इलेक्ट्रॉन बीम वेल्डिंग क्या है? Electron Beam Welding in Hindi । लाभ । प्रयोग

इलेक्ट्रॉन बीम वेल्डिंग मशीन की खोज

इलेक्ट्रॉन बीम वेल्डिंग का प्रयोग जर्मनी के भौतिकशास्त्री कार्ल हेंज स्टीगरवाल्ड (Karl-Heinz Steigerwald) ने किया था। कार्ल हेंज स्टीगरवाल्ड इलेक्ट्रॉन बीम वेल्डिंग के भिन्न-भिन्न अनुप्रयोगों पर ही काम कर रहे थे। कार्ल हेंज स्टीगरवाल्ड द्वारा विकसित इलेक्ट्रान बीम वेल्डिंग मशीन 1958 में कार्य में आने लगी थी।


इलेक्ट्रॉन बीम वेल्डिंग मशीन


इलेक्ट्रॉन बीम वेल्डिंग (electron beam welding in hindi)

तेज गति आ रहे इलेक्ट्रॉन का कार्यखण्ड के सतह टकराने से प्राप्त उष्मा द्वारा धातुओं का फ्यूज होकर आपस में वेल्डिंग  जोड़ बनाना इलेक्ट्रॉन बीम वेल्डिंग कहलाती है।


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यह ऐसी वेल्डिंग है जिसमें तेज गति से आ रहे इलेक्ट्रान जब कार्यखण्ड की सतह पर टकराते हैं तो उष्मा उत्पन्न होती है यह उत्पन्न उष्मा धातुओं को गलाने के लिए पर्याप्त होती है। धातुओं के गलने के फलस्वरूप जोड़े जाने वाली कार्यखण्ड आपस मे मिलकर वेल्डिंग जोड़ बनाते हैं।
इलेक्ट्रॉन को कार्यखण्ड की सतह पर तेज गति से भेजने के लिए इलेक्ट्रॉन गन बीम (Electron Gun Beam) का प्रयोग किया जाता है।

Electron Gun Beam में टंगस्टन का एक फिलामेंट लगा होता है। टंगस्टन को विद्युत द्वारा 2000 डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया जाता है इस फिलामेंट से जितने भी इलेक्ट्रान निकलते हैं उन सभी पर ऋण आवेश होता है और इन इलेक्ट्रान को कैथोड द्वारा Repelled किया जाता है। यह इलेक्शन एनोड के बीच में से बने छिद्र से निकलते हैं। कार्यखंड पर इन इलेक्ट्रॉनों को फोकस करने के लिए इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फोकसिंग कायल का प्रयोग किया जाता है। इस फोकस बिंदु का व्यास 0.75mm से 3mm का हो सकता है।

इलेक्ट्रॉन गन बीम (Electron Gun Beam) से निकलने वाले इलेक्ट्रॉन की गति 30000 km/s से 120000 km/s रहती है। जब इलेक्ट्रॉन वेल्डिंग सतह पर टकरा जाती है तो इलेक्ट्रान की गति टकराने के बाद कम हो जाती है।
इस वेल्डिंग में जोड़े जाने वाली सतहों के मध्य 0.050mm से 0.075mm की दूरी होती है। जैसे अन्य वेल्डिंग में वेल्डिंग करने से पहले सतह की सफाई की होती है वैसे ही इस वेल्डिंग में भी सतह की सफाई की जाती है।

इलेक्ट्रॉन बीम वेल्डिंग में कार्यखण्ड को फिक्चर पर लगा दिया जाता है और कार्यखण्ड और Fixture को डिमैग्नेटाइज किया जाता है। कार्यखण्ड और Fixture का डिमैग्नेटाइज करने का मुख्य कारण यह है कि वेल्डिंग करते समय इलेक्ट्रॉन बीम का अपवर्तन नही होता है।

इलेक्ट्रॉन बीम वेल्डिंग में कार्यखण्ड को एक ट्राली पर लोड करके , पूरे चैम्बर में निर्वात पंप के द्वारा निर्वात उत्पन्न किया जाता है। उच्च निर्वात वेल्डिंग गन में 10^-4 से 10^-5 Torr का निर्वात उत्पन्न किया जाता है।


इलेक्ट्रान बीम वेल्डिंग के लाभ

1. इस वेल्डिंग के द्वारा जो जोड़ बनाए जाते हैं वह अच्छी गुणवत्ता के होते हैं।

2. इलेक्ट्रॉन बीम वेल्डिंग के द्वारा वेल्डिंग जोड़ तेजी के साथ बनाए जाते हैं।

3. इलेक्ट्रॉन बीम वेल्डिंग में जो जोड़ बनते हैं उनकी वेलडन बीड एरिया कम होती है।

4. इस वेल्डिंग के द्वारा जो ऊष्मा उत्पन्न होती है उस उष्मा से कार्यखंड पर बहुत ही कम क्षेत्र प्रभावित होते हैं।

5. इलेक्ट्रान बीम वेल्डिंग में उच्च निर्वात होता है जिसके कारण टिटेनियम और जिरकोनियम इत्यादि धातुओं का वेल्डिंग आसानी से किया जा सकता है।

6. इस वेल्डिंग में सबसे अधिक Depth of Width का अनुपात प्राप्त होता है।

7. इलेक्ट्रान बीम वेल्डिंग करते समय बहुत अच्छा कंट्रोल रखा जाता है।


इलेक्ट्रान बीम वेल्डिंग के प्रयोग

1. इस वेल्डिंग के द्वारा बारिक फायल से लेकर 50mm मोटी  चादरों को आसानी से वेल्ड किया जा सकता है।

2. उच्च गुणवत्ता के लिए इस वेल्डिंग का प्रयोग किया जाता है।

3. जब अधिक मात्रा में उत्पादन करना होता है तब इलेक्ट्रान बीम वेल्डिंग का प्रयोग किया जाता है।

4. इलेक्ट्रान बीम वेल्डिंग का प्रयोग परमाणु ऊर्जा संस्थानों में तथा ऐसे ही अन्य बड़े संस्थानों में किया जाता है।

5. इस वेल्डिंग के द्वारा अलग-अलग प्रकृति की मेटल को भी आसानी से जोड़ा जाता है।


इलेक्ट्रॉन बीम वेल्डिंग से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी

1. तेज गति से आ रहे इलेक्ट्रान जब कार्यखण्ड की सतह पर टकराते हैं तो उष्मा उत्पन्न होती है।

2. इलेक्ट्रॉन बीम वेल्डिंग में इलेक्ट्रॉन को कार्यखण्ड की सतह पर तेज गति से भेजने के लिए इलेक्ट्रॉन गन बीम (Electron Gun Beam) का प्रयोग किया जाता है।

3. जोड़े जाने वाली सतहों के मध्य 0.050mm से 0.075mm की दूरी छोड़ी जाती है।

4. डिमैग्नेटाइज करने से इलेक्ट्रॉन बीम का अपवर्तन नही होता है।

5. जिस चैम्बर में कार्यखण्ड को रखा जाता है उसमें निर्वात उत्पन्न किया जाता है।

6. इलेक्ट्रान बीम वेल्डिंग की खोज कार्ल हेंज स्टीगरवाल्ड (Karl-Heinz Steigerwald) ने किया था।

7. 1958 में पहली इलेक्ट्रान बीम वेल्डिंग मशीन का पूर्ण रूप से बन गई थी।

8. टकराने वाली इलेक्ट्रान की गति 30000 km/s से 120000 km/s रहती है। जो टकराने के बाद कम हो जाती है।


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