वर्टिकल वेल्डिंग (Vertical Welding in Hindi)

ऐसी वेल्डिंग, जिसमें वेल्डिंग बीड को वेल्डिंग टेबल के Vertical दिशा में बनाना पड़ता है, इस प्रकार की वेल्डिंग को वर्टिकल वेल्डिंग (Vertical Welding) कहते हैं।

वर्टिकल वेल्डिंग (Vertical Welding in Hindi)

इस वेल्डिंग को नीचे से ऊपर की दिशा में या फिर कभी-कभी ऊपर से नीचे की दिशा में वेल्डिंग किया जाता है। ऊपर से नीचे की दिशा में वेल्डिंग करने से पिघला हुआ धातु, गुरुत्वाकर्षण बल के कारण नीचे गिरने का भय रहता है। इस पिघले हुए धातु को रोकने के लिए कंही आधार नहीं मिल पाता है।

वर्टिकल वेल्डिंग में पतले कार्यखण्ड को एक ऑपरेटर के द्वारा पूर्ण किया जा सकता है, परंतु जब मोटे कार्यखण्ड को वेल्डिंग करना होता है तो दो ऑपरेटरों की आवश्यकता पड़ती है।

इस वेल्डिंग में फिलर रॉड का कोण 30° रहता है और वेल्डिंग टॉर्च का कोण, कार्यखण्ड की मोटाई के अनुसार 25° से 90° के बीच में रहता है।

वर्टिकल वेल्डिंग में जब वेल्डिंग प्रारंभ करते हैं तो सबसे पहले एक सुराख बना लिया जाता है और उस सुराख को फिलर मेटल की सहायता से भरते जाते हैं और ऊपर चलते जाते हैं इस प्रकार से वेल्डिंग होती जाती है।


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