गियर का डिजाइन (Design Of Gear) से सम्बंधित प्रश्न और उत्तर

गियर का डिजाइन (Design Of Gear)


1. लेविस समीकरण (Lewis Equation) का सूत्र लिखिए?

Ans - Ft = fw.b.π.m.y को ही लेविस समीकरण (Lewis Equation) कहते हैं।


2. बंकिघम समीकरण का फॉर्मूला लिखिये?

Ans - FD = FT + FI + FT + 21.v(b.c. + FT)/21.v+√(b.c. + FT)

उपरोक्त समीकरण बंकिघम समीकरण कहलाता है।


3. स्पर गियर (Spur Gear) पर गतिक भार लगने के कारण बताइये?

Ans - स्पर गियर (Spur Gear) पर गतिक भार लगने के प्रमुख कारण निम्न है -

१. गियर के दांतो की प्रोफाइल में अशुद्धियों के होने के कारण गतिक भार लगता है।

२. गियर के दांतो के बीच की दूरी समान नहीं होना भी गतिक भार लगने का कारण है।

३. भार के कारण दांतो का विकसित होना भी एक कारण है।

४. भार के प्रभाव में शाफ्ट और माउंटिंग्स पीछे हो जाता है जिसे कारण भी गतिक भार लगता है।

५. गियर के दांतो के फेस पर भार का एक समान वितरण न होने के कारण भी गतिक भार लगता है।


4. गतिक भार किसे कहते हैं?

Ans - जब गियर के दांतो पर भार झटके और संघटन के रूप में लगता है इस अवस्था में लगने वाले भार को गतिक भार कहते हैं।


5. हेलिक्स कोण (Helix Angles) किसे कहते हैं?

Ans - जब दांतों की हेलिक्स रेखा, गियर शाफ्ट की केंद्र रेखा से कोण बनाता है तो उसको हेलिक्स कोण (Helix Angles) कहते हैं।


6. वृत्तीय पिच (Circular Pitch) किसे कहते हैं?

Ans - गियर के दो लगातार दांतो के समान स्थिति में, बिंदुओं के बीच शाफ्ट अक्ष के लंब और समतल में मापी गई दूरी को वृत्तीय पिच (Circular Pitch) कहते हैं। वृत्तीय पिच को अनुप्रस्थ पिच और वास्तविक पिच भी कहा जाता है।


7. लंब पिच (Normal Pitch) किसे कहते हैं?

Ans - गियर के दो लगातार दांतो के समान स्थिति में, बिंदुओं के बीच गियर दांतो के हेलिक्स कोण के लम्ब रुप मे मापी गई दूरी को लंब पिच (Normal Pitch) कहते हैं।


8. गियर बनाने के लिए किसी पदार्थ को चुनने से पहले क्या क्या विचार करना पड़ता है?

Ans - गियर बनाने के लिए किसी पदार्थ को चुनने से पहले निम्न गुणों और आवश्यकताओं पर विचार करना पड़ता है -

●पदार्थ की लागत

●पदार्थ की सामर्थ्य

●पदार्थ की घिसाई प्रतिरोधकता

●पदार्थ के चलने की समय शोर का स्तर


9. गियर को डिजाइन करते समय कौन सी बातें ध्यान रखनी चाहिए?

Ans - गियर को डिजाइन करते समय निम्न में बातें ध्यान में रखनी चाहिए -

●गियर जब चल रहा हो तो उसमें आसानी से स्नेहन का प्रबंध किया जा सके।

●गियर के चलने की दिशा बिल्कुल सीधा होना चाहिए।

●गियर कम स्थान गिरने वाला होना चाहिए।

●गियर चलते समय अधिक शोर नहीं करना चाहिए

●गियर की दांतों में अच्छा घिसाई प्रतिरोधकता होना चाहिए।

●गियर पर लगने वाले भारो के लिए उसकी सामर्थ्य पर्याप्त होनी चाहिए।


10. धरन सामर्थ्य (Beam Strength) से आप क्या समझते हैं?

Ans - गियर पदार्थ की प्रत्यास्थता सीमा के प्रतिबल का प्रयोग करने पर गियर के दांतो की धरन सामर्थ्य या स्थैतिक दांता का भार प्राप्त हो जाता है।


11. प्रतिबल संकेंद्रण (Stress Concentration) किसे कहते हैं?

Ans - बियर के दांतो की जड़ पर वह स्थान जहां पर बीयर बॉडी से जुड़ा होता है वँहा प्रतिबलों का संकेन्द्रण हो जाता है जिसे प्रतिबल संकेंद्रण (Stress Concentration) कहते हैं।


12. प्रतिबलो का संकेंद्रण (Stress Concentration) गियर पदार्थ के किन कारकों पर निर्भर करता है?

Ans - प्रतिबलो का संकेंद्रण (Stress Concentration) गियर पदार्थ के जड़ और उसके फिलेट त्रिज्या, दाब कोण, गियर के दांत की मोटाई, दाँत पर लगने वाले भार और बल पर निर्भर करता है।


13. 3600 RPM से कम पिनियन गति के लिए किस गियर का प्रयोग करना चाहिये?

Ans - 3600 RPM से कम पिनियन गति के लिए स्पर गियर (Spur Gear) का प्रयोग करना चाहिये।


14. 3600 RPM से अधिक पिनियन गति के लिए किस गियर का प्रयोग करना चाहिये?

Ans - 3600 RPM से अधिक पिनियन गति के लिए हेलिकल गियर (Helical Gear) का प्रयोग करना चाहिये।


15. शाफ्ट के सिरों पर दाब को खत्म करने के लिए किस गियर का प्रयोग करना चाहिए?

Ans - शाफ्ट के सिरों पर दाब को खत्म करने के लिए हेरिंगबोन गियर का प्रयोग करना चाहिए।


16. 15 m/s से कम की पिच रेखीय गति के लिए किस स्नेहन का प्रयोग करना चाहिए?

Ans - 15 m/s से कम की पिच रेखीय गति के लिए स्प्लाश (Splash) स्नेहन का प्रयोग करना चाहिए।


17. 15 m/s से अधिक की पिच रेखीय गति के लिए किस स्नेहन का प्रयोग करना चाहिए?

Ans - 15 m/s से कम की पिच रेखीय गति के लिए बलात या फेड स्नेहन (Pump or Fed Lubrication) का प्रयोग करना चाहिए।



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