वेल्डिंग जोड़ो के दोष (Defect of Welding Joints) से सम्बंधित प्रश्नोत्तरी

वेल्डिंग जोड़ो के दोष से सम्बंधित प्रश्नोत्तरी

1. वेल्डिंग दोष कितने प्रकार के होते हैं?

Ans - वेल्डिंग दोष दो प्रकार के होते हैं

१. बाह्य या ऊपरी दोष

२. अन्तः या अंदरुनी दोष


2. किसी वेल्डिंग के फेल होने का मुख्य कारण क्या है?

Ans - दरारे वेल्डिंग के फेल होने का मुख्य कारण है।


3. दरारे (Cracks) कितने प्रकार की होती हैं?

Ans - दरारे दो प्रकार की होती हैं -

१. बीड की ऊपरी सतह पर दिखने वाली दरारे

२. बीड के अन्तः भाग में स्थित दरारे


4. बीड कितने प्रकार की होती है?

Ans - बीड कितने तीन प्रकार की होती है

१. समतल बीड

२. उत्तल बीड

३. अवतल बीड


5. किसी वेल्डिंग किए गए कार्यखंड में बीड कैसी होनी चाहिए?

Ans - वेल्डिंग किए गए कार्यखंड में बीड एक समान होनी चाहिए।


6. स्पेटर्स (Spatters) किसे कहते हैं?

Ans - वेल्डिंग करते समय जब फीलर मेटल छिटक कर छोटे-बड़े गोलियों के रूप में कार्यखंड पर जाकर चिपक जाता है तो इस प्रक्रिया को स्पैटरिंग कहते हैं।


7. क्रैटर्स (Cratters) किसे कहते हैं?

Ans - वेल्डिंग करते समय जब वेल्डिंग पूर्ण होने वाली होती है तो इलेक्ट्रोड को बीड के अंत में से जब अचानक हटा लिया जाता है तो बीड के अंत में मेटल कम पड़ जाता है जिसे क्रेटर्स कहते हैं।


8. अंडर कट (Under cut) क्या है?

Ans - प्रारंभ में वेल्डिंग की शुरुआत करते समय जब इलेक्ट्रोड  मेटल अधिक पिघल जाता है जिसके कारण वँहा पर खाली स्थान बन जाता है जिसे अंडरकट कहते हैं।


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9. टेढ़े-मेढ़े जोड़ (Distorted Joints) किसे कहते है?

Ans - वेल्डिंग किए गए कार्यखंड में उपजा ऐसा दोष, जिसके कारण कार्यखण्ड में खिंचाव असमान हो जाता है। खिंचाव असमान होने के से उपजे दोष को टेढ़े-मेढ़े जोड़ (Distorted Joints) कहते हैं।

 

10. वेल्डिंग में Surface Porosity क्या होता है?

Ans - यह एक प्रकार का वेल्डिंग दोष है। जिसमें जब वेल्डिंग का कार्य किया जाता है तो पिघली हुई धातु में कुछ गैसे बाहर नही निकल पाती हैं जिसके फलस्वरुप जब कार्यखण्ड ठंडा होता है तो ये गैसे ऊपर आने का प्रयास करती है जिसके कारण कार्यखण्ड की ऊपरी सतह रन्ध्र हो जाती है।


11. Blow Porosity किसे कहते हैं?

Ans - यह एक वेल्डिंग दोष है जिसमे, जब वेल्डिंग का कार्य किया जाता है तो पिघली हुई धातु में कुछ गैसे बाहर नही निकल पाती हैं जिसके फलस्वरुप जब कार्यखण्ड ठंडा होता है तो ये गैसे ऊपर आने का प्रयास करती है जिसके कारण कार्यखण्ड की आंतरिक सतह में ब्लो होल (Blow Hole) बन जाते है।


12. स्लैग इन्क्लूजन (Slag Inclusion) क्या है?

Ans - वेल्डिंग में प्रयोग किए जाने वाले धातुओं में जब कोई बाहरी अधातु या कोई मेल रह जाती है तो इस प्रकार के दोष को स्लैग इन्क्लूजन (Slag Inclusion) कहते हैं।


13. Slag Inclusion दोष क्यों उत्पन्न होता है?

Ans - वेल्डिंग किए जाने वाले कार्यखंड की ठीक से सफाई ना होने के कारण स्लैग इंक्लूजन दोष होता है।


14. Lack of Metal किस प्रकार का वेल्डिंग दोष है?

Ans - ऐसा वेल्डिंग दोष, जिसमें कार्यखण्ड का वेल्डिंग करते समय जब बेस मेटल और फिलर मेटल आपस में नहीं मिल पाते है तो इसके कारण उपजे वेल्डिंग दोष को लेक ऑफ मेटल (Lack of Metal) कहते हैं।


15. पैनीट्रेशन दोष (Incomplete Penetration) किसे कहते हैं?

Ans - कार्यखंड की वेल्डिंग करते समय पिघला हुआ धातु, जब कार्यखण्ड के जड़ तक नहीं पहुंचता है तो एक प्रकार का दोष उपजता है जिसे पैनीट्रेशन दोष (Incomplete Penetration) कहते हैं।


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16. Incomplete Penetration से कार्यखण्ड पर क्या प्रभाव पड़ता है?

Ans - Incomplete Penetration से कार्यखण्ड पर निम्न प्रभाव पड़ता है -

●जोड़ टूट सकते हैं।

●दरारे पड़ जाती हैं।

●कार्यखण्ड में रिक्त स्थान रह जाता है।

●स्लैग (मैल, धूल इत्यादि) भरा रहता है।


17. ओवर लैप (Over Lap) वेल्डिंग दोष किसे कहते हैं?

Ans - वेल्डिंग करते समय इलेक्ट्रोड का पिघला हुआ धातु जब बेस मेटल को बिना पिघलाये ही जाकर उस पर जम जाता है। ऐसे वेल्डिंग दोष को ओवर लैप वेल्डिंग दोष कहते हैं।


18. कठोर और भंगुर (Hard & Brittle) वेल्डिंग दोष क्या है?

Ans - किसी कार्यखंड का वेल्डिंग करते हुए जब पिघले हुए धातु के अंदर वायुमंडल से काफी मात्रा में हाइड्रोजन अवशोषित हो जाती है तो इस प्रकार से वेल्डिंग जोड़ में जो दोष उत्पन्न होता है उसे कठोर और भंगुर (Hard & Brittle) वेल्डिंग दोष कहते हैं।


19. कार्यखंड में उपस्थित वेल्डिंग जोड़ में भंगुरता कब आती है?

Ans - वेल्डिंग जोड़ में भंगुरता आने का कारण -

●वेल्डिंग किये गए जोड़ जब तेजी से ठण्डे होते हैं।

●कार्यखण्ड को जब Pre- Heat नही किया जाता है।

●इलेक्ट्रोड में हाइड्रोजन और कार्बन की मात्रा अधिक होने पर।


20. किसी भी कार्यखंड में वेल्डिंग जोड़ बनाने के लिए, अधिक व्यास का इलेक्ट्रोड प्रयोग करने से कौन सा वेल्डिंग दोष उत्पन्न होता है?

Ans - अधिक व्यास का इलेक्ट्रोड प्रयोग करने से निम्न वेल्डिंग दोष उत्पन्न होता है -

●पैनीट्रेशन कमी

●अंडर कट

●ओवर लैप


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21. वेल्डिंग जोड़ बनाने के लिए, दीर्घ आर्क प्रयोग करने के कारण कौन कौन से दोष होते हैं?

Ans - दीर्घ आर्क प्रयोग करने के कारण उत्पन्न दोष -

●वेल्डिंग बीड विकृति

●पैनीट्रेशन दोष

●स्पैटर दोष

●ओवर लैप दोष

●भंगुरता

●सतही और आंतरिक रंध्रता

●अंडर कट

●स्लैग इन्क्लूजन दोष 


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