सिन्टरिंग और प्री-सिन्टरिंग (Sintering & Pre-Sintering in Hindi) - Powder Metallurgy

सिन्टरिंग और प्री-सिन्टरिंग (Sintering & Pre-Sintering in Hindi)
सिन्टरिंग/सिन्टरण (Sintering) -:

पाउडर मैटलेर्जी के द्वारा ऐसे पदार्थों का निर्माण किया जाता है जिनका मशीनिंग करना बहुत ही कठिन होता है। इन पदार्थों की मशीनिंग विधि द्वारा सामर्थ्य नहीं उपलब्ध कराया जा सकता है। इसलिए सिन्टरिंग/सिन्टरण प्रक्रिया को प्रयोग में लाया जाता है।

इस प्रक्रिया में जो पदार्थ कंपैक्टिंग से प्राप्त होते हैं उनको सिन्टरिंग तापक्रम तक गर्म किया जाता है। सिन्टरिंग तापक्रम तक, जब पाउडर मैटलेर्जी से प्राप्त पार्ट्स को गर्म किया जाता है तो वह पार्ट्स पूर्ण सामर्थ्य को प्राप्त कर लेते हैं।

जब पाउडर मैटलेर्जी से प्राप्त पार्ट्स को उसके गलनांक के कुछ नीचे ताप ओर गर्म किया जाता है तो पार्ट्स के पाउडर कणों में स्थित परमाणु, कणों की सीमा को पार कर देते है और ये एक - दूसरे कणो में घुसकर एक साथ जा मिलते हैं। यह प्रक्रिया उन पार्ट्स के लिए अधिक उपयोगी होता है जिनका गलनांक अधिक होता है।


प्री-सिन्टरिंग (Pre-Sintering) -:

पाउडर मैटलेर्जी से प्राप्त ऐसे पार्ट्स जो सिन्टरिंग करने के बाद भी मशीनिंग नहीं किए जा सकते हैं उन पार्ट्स पर प्री-सिन्टरिंग प्रक्रिया की जाती है। जब सिन्टरिंग किए गए पार्ट्स पर प्री-सिन्टरिंग की जाती है तो उन पार्ट्स की वीमा में थोड़ा सा भी परिवर्तन नहीं होता है। प्री-सिन्टरिंग प्रक्रिया करने के बाद पार्ट्स पर मशीनिंग करना आसान हो जाता है।

प्री-सिन्टरिंग करके किसी पार्ट्स का फाइनल साइज व आकार प्राप्त किया जाता है। सिन्टरिंग के बाद मशीनिंग करने की आवश्यकता नहीं रहती है।

सिन्टरिंग किए गए पार्ट्स को जब सिन्टरिंग हुए तापक्रम से कुछ कम ताप पर पुनः गर्म किया जाता है तो इस प्रक्रिया को प्री-सिन्टरिंग (Pre-Sintering) कहते हैं।

प्री-सिन्टरिंग करने के बाद पार्ट्स में कुछ सामर्थ्य तो आ जाता है परंतु कठोरता पूरी तरह से नहीं आ पाती है। अगर किसी पार्ट्स पर कोई भी मशीनिंग प्रक्रिया नहीं करनी होती है तो उस पार्टस को प्री-सिन्टरिंग करने की आवश्यकता नहीं होती है।



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