मशीनी अंगों पर सीधा भार और कर्तन भार (Machine Parts Subjected to Direct Load and Shear Load) से सम्बंधित प्रश्नोत्तरी

मशीनी अंगों पर सीधा भार और कर्तन भार (Machine Parts Subjected to Direct Load and Shear Load)


1. चूड़ीदार जोड़ (Threaded Connections) से क्या हानि होती है?

Ans - चूड़ीदार जोड़ से निम्न हानि होती है -

१. चूड़ियों को जब अधिक कस दिया जाता है तो ये आसफल हो जाते हैं।

२. चूड़ीदार जोड़ में लीक होने की संभावना अधिक रहती है।

३. चूड़ीदार जोड़ स्थायी जोड़ नहीं होते हैं।

४. चूड़ीदार जोड़ में जोड़ो की सतह ऊपर जंग लगने की संभावना होती है


2. चूड़ीदार जोड़ (Threaded Connections) के लाभ बताइए?

Ans - चूड़ीदार जोड़ (Threaded Connections) के प्रमुख लाभ निम्न हैं -

१. यह जोड़ सस्ते होते हैं।

२. चूड़ीदार जोड़ को शीघ्र बनाया और खोला जा सकता है।

३. चूड़ीदार जोड़ को आसानी से जोड़ा और अलग किया जा सकता है।


3. काटर जोड़ (Cotter Joint) क्या है?

Ans - ऐसा जोड़ जिसके द्वारा दो छड़ो को एक ही अक्ष पर दृढ़ता पूर्वक जोड़ा जा सकता है और यह जोड़, संपीड़न तथा तनाव दोनों ही प्रकार के भारो को सहन कर सकता है उसे काटर जोड़ कहते हैं।


4. काटर जोड़ (Cotter Joint) के लाभ बताइये?

Ans - काटर जोड़ (Cotter Joint) के लाभ निम्न हैं -

१. काट जोड़ का डिजाइन सरल व आसान होता है।

२. काटर जोड़ को आसानी से जोड़ा और निकाला जा सकता है।


5. काटर जोड़ (Cotter Joint) के हानि बताइये?

Ans - काटर जोड़ (Cotter Joint)  के हानि निम्न हैं -

१. इस डिजाइन का प्रयोग बड़े पैमाने पर निर्माण के लिए नहीं किया जा सकता है।

२. जब काटर जोड़ के लिए छेद बनाया जाता है तो मुख्य अंग कमजोर हो जाता है।


6. नकल जोड़ (Knuckle Joint) को समझाइए?

Ans - यह ऐसा जोड़ है जिसमें दो छड़ो को आपस में जोड़ा जाता है और इस जोड़ पर तनाव पर लगता है। इस पर संपीडन बल भी पारेषित किया जा सकता है जिसे नकल जोड़ (Knuckle Joint) कहते हैं।


7. नकल जोड़ के लाभ बताइए?

Ans - नकल जोड़ के लाभ निम्न हैं -

१. नकल जोड़ को शीघ्रता से बनाया और खोला जा सकता है।

२. इस  जोड़ में मरम्मत की करना आसान होती है।

३. इस जोड़ का सामान्य उपयोग मशीनों और डिवाइस आदि में किया जाता है।


8. नकल जोड़ (Knuckle Joint) का प्रयोग कहां किया जाता है?

Ans - नकल जोड़ (Knuckle Joint) का प्रयोग निम्न स्थान पर किया जाता है -

१. हैंड पंप के छड़ पर यह जोड़ लगाया जाता है।

२. साइकिल की चैन की कड़ियों पर इस बल को लगाया जाता है।

३. पूल की ढांचे के तनाव अंग पर नकल जोड़ का प्रयोग किया जाता है।


9. चूड़ीदार जोड़ (Threaded Connections) किसे कहते हैं?

Ans - चूड़ियों के आधार पर बनाये गये जोड़ को चूड़ीदार जोड़ कहते हैं।


10. कोर व्यास (Core Diameter) किसे कहते हैं?

Ans - कोर व्यास चूड़ी का न्यूनतम व्यास होता है।


11. सामान्य व्यास (Nominal Diameter) किसे कहते हैं?

Ans - यह चूड़ी का अधिकतम व्यास होता है।


12. बायलर स्थाप (Boiler Stays) कितने प्रकार के होते हैं?

Ans - यह चार प्रकार के होते हैं -

१. सीधा स्थाप (Rod Stay)

२. विकर्ण स्थाप (Gusset Stay)

३. गर्डर स्थाप (Girder Stay)

४. अनुदैर्ध्य स्थाप (Longitudinal Stay)


13. सीधा स्थाप (Rod Stay) क्या है?

Ans - यह एक वृत्ताकार अनुप्रस्थ काट वाली चूड़ीदार छड़ होती है जो दो प्लेटो के लंब रूप में रहकर उन्हें सहारने का कार्य करती है।


14. विकर्ण स्थाप (Gusset Stay) किसे कहते हैं?

Ans - इसका प्रयोग दो लम्ब प्लेटों को सहारने के लिए किया जाता है।


15. गर्डर स्थाप (Girder Stay) क्या है?

Ans - इसका प्रयोग सहारी जाने वाली प्लेट के किनारे पर किया जाता है। यह उपयुक्त अंतराल पर प्लेट के साथ बोल्ट के द्वारा लगाई जाती है।


16. कर्तन (Shearing) किसे कहते हैं?

Ans - जब पदार्थ के समतल पर लगने वाला बल पदार्थ की काटने का कार्य करता है। जिसमे पदार्थ का कर्तन होता है उसे कर्तन कहते हैं।


17. कर्तन (Shearing) कितने प्रकार के होते हैं?

Ans - कर्तन दो प्रकार के होते हैं -

१. इकहरा कर्तन

२. दोहरा कर्तन


18. इकहरा कर्तन (Single Shearing) किसे कहते हैं?

Ans - जब कर्तन प्रक्रिया केवल एक तल पर होती है तो उसे ही इकहरा कर्तन कहते हैं।


19. दोहरा कर्तन (Double Shearing) किसे कहते हैं?

Ans - जब कर्तन प्रक्रिया दो तल पर होती है तो उसे ही दोहरा कर्तन कहते हैं।



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