वेल्डिंग करने की वह प्रक्रिया जिसमें वेल्डिंग किए जाने वाले धातु के किनारों को पिघलने तक गर्म किया जाता है और पिघलने के बाद उन्हें आपस में मिला दिया जाता है। और जब यह पिघली हुई धातु ठंडी हो जाती है और ठोस रूप ले लेती है तो आपस में जुट जाती है। इस प्रकार धातुओं को आपस मे जोड़ने की यह प्रक्रिया फ्यूजन वेल्डिंग (Fusion Welding) कहलाती है।

साफ शब्दों में कहा जाए तो, Fusion Welding , वेल्डिंग जोड़ लगाने की एक ऐसी विधि है जिसमे जोड़ने वाले धातुओं को आपस मे पिघलाकर जोड़ा जाता है और जब metal की आवश्यकता होती है तो उस आवश्यकता को फिलर रॉड द्वारा पूरा किया जाता है। जब धातुओं को पिघलाया जाता है तो वो पिघलकर कुछ कम हो जाते है जिसकी कमी को फिलर रॉड पूरा करता है।

फ्यूजन वेल्डिंग में वेल्डिंग किए जाने वाले धातु के किनारों को पिघलने तक गर्म किया जाता है और उन्हें तब तक पिघलाया जाता है जब तक वह पिघल कर आपस में एक दूसरे में मिल ना जाए और जब कहीं पिघले हुए किनारों में मेटल की कमी होती है तो Filler Rod को पिघलाकर मेटल की कमी की आवश्यकता को पूरा किया जाता है। इस प्रकार Weld Metal तथा Filler Metal आपस में Filler Rod के द्वारा ही मिक्स कर दिए जाते हैं और जब यह पिघली हुई धातु ठंडी होकर ठोस रूप ले लेती है तो मजबूत Welding Joint बना देती है।


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फ्यूजन वेल्डिंग करने के कई तरीके हैं और कई विधियां हैं जो फ्यूजन वेल्डिंग करने के लिए उपयुक्त हैं फ्यूजन वेल्डिंग को निम्न प्रकार से बांटा गया है-


Fusion Welding के प्रकार-


Fusion Welding in hindi
फ्यूज़न वेल्डिंग के प्रकार



1. आर्क वेल्डिंग (Arc Welding)

ऐसी वेल्डिंग जिसमे धातुओं पिघलाने के लिए आवश्यक ऊष्मा को विद्युत आर्क बनाकर इकट्ठा किया जाता है इस प्रकार की वेल्डिंग , आर्क वेल्डिंग कहलाती है।


आर्क वेल्डिंग (Arc Welding) के प्रकार-

A) मेटल आर्क वेल्डिंग (Metal Arc Welding)

ऐसी वेल्डिंग  जिसमें कार्यखण्ड की वेल्ड होने वाली सतह और फिलर रॉड, जब दोनों पिघलती हैं और ठंडी होकर आपस मे वेल्ड जोड़ बनाती हैं तो इस प्रकार की वेल्डिंग आर्क वेल्डिंग कहलाती है। मेटल आर्क वेल्डिंग (Metal Arc Welding) को निम्न भागों में बांटा गया है।


●मैनुअल मेटल आर्क वेल्डिंग (Mannual Metal Arc Welding)

जब धातुओं की आर्क वेल्डिंग मैनुअल रूप से और धातुओं पर फ्लक्स कोटेड इलेक्ट्रोड का प्रयोग किया जाता है तो ऐसी वेल्डिंग को मैनुअल मेटल आर्क वेल्डिंग (Mannual Metal Arc Welding) कहते हैं।

●सब्मर्जड आर्क वेल्डिंग (Submerged Arc Welding)

यह एक ऐसी सेमी ऑटोमैटिक मेटल आर्क वेल्डिंग है जिसमें कॉपर कोटेड इलेक्ट्रोड का उपयोग होता है तथा bead और आर्क पूरी तरह से फ्लक्स में डूबी रहती है

●मिग वेल्डिंग (MIG Welding)

जब मेटल आर्क वेल्डिंग , अक्रिय गैस वातावरण में अर्ध स्वचालित रूप से की जाती है तो यह वेल्डिंग, MIG वेल्डिंग कहलाती है।

●मैग वेल्डिंग (MAG Welding)

जब मेटल आर्क वेल्डिंग, कार्बन डाई ऑक्साइड के वातावरण में अर्ध स्वचालित रूप से की जाती है तो इस प्रकार की वेल्डिंग , MAG वेल्डिंग कहलाती है।


B) कार्बन आर्क वेल्डिंग (Corbon Arc Welding)

ऐसा वेल्डिंग प्रोसेस जिसमें कार्बन के इलेक्ट्रोड और कार्यखण्ड के मध्य बनी आर्क की ऊष्मा से धातु को पिघलाकर आपस में जोड़ा जाता है।


C) टिग वेल्डिंग (TIG Welding)

Tig वेल्डिंग में नॉन कंज्यूमेबिल इलेक्ट्रोड , टंगस्टन धातु का बना होता है। इस इलेक्ट्रोड को पकड़ने के लिए विशेष प्रकार का होल्डर प्रयोग में लाया जाता है।


D) आर्क स्टड वेल्डिंग (Arc Stud Welding)

ऐसा वेल्डिंग जिसमे किसी बड़ी मशीन पर स्टूड, बोल्ट, रिवेट या इसी प्रकार की धातु को रखकर वेल्डिंग किया जाता है। आर्क स्टड वेल्डिंग (Arc Stud Welding) कहलाता है।


E) परमाणु हाइड्रोजन वेल्डिंग (Atomic Hydrogen Welding)

इसमें दो टंगस्टन के तारों के बीच आर्क बनाकर पैदा किया जाता है तथा कार्यखंड को ऊष्मा , आर्क और तथा परमाणु हाइड्रोजन के टकराने से मिलती है। ऊष्मा मिलते ही धातु पिघलने लगता है। धातु पिघलकर आपस मे एक दूसरे जुड़ जाते हैं।


F) प्लाज्मा आर्क वेल्डिंग (Plasma Arc Welding)

वैसे तो सभी आर्क प्लाज्मा ही होती है परन्तु प्लाज्मा आर्क वेल्डिंग में एक विशेष प्रकार की प्लाज्मा आर्क होती है। इस प्रकार के वेल्डिंग में कभी इलेक्ट्रोड का प्रयोग किया जाता है तो कभी इलेक्ट्रोड का प्रयोग नही किया जाता है।


2. गैस वेल्डिंग (Gas Welding)

यह ऐसी वेल्डिंग है जिसमें दो कार्यखंडो को जोड़ने के लिए उनकी सतह को पिघलाकर आपास में जोड़ा जाता है और उनकी सतह को पिघलाने के लिए ऊष्मा की आवश्यकता होती है और इस ऊष्मा को ईंधन गैसो को जलाकर प्राप्त किया जाता है। इसी कारण इसको गैस वेल्डिंग भी कहा जाता है। इसमें  गैसीय ईंधन को जलाकर ऊष्मा प्राप्त किया जाता है।


3. थर्मिट वेल्डिंग (Thermit Welding)

थर्मिट पाउडर को बेरियम पराक्साइड के साथ जलाने पर जो ऊष्मा प्राप्त होती है उसी से धातुओं को पिघलाकर उन्हें आपस मे जोड़ा जाता है इस प्रकार से होने वाली वेल्डिंग थर्मिट वेल्डिंग (Thermit Welding) कहलाती है। थर्मिट पाउडर को आयरन ऑक्साइड व एल्यूमीनियम पाउडर को आपस मे मिलाकर बनाया जाता है।


4. इलेक्ट्रान बीम वेल्डिंग (Electron Beam Welding)

कार्यखण्ड की सतह पर जब तेजी के साथ इलेक्ट्रान गिरते हैं तो ऊष्मा उत्तपन होती है ये ऊष्मा धातु को पिघलाने के लिए पर्याप्त होती है। इस प्रकार प्राप्त ऊष्मा से धातु को वेल्डिंग करने की विधि इलेक्ट्रान बीम वेल्डिंग (Electron Beam Welding) कहलाती है।


5. इलेक्ट्रो स्लैग वेल्डिंग (Electro Slag Welding)

ऐसी वेल्डिंग जिसमें पिघला हुआ मेल (Slag) ही फिलर मेटल वायर और कार्यखण्ड की सतह को प्लास्टिक स्टेज तक लाता है और धातुओं को आपस मे जोड़ता है। ऐसे वेल्डिंग को इलेक्ट्रो स्लैग वेल्डिंग (Electro Slag Welding) कहते हैं।


6. लेज़र बीम वेल्डिंग (Laser Beam Welding)

Laser Beam के द्वारा वेल्डिंग करने की प्रक्रिया लेज़र बीम वेल्डिंग (Laser Beam Welding) कहलाती है।


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