भट्टी का ईंधन (Fuel of Furnace in Hindi) - प्रकार)

ईंधन/फ्यूल (Fuel in Hindi) -:

ईंधन एक ऐसा रासायनिक पदार्थ है जो ऑक्सीजन से अभिक्रिया करके ऑक्साइड का निर्माण करता है और अधिक मात्रा में उष्मा उत्पन्न करता है। ईंधन जलने के बाद उसमें से प्रकाश और उष्मा की उत्पत्ति होती है।

सामान्यतः कार्बन या कार्बन युक्त पदार्थ को ही ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है। आवश्यकता पड़ने पर हाइड्रोजन को भी इंधन के रूप में प्रयोग कर लिया जाता है। वैसे तो ईंधन कई प्रकार के होते हैं, परंतु हम इस पोस्ट में जानेंगे कि कास्टिंग भट्टी में प्रयोग होने वाले ईंधन कितने प्रकार के होते हैं।

ईंधन/फ्यूल (Fuel in Hindi) । प्रकार

भट्टी में प्रयोग होने वाले ईंधन के प्रकार (Type of Fuel Used in Furnace in Hindi) -:

भट्टी में प्रयोग होने वाले ईंधन को हम दो प्रकार से बांट या वर्गीकृत कर देते हैं जो निम्न है -

1. ईंधन के भौतिक अवस्था के आधार पर (According to Physical State of Fuel)

2. ईंधन प्राप्त होने के आधार पर (According to Availlability of Fuel)



1. ईंधन के भौतिक अवस्था के आधार पर (According to Physical State of Fuel in Hindi) -:

भौतिक अवस्था के आधार पर इन दोनों को तीन भागों में बांटा जाता है यह तीन प्रकार के होते हैं जो निम्न है -

A) ठोस ईंधन (Solid Fuel)

B) द्रव ईंधन (Liquid Fuel)

C) गैसीय ईंधन (Gaseous Fuel)


A) ठोस ईंधन (Solid Fuel)

ऐसे ठोस ईंधन जो ठोस अवस्था में मौजूद होते हैं उन्हें ठोस ईंधन/सॉलिड फ्यूल कहते हैं। जैसे - कोक, चारकोल, एंथ्रेसाइट, शेल (Shale) इत्यादि।


B) द्रव ईंधन (Liquid Fuel) -

ऐसे ईंधन जो द्रव अवस्था में मौजूद होते हैं उन्हें द्रव ईंधन/लिक्विड फ्यूल कहते हैं। जैसे - पेट्रोलियम, खनिज तेल, मिट्टी का तेल पेट्रोल इत्यादि।


C) गैसीय ईंधन (Gaseous Fuel)

ऐसे ईंधन जो गैस अवस्था में रहते हैं और दिखाई नहीं देते हैं ऐसे ईंधन को गैसीय ईंधन कहते हैं। जैसे - प्राकृतिक गैस, कोल गैस, मीथेन गैस, जल गैस इत्यादि।



2. ईंधन के प्राप्त होने के आधार पर (According to Availlability of Fuel in Hindi) -:

कुछ ईंधन ऐसे होते हैं जो प्राकृतिक में पहले से मूल रूप में उपस्थित होते है और कुछ ईंधन ऐसे होते हैं जिन्हें मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बनाया जाता है प्राप्त होने के आधार पर इन ईंधन को दो भागों में बांटा गया है। यह दो प्रकार के होते हैं -

A) प्रकृतिक या मूल ईंधन (Natural or Fundamental Fuel)

B) कृत्रिम या सेकेंडरी ईंधन (Synthetic or Secondary Fuel)


A) प्राकृतिक या मूल ईंधन (Natural or Fundamental Fuel) -

ऐसे ईंधन जो प्रकृति में उपलब्ध होते हैं इन्हें प्रयोगशाला या कार्यशाला में बनाने की आवश्यकता नहीं होती है ऐसे ईंधन को प्राकृतिक या मूल ईंधन/ नेचरल फ्यूल कहते हैं। जैसे - शेल (Shale), प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम, लिग्नाइट इत्यादि।


B) कृत्रिम या सेकेंडरी ईंधन (Synthetic or Secondary Fuel) -

ऐसे ईंधन जिसका निर्माण कई पदार्थों से मिलाकर, मानव द्वारा निर्मित किया जाता है उस ईंधन को कृत्रिम ईंधन या सेकेंडरी/सिंथैटिक फ्यूल कहते हैं। जैसे - पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल, अल्कोहल, मीथेन गैस इत्यादि।



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