धातुओं का चूर्ण (Powder Metallurgy) से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न - उत्तर

धातुओं का चूर्ण (Powder Metallurgy) in hindi


1. पाउडर मेटैलर्जी (Powder Metalluragy) किसे कहते हैं?

Ans - जब रा-मटेरियल के रूप में धातु के चूर्ण के पाउडर को एक मोल्ड के अंदर वांछित आकार प्राप्त किया जाता है और अंत मे इस धातु कार्यखण्ड को मेल्टिंग तापक्रम से कुछ कम ताप पर गर्म किया जाता है। इस प्रक्रिया को पाउडर मेटैलर्जी (Powder Metalluragy) कहते हैं।


2. पाउडर मेटैलर्जी के अंतर्गत किस धातु का निर्माण किया है?

Ans - पाउडर मेटैलर्जी के अनुसार एक या एक से अधिक धातु तथा उनके अलॉय को मिलाकर या उनके साथ कुछ अधातुओं को मिला कर भी पाउडर मेटैलर्जी का कार्य जा सकता है।


3. पाउडर मेटैलर्जी (Powder Metalluragy) के दो लाभ बताइए?

Ans - पाउडर मेटैलर्जी (Powder Metalluragy) के लाभ -

●यह प्रक्रिया बहुत साफ-सुथरी है तथा अधिक उत्पादन की क्षमता रखती है।

●इस प्रक्रिया के लिए बहुत अधिक कुशल कारीगर की आवश्यकता नहीं होती है।


4. पाउडर मेटैलर्जी (Powder Metalluragy) के प्रक्रिया को कितने चरणों में पूरा किया जा सकता है?

Ans - इसे निम्न चरणों में पूरा किया जा सकता है -

१. सबसे पहले धातु का चूर्ण तैयार करना

२. धातु के चूर्ण को आपस में मिलाना

३. धातु के चूर्ण को दाब द्वारा ठोस स्वरूप प्रदान करना पर

४. ठोस स्वरूप को उष्मा प्रदान करना


5. ब्लेंडिंग (Blending) किसे कहते हैं?

Ans - धातु चूर्ण के साथ अधातु चूर्ण को मिलाने की प्रक्रिया को ब्लेंडिंग (Blending) कहते हैं।


6. कंपैक्टिंग (Compacting) किसे कहते हैं?

Ans - जब धातु के चूर्ण को डाई में रखकर उच्च दाब के प्रभाव से ठोस आकृति प्रदान करते हैं तो इस प्रक्रिया को कंपैक्टिंग (Compacting) कहते हैं।


7. कंपैक्टिंग (Compacting) कितने प्रकार के होते हैं?

Ans - कंपैक्टिंग (Compacting) निम्न प्रकार के होते हैं -

१. डाई प्रेसिंग (Die Pressing)

२. रोल प्रेसिंग (Roll Pressing)

३. एक्सट्रूजन (Extrusion)


8. डाई प्रेसिंग (Die Pressing) क्या है?

Ans - जब धातु चूर्ण को निश्चित आकार प्रदान करने के लिए डाई का प्रयोग किया जाता है तो इस प्रक्रिया को डाई प्रैसिंग कहते हैं।


9. रोल प्रेसिंग (Roll Pressing) किसे कहते हैं?

Ans - जब धातु चूर्ण को निश्चित आकार प्रदान करने के लिए दो रोलरों का प्रयोग किया जाता है तो इस प्रक्रिया को रोल प्रेसिंग (Roll Pressing) कहते हैं।


10. सिंटरिंग (Sintering) किसे कहते हैं?

Ans - ठोस आकृतियों को सामर्थ्य प्रदान करने के लिए उन्हें एक निश्चित ताप पर निश्चित समय के लिए रखा जाता है इस प्रक्रिया को सिंटरिंग (Sintering) कहते हैं।

कार्यखण्ड की सभी फाइनल सामर्थ्य तक कठोरता आदि की यांत्रिक गुण प्राप्त करने के लिए उसकी सिंटरिंग की जाती है।


11. सिंटरिंग (Sintering) कितने प्रकार के होते हैं?

Ans - यह दो प्रकार के होते हैं -

१. प्री-सिंटरिंग (Pre-Sintering)

२. सिंटरिंग (Sintering)


12. प्री-सिंटरिंग (Pre-Sintering) क्या है?

Ans - कार्यखंड को Sintering करने से पहले उसे सही साइज में प्राप्त करना तथा मशीनिंग सतह के लिए तैयार करने के लिए जो प्रक्रिया की जाती है उसे प्री-सिंटरिंग (Pre-Sintering) कहते हैं।


13. तैयार हुए धातु चूर्ण में कणों का साइज कितना रहता है?

Ans - Powder Metalluragy में कणों का साइज 10 से 20 माइक्रोन तक रहता है। परन्तु सामान्य तौर पर 10 माइक्रोन से 100 माइक्रोन तक के कणों के साइज को धातु चूर्ण ही माना जाता है।


14. पदार्थों में गुणों को पैदा करने के लिए कौन सी प्रक्रिया अपनाई जाती है?

Ans - किसी भी पदार्थ में उनके अंदर के गुणों को उत्पन्न करने के लिए निम्न प्रकार की प्रक्रियाएं अपनाई जाती हैं -

●एनीलिंग

●री-प्रेसिंग

●मशीनिंग

●पॉलिशिंग

●रोलिंग

●फोर्जिंग

●ड्राइंग

●सर्फेस ट्रीटमेंट


15. किसी भी धातु को चूर्ण बनाने के लिए कौन सी प्रक्रिया अपनाई जाती है?

Ans - धातु को चूर्ण बनाने के लिए निम्न प्रक्रिया अपनाई जाती है -

१. एटोमाइजेशन (Atomization)

२. रिडक्शन (Reduction)

३. मिलिंग (Milling)

४. हाइड्राइड तथा कार्बनिल प्रक्रिया (Hydride and Carbon Process)

५. क्रशिंग (Crushing)

६. धातु वैपरो का संघनन (Condensationnyl of Vapours)

७. विद्युत अपघटन (Electrolysis)


16. Secondary Operations of Powder Metallurgy से आप क्या समझते है?

Ans - बहुत से कार्यखंड ऐसे होते हैं जो सिंटरिंग करने के बाद भी तैयार नहीं होते हैं इन्हीं पदार्थों के सर्फेस फिनिशिंग तथा शुद्ध माप का बनाने हेतु पाउडर मेटैलर्जी का द्वितीयक प्रक्रम (Secondary Operations of Powder Metallurgy) अपनाया जाता है।


17. पाउडर मेटैलर्जी का द्वितीयक प्रक्रम कितने प्रकार के होते हैं?

Ans - यह निम्न प्रकार के होते हैं -

●मशीनिंग (Machining)

●प्लेटिंग (Plating)

●साइजिंग (Sizing)

●ऊष्मा उपचार (Heat Treatment)

●कोइनिंग (Coining)

●संसेचन (Impregnation)


18. पाउडर मेटैलर्जी के लिए मशीनिंग (Machining) क्या है?

Ans - सिंटरिंग करने के बाद जब कार्यखंड पर मशीनिंग प्रक्रिया की जाती है वह Machining कहलाती है।


19. पाउडर मेटैलर्जी में प्लेटिंग (Plating) से आप क्या समझते हैं?

Ans - वह प्रक्रिया जो कार्यखंड को संक्षारण रोधी बनाने का कार्य करता है उसे प्लेटिंग (Plating) कहते हैं।


20. पाउडर मेटैलर्जी के अनुसार साइजिंग (Sizing) की परिभाषा दीजिए?

Ans - जब किसी कार्यखंड को शुद्ध माप का बनाना होता है तो इसे सिंटरिंग करने के बाद पुनः डाई में दबाया जाता है। इस प्रक्रिया को साइजिंग (Sizing) कहते हैं।


21. पाउडर मेटैलर्जी में ऊष्मा उपचार (Heat Treatment) क्यों किया जाता है?

Ans - जब धातु के चूर्ण से बने कार्यखण्ड कठोर और सामर्थ्यवान नहीं होते हैं तो उस पर हीट ट्रीटमेंट किया जाता है ताकि वह सामर्थ्यवान और कठोर बन सकें।


22. पाउडर मेटैलर्जी में कोइनिंग (Coining) के कार्य बताइये?

Ans - सिंटरिंग करने के बाद कार्यखंड को क्रांतिक तापमान तक गर्म किया जाता है और उसके बाद फोर्ज करने वाली डाई में रखकर वांछित आकार में ढाल लिया जाता है। जिसे कोइनिंग कहते हैं।


23. संसेचन (Impregnation) किसे कहते हैं?

Ans - किसी कार्यखण्ड में स्नेहन के गुण को विकसित करने के लिए, स्नेहक को 100 ℃ तक गर्म करके उसमें कार्यखण्ड को डाल दिया जाता है और बाद में निकाल लिया जाता है जिसके कारण उस कार्यखण्ड में स्वत स्नेहन का गुण विकसित हो जाता है इस पूरी प्रक्रिया को  संसेचन (Impregnation) कहते हैं।


24. जिन धातु का गलनांक कम होता है उसका चूर्ण किस विधि से बनाया जाता है?

Ans - जिनका गलनांक कम होता है उसका चूर्ण एटोमाइजेशन विधि से बनाया जाता है।


25. क्रशिंग विधि से धातु का चूर्ण बनाने के लिए धातु का किस गुण का होना आवश्यक है?

Ans - क्रशिंग विधि से धातु का चूर्ण बनाने के लिए धातु भंगुर होना चाहिए।


26. लौह धातुओं की सिंटरिंग करने के लिए कितना तापमान होना चाहिए?

Ans - लौह धातुओं की सिंटरिंग करने के लिए 1100℃ तापमान होना चाहिए।


27. टंगस्टन के तार का प्रयोग कहां किया जाता है?

Ans - टंगस्टन के तार का प्रयोग लैंप के तंतु को बनाने के लिए किया जाता है।


28. स्वतः स्नेहित बियरिंग किसे कहते हैं?

Ans - ऐसी बियरिंग जिसमें स्नेहन करने की आवश्यकता नहीं होती है उसमें स्नेहन अपने आप होता रहता है उसे स्वतः स्नेहित बियरिंग कहते हैं।


29. हीरा संसेचन औजार (Diamond Impregnated Tool) का प्रयोग कहां किया जाता है?

Ans - इस औजार के द्वारा शीशा और पोर्सिलेन को काटा जाता है।


30. सिमेंटित कार्बाइड किसे कहते हैं?

Ans - सेंटरिंग प्रक्रिया के फलस्वरुप टंगस्टन तथा कार्बन में जब रासायनिक अभिक्रिया होती है तो टंगस्टन कार्बइड बनता है जो बहुत कठोर पदार्थ है और सीमेंट के साथ बहुत मजबूत बनाता है इसलिए इसे सिमेंटित कार्बाइड कहते हैं।


31. एटोमाइजेशन (Atomization) विधि से धातु का चूर्ण कैसे बनाया जाता है?

Ans - पिघली हुई धातु को नाजिल के माध्यम से बाहर निकाला जाता है और उस पर वायु व जल की धार से छोटे-छोटे कणों में विभाजित कर दिया जाता है। जल या वायु का प्रवाह धातु के कणों को बहाकर ले जाता है इसके बाद धातु को मैश के नंबर की छलनी में छानकर अलग कर दिया जाता है और धातु के चूर्ण को प्राप्त कर लिया जाता है।


31. विद्युत अपघटन (Electrolysis) विधि से कॉपर का चूर्ण कैसे बनाया जाता है?

Ans - कॉपर का चूर्ण बनाने के लिए टैंक में कॉपर पर एनोड तथा एलमुनियम पर कैथोड की प्लेट प्रयोग की जाती है। और जब धारा प्रवाहित की जाती है तो कैथोड (एल्युमीनियम) पर तांबे की चूर्ण जमा हो जाती है। निश्चित समय के बाद एलमुनियम की प्लेट निकाल कर उसको पानी से साफ कर दिया जाता है और ऊपर जमा हुआ कॉपर चूर्ण छुड़ा लिया जाता है तथा पीसकर बारीक चूर्ण बना लिया जाता है।


32. क्रशिंग विधि से धातु का चूर्ण कैसे बनाया जाता है?

Ans - स्टाम्प, हैमर, जा-क्रशर, इत्यादि औजार का प्रयोग करके भंगुर धातु को पीसकर के चूर्ण बना लिया जाता है।


33. मिलिंग विधि से धातु से चूर्ण बनाने की प्रक्रिया समझाइए?

Ans - सबसे पहले धातुओं को क्रेशर में पिसा जाता है, उसके बाद इसे रोलर क्रश में भी पीस दिया जाता है। और सबसे अंत में बाल मिल के अंदर इन धातु चूर्ण को बारीक पाउडर के रूप में मेश नंबरों की सहायता से पीसकर, धातु के चूर्ण को प्राप्त किया जाता है।


34. धातु वैपरो का संघनन करके धातुओं को कैसे चूर्ण बनाया जाता है?

Ans - इस विधि के द्वारा धातुओं को उबालकर वैपर बना लिया जाता है और फिर उनको संघनित करके चूर्ण बना दिया जाता है।


35. हाइड्राइड और कार्बोनिल प्रक्रिया का प्रयोग करके धातु के चूर्ण का निर्माण कैसे किया जाता है?

Ans - कुछ धातुएँ हाइड्रोजन के साथ मिलकर हाइड्राइड बनाती हैं। इन धातुओं को जब 350℃ पर गर्म किया जाता है तो वह धातु तथा हाइड्रोजन में टूट जाते हैं। तब इन्हें ठंडे चेंबर में संघनित किया जाता है तो यह पुनः गोल धातु के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं इस प्रकार हम धातु चूर्ण को छानकर प्राप्त कर लेते हैं।


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