टंगस्टन इनर्ट गैस वेल्डिंग (Tungsten Inert Gas or TIG Welding in Hindi)
TIG Welding


टंगस्टन इनर्ट गैस वेल्डिंग (Tungsten Inert Gas or TIG Welding in Hindi)

टंगस्टन इनर्ट गैस वेल्डिंग 1940 में प्रचलित हुई। इस वेल्डिंग के द्वारा पहले केवल एल्युमीनियम और मैग्नीशियम के एलाय ही वेल्डिंग किये। परन्तु कुछ समय बाद में सभी धातुओं की वेल्डिंग इसके द्वारा की जाने लगी।

इस वेल्डिंग में एक Non-Consumable इलेक्ट्रोड होता है जो टंगस्टन का बना होता है। इसे एक इलेक्ट्रोड होल्डर में लगा दिया जाता है और इस इलेक्ट्रोड होल्डर में एक इनर्ट गैस आती है जो इलेक्ट्रोड तथा वेल्ड मेटल को सुरक्षित आवरण प्रदान करती है। वेल्ड मेटल को इनर्ट गैस द्वारा सुरक्षित आवरण प्रदान करने के कारण ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन, वेल्ड मेटल पर अपना कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाते हैं।

Tungsten Inert Gas एक ऐसी वेल्डिंग है जिसमें डी.सी. और ए.सी. दोनों प्रकार के पावर का प्रयोग किया जाता है. जब डी.सी. का प्रयोग किया जाता है तो इलेक्ट्रोड को हमेशा कैथोड बनाते हैं और इलेक्ट्रोड का व्यास  0.5 mm से 6.5 mm तक रहता है। इस वेल्डिंग के लिए 5 एंपियर से 650 एंपियर तक करंट प्रयोग किया जाता है।  TIG वेल्डिंग गन में जब 100 एंपियर तक की धारा बहती है तो इसको हवा द्वारा ठंडा किया जाता है परंतु जैसे ही 100 एंपियर से अधिक की धारा TIG वेल्डिंग गन में से होकर गुजरती है तो इसे पानी के द्वारा ठंडा करना पड़ता है।

टंगस्टन इनर्ट गैस वेल्डिंग में फ्लक्स के स्थान पर इनर्ट गैस द्वारा धातु की शील्डिंग की जाती है। इनर्ट गैस के रूप में आर्गन और हीलियम का ही प्रयोग किया जाता है, क्योंकि आर्गन भारी गैस होती है और इसे नियंत्रित करना भी आसान होता है। कभी-कभी तो इनर्ट गैस के रूप में आर्गन और हीलियम का मिश्रण शील्डिंग के लिए प्रयोग किया जाता है।

Tungsten Inert Gas आर्क वेल्डिंग में एलुमिनियम तथा मैग्नीशियम धातु या उसके अलाय की वेल्डिंग करने के लिए AC मशीनें प्रयोग की जाती है जबकि अन्य किसी प्रकार की धातुओं को वेल्डिंग करने के लिए DC मशीन का प्रयोग किया जाता है। जब भी DC मशीन का प्रयोग  इस वेल्डिंग में किया जाता है तो इलेक्ट्रोड को कैथोड बनाया जाता है।

इस वेल्डिंग में वेल्ड मेटल को वायुमंडल के प्रभाव से बचाने के लिए शिल्डिंग गैस के रूप में आर्गन और हीलियम आदि का प्रयोग किया जाता है और इसके सिलेंडर को नीले रंग से रंग दिया जाता है। TIG आर्क वेल्डिंग में कम करंट पर एयर कूल्ड वेल्डिंग टॉर्च और अधिक करंट के लिए वाटर कूल्ड वेल्डिंग टॉर्च का प्रयोग किया जाता है।


टंगस्टन इनर्ट गैस वेल्डिंग के लाभ (Advantages of TIG Welding)

1. इस वेल्डिंग का प्रयोग करने से कार्यखंड के क्षेत्र उष्मा से कम प्रभावित होते हैं।

2. जब इस वेल्डिंग का प्रयोग किया जाता है तो स्पेटरिंग की समस्या नहीं होती है।

3. टंगस्टन इनर्ट गैस वेल्डिंग में पेनिट्रेशन अच्छा और गहरा बनता है।

4. इस वेल्डिंग को करने से वेल्ड पुल में मेटल जमा करने की दर अधिक होती है।

5. इस वेल्डिंग के लिए शुष्क इलेक्ट्रोड प्रयोग करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

6. किसी भी स्थिति के लिए इस वेल्डिंग का प्रयोग किया जा सकता है।

7. TIG वेल्डिंग द्वारा लगभग सभी प्रकार की धातुओं की वेल्डिंग की जाती है।


टंगस्टन इनर्ट गैस वेल्डिंग से हानि (Disadvantages of TIG Welding)

1. इस वेल्डिंग में प्रयोग होने वाले उपकरण अधिक महंगे आते हैं।

2. TIG आर्क वेल्डिंग करने के लिए कुशल कार्य के सकता पड़ती है।

3. इस वेल्डिंग प्रक्रिया में रख-रखाव का खर्च अधिक आता है।

4. इस वेल्डिंग में प्रयोग होने वाले सेट-अप पोर्टेबल नहीं होते हैं।


टंगस्टन इनर्ट गैस वेल्डिंग के प्रयोग (Application of TIG Welding)

1. टंगस्टन इनर्ट गैस वेल्डिंग के द्वारा सभी प्रकार की कार्बन, स्टील, कॉपर तथा उनके मिश्र धातु की वेल्डिंग की जाती है।

2. इस वेल्डिंग के द्वारा एलमुनियम तथा उसकी मिश्र धातुये   मैग्नीशियम तथा उसकी मिश्र धातुओं की वेल्डिंग भी इसी कब द्वारा की जाती है।

3. टाइटेनियम, जीरकोनियम तथा सोना-चांदी आदि को भी वेल्ड किया जाता है।


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