स्पॉट वेल्डिंग (Resistance Spot welding in hindi)

Spot Welding में तांबे के दो इलेक्ट्रोड लगे होते हैं इन दोनों इलेक्ट्रोड को मजबूती के साथ सही तरीके से कस कर पकड़ा जाता है।  इलेक्ट्रोड One Step Down Welding Transformer के द्वारा कम से कम 6 वोल्ट से 10 वोल्ट के उच्च धारा पर प्राप्त किया जाता है। स्पॉट वेल्डिंग में रिवेट का डिजाइन बदले बिना ही जोड़ लगाया जाता है।


स्पॉट वेल्डिंग । Spot welding in hindi। प्रकार


स्पॉट वेल्डिंग  करने के लिए निम्न चरणों (Step) को पूरा होता है-

1. सबसे पहले कार्यखण्ड को सही तरीके से इलेक्ट्रोड के बीच में रखा जाता है।

2. फुट पेडल को दबाते हैं जिससे इलेक्ट्रोड को कार्यखंड के पास लाया जा सके।

3. कार्यखंड में जिस जगह जोड़ लगाना होता है उस स्थान से विद्युत गुजार दिया जाता है और यह विद्युत जैसे ही प्रतिरोध के संपर्क में आती है वहां पर उष्मा उत्पन्न होना Start हो जाता है।

4. जिस स्थान पर जोड़ लगाना होता है वहां पर पर्याप्त मात्रा में दाब लगाना अनिवार्य होता है क्योंकि जहां पर दाब लगेगा वहीं पर प्रतिरोध उत्पन्न होती है।

5. कार्यखण्ड पर तब तक दाब लगाया जाता है जब तक वेल्डिंग जमकर ठोस अवस्था में ना आ जाए। और जैसे ही वेल्डिंग ठोस अवस्था में आ जाती है कार्यखंड को दाब से मुक्त कर दिया जाता है।

6. ठोस अवस्था मे कार्यखण्ड जब आ जाता है तो इलेक्ट्रोड को हटा दिया और मशीन को भी कार्यखंड से अलग कर दिया जाता है।


स्पॉट वेल्डिंग मशीन के प्रकार (types of Spot welding machines in hindi)

A) Press type

B) Portable Spot Welding Machine

C) Rocker Arm Type या Horn Type


A) प्रेस टाइप (Press type in hindi)

स्पॉट वेल्डिंग द्वारा मोटी प्लेटों को जोड़ने के लिए प्रेस टाइप मशीन प्रयोग की जाती है। चूंकि मोटी प्लेटों को जोड़ने के लिए अधिक दबाब की आवश्यकता होती है जो प्रेस टाइप मशीन कर देता है। रॉकर आर्म टाइप मशीन की तुलना में प्रेस टाइप मशीन मोटी प्लेटों को पकड़ने में सक्षम होता है, और अधिक दबाब देता है। प्रेस टाइप मशीन 5 से 500 K.V.A. की क्षमता तक उपलब्ध होती है। इस मशीन में लगा ऊपरी इलेक्ट्रोड गतिमान अवस्था में होता है। इस गतिमान इलेक्ट्रोड को चलाने के हाइड्रोलिक या न्यूमेटिक सिलेंडर का प्रयोग किया जाता है। प्रेस टाइप मशीन (Press Type Machine) में इलेक्ट्रोड को आसानी से फिट किया जाता है। इस मशीन का एक और लाभ यह है कि इसमें कार्यखंड को भी चलाया जा सकता है। प्रेस टाइप मशीन मध्यम और भारी कार्यखंडों को वेल्डिंग करने के लिए उपयुक्त है।


B) Portable Spot Welding Machine in hindi

इस वेल्डिंग मशीन में पोर्टेबल गन का प्रयोग किया जाता है स्पॉट वेल्डिंग में एक साथ बहुत से कार्यखंड लगे होते हैं जिन्हें एक साथ पकड़ना और हैंडल करना आसान नहीं होता है। इसलिए पोर्टेबल स्पॉट मशीन में पोर्टेबल गन का प्रयोग किया जाता है इस वेल्डिंग मशीन के द्वारा ट्रक, कार तथा रेलगाड़ी इत्यादि के डिब्बों की बॉडी में स्पॉट वेल्डिंग का कार्य सफलतापूर्वक पर आसानी से किया जा सकता है।


C) Rocker Arm Type या Horn Type (in hindi)

Resistance spot welding में सबसे अधिक प्रयोग Rocker Arm Type मशीन का किया जाता है। इस मशीन में इलेक्ट्रोड पर दबाव देने के लिए रॉकर आर्म टाइप मशीन में लगे पेडल को दबा दिया जाता है।  इससे इलेक्ट्रोड पर दाब पड़ने लगता है। दाब को नियंत्रित करने के लिए अर्थात कम , अधिक करने के लिए स्प्रिंग के ऊपर लगे हुए नट का प्रयोग किया जाता है। स्पॉट वेल्डिंग मशीन में लगे रोलर और ब्लैंक क्रैंक के द्वारा मशीन में आने वाले करंट को on और off किया जाता है। इस मशीन में एक सेटिंग्स होती है Cam , जिस सेटिंग के द्वारा समय निश्चित किया जाता है।

जब हम Rocker Arm Type या Horn Type मशीन से वेल्डिंग करते हैं तो इस मशीन में लगने वाले समय का निर्धारण कार्यखंड की मोटाई के अनुसार किया जाता है। यह समय 0.25 से 1.5 सेकंड तक होता है।

मशीन में जाने वाले करंट की मात्रा किसके द्वारा नियंत्रित की जाती है।


स्पॉट वेल्डिंग के प्रयोग (spot welding application in hindi)

1. इस वेल्डिंग का सबसे अधिक प्रयोग ट्रक, ट्रैक्टर, बस, कार, स्कूटर, मोटरसाइकिल इत्यादि की बॉडी बनाने के लिए किया जाता है।

2. स्पॉट वेल्डिंग यांत्रिक सामर्थ्य प्रदान करते हैं। परंतु यह वाटर प्रूफ और एयर प्रूफ नहीं होते हैं।

3. स्पॉट वेल्डिंग का प्रयोग धातु चादरों में लैप जॉइंट बनाने के लिए किया जाता है।

4. इस वेल्डिंग में रेवेटिंग के स्थान पर लैप जॉइंट चढ़ाया जाता है।



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