशेष आकार प्राप्त कर लेता है। अब इस विशेष आकार प्राप्त किए गए धातु को मेल्टिंग/गलनांक तापमान से कुछ कम ताप पर गर्म किया जाता है। एक निश्चित तापमान पर निश्चित समय पर रखने के कारण धातुओं के पाउडर से बनी हुई धातु, सामर्थ्य प्राप्त को प्राप्त करती है। यह प्रक्रिया केवल उन धातुओं के लिए ही अच्छी होती है जिन धातुओं को सॉलि़ड फेज वेल्डिंग द्वारा जोड़ा जा सकता है। जिस धातु को सॉलि़ड फेज वेल्डिंग द्वारा नहीं जोड़ा जाता है, उन धातुओं के लिए यह प्रक्रिया असफल हो जाती है और वे सामर्थ्य नहीं प्राप्त कर पाते हैं।


पाउडर मैटलर्जी के लाभ (Advantages of Powder Metallurgy in Hindi) -:

1) पाउडर मैटलर्जी का प्रयोग करके असंभव पार्ट्स को भी अब बनाया जा सकता है। जैसे  - कॉपर लैड का बेयरिंग

2) इस प्रक्रम को करने के लिए बहुत अधिक कुशल कारीगर की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

3) इस विधि के द्वारा सरंध्र पार्ट्स भी बनाए जाते हैं।

4) पाउडर मैटलर्जी प्रक्रिया बहुत ही साफ सुथरी प्रक्रिया है।

5) पाउडर मैटलर्जी की उत्पादन दर की क्षमता अधिक होती है।

6) इस प्रक्रिया में मशीनिंग प्रक्रियाओं के समान कोई स्क्रैप इत्यादि नहीं बनता है।

7) पाउडर मैटलर्जी के द्वारा डायमंड टूल और कार्बाइड टूल भी बनाए जाते हैं।


पाउडर मैटलर्जी से हानियाँ/सीमाएं (Disadvantages of Powder Metallurgy in Hindi) -:

1) इस विधि से पार्ट्स निर्माण में कच्चे माल की लागत अधिक आती है।

2) मशीनिंग किए गए पार्ट्स की तुलना में, पाउडर मैटलर्जी  द्वारा बनाए गए पार्ट्स के अंदर गुणवत्ता कम होती है।

3) इस प्रक्रम का प्रयोग करके 2 किलोग्राम से 20 किलोग्राम तक की बड़े पार्ट्स का निर्माण किया जा सकता है।

4) इस विधि का प्रयोग करके कोई पार्ट्स बनाने पर जब उस पर दबाव आसमान हो जाता है तो घनत्व भी कम या अधिक हो जाता है।

5) अधिक उत्पादन को करने के लिए यह विधि उपयुक्त है अन्यथा नही।

6) पाउडर मैटलर्जी द्वारा पार्ट बनाने वाले उपकरण की लागत अधिक आती है।

7) कुछ धातु जो पाउडर रूप में विस्फोट कर सकते हैं उनका प्रयोग इस विधि में नहीं किया जा सकता है।


पाउडर मैटलर्जी का प्रयोग (Applications of Powder Metallurgy in Hindi) -:

1) ग्राइंडिंग व्हील का निर्माण पाउडर मैटलर्जी द्वारा किया जाता है।

2) टंगस्टन कार्बाईड जैसे टूल भी इसी प्रक्रम से बनाए जाते हैं।

3) ऐसे पार्ट्स जिनमे बहुत अधिक मशीनिंग करने की आवश्यकता होती है वह पार्ट्स पाउडर मैटलर्जी द्वारा निर्मित किए जाते हैं।

4) ऐसे पार्ट्स का निर्माण किया जाता है जिसमें दो मेटल या नॉन मेटल के गुण एक साथ होते हैं।

5) आर्मी के लिए कई पार्ट्स पाउडर मैटलर्जी द्वारा ही बनाये जाते हैं।

6) एक्स-रे ट्यूब पार्ट्स को पाउडर मैटलर्जी द्वारा बनाया जाता है।

7) पाउडर मैटलर्जी का उपयोग करके कैथोड और एनोड के कंट्रोल ग्रिड का निर्माण किया जाता है।



ये भी पढ़े....

Post a Comment

0 Comments