आर्क वेल्डिंग किसे कहते हैं? प्रकार

आर्क वेल्डिंग (Arc Welding) किसे कहते हैं?

ऐसी वेल्डिंग जिसमे धातुओं पिघलाने के लिए आवश्यक ऊष्मा को विद्युत आर्क बनाकर इकट्ठा किया जाता है इस प्रकार की वेल्डिंग , आर्क वेल्डिंग कहलाती है। इस वेल्डिंग में जिन धातुओं को आपस जोड़ना होता है उन्हें पहले आर्क  के द्वारा पिघलाया जाता है और दोनों के बीच मे 1mm से 10mm की दूरी होने के कारण ये एक दूसरे में मिल जाते हैं और जब धातु की कमी महसूस होती है तो आर्क उत्पन्न करने वाला इलेक्ट्रोड उसे पूरा करता रहता है।

Arc Welding का पूरा नाम Asset Reconstruction Company Welding है।


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आर्क वेल्डिंग (Arc Welding) के प्रकार -

आर्क वेल्डिंग (Arc Welding) को कई भागों में बांटा गया है जो निम्नलिखित है।

A) मेटल आर्क वेल्डिंग (Metal Arc Welding)

B) कार्बन आर्क वेल्डिंग (Corbon Arc Welding)

C) टिग वेल्डिंग (TIG Welding)

D) आर्क स्टड वेल्डिंग (Arc Stud Welding)

E) परमाणु हाइड्रोजन वेल्डिंग (Atomic Hydrogen Welding)

F) प्लाज्मा आर्क वेल्डिंग (Plasma Arc Welding)

उपरोक्त सभी प्रकार के वेल्डिंग के बारे में विस्तार से बताया गया है।

Arc Welding के प्रकार
आर्क वेल्डिंग के प्रकार


A) मेटल आर्क वेल्डिंग (Metal Arc Welding)

ऐसी वेल्डिंग  जिसमें कार्यखण्ड की वेल्ड होने वाली सतह और फिलर रॉड, जब दोनों पिघलती हैं और ठंडी होकर आपस मे वेल्ड जोड़ बनाती हैं तो इस प्रकार की वेल्डिंग आर्क वेल्डिंग कहलाती है। इस वेल्डिंग में आर्क का तापमान 5000 डिग्री सेल्सियस के नीचे नहीं होता है। इसी कारण जब वेल्डिंग करने वाला क्षेत्रफल छोटा होता है तो अधिक तापमान होने के कारण वेल्डिंग बहुत ही जल्दी जल्दी हो जाती है।

मेटल आर्क वेल्डिंग (Metal Arc Welding) में कार्यखण्ड और फिलर रॉड के मध्य निम्न विधियों द्वारा आर्क आसानी से सफलतापूर्वक बनाया जाता है।


●मैनुअल मेटल आर्क वेल्डिंग (Mannual Metal Arc Welding)

●सब्मर्जड आर्क वेल्डिंग (Submerged Arc Welding)

●मिग वेल्डिंग (MIG Welding)

●मैग वेल्डिंग (MAG Welding)

उपरोक्त विधियों का वर्णन नीचे किया गया है।


मैनुअल मेटल आर्क वेल्डिंग (Mannual Metal Arc Welding)

जब धातुओं की आर्क वेल्डिंग , मैनुअल रूप से और धातुओं पर फ्लक्स कोटेड इलेक्ट्रोड का प्रयोग करते हुए किया जाता है तो ऐसी वेल्डिंग को मैनुअल मेटल आर्क वेल्डिंग (Mannual Metal Arc Welding) कहते हैं। Arc Welding Process में सबसे अधिक प्रयोग Mannual Metal Arc Welding का ही किया जाता है।  क्योंकि यह process सबसे सस्ता और आसान होने के साथ-साथ मजबूती प्रदान करने वाला होता है।


सब्मर्जड आर्क वेल्डिंग (Submerged Arc Welding)

यह एक ऐसी सेमी ऑटोमैटिक मेटल आर्क वेल्डिंग है, जिसमें कॉपर कोटेड इलेक्ट्रोड का उपयोग होता है तथा bead और आर्क पूरी तरह से फ्लक्स में डूबी रहती है। Submerged शब्द का अर्थ ही "डूबा हुआ" होता है। इसी कारण इस वेल्डिंग में आर्क पुरी तरह से वेल्डिंग के फ्लक्स में डूबा रहता है।

Submerged Arc Welding में आर्क को कॉपर कोटेड इलेक्ट्रोड और बेस मेटल में ही बनाया जाता है। जब वेल्डिंग प्रारम्भ की जाती है तो Hopper द्वारा फ्लक्स बिछता चला जाता है और उसके पीछे-पीछे वेल्डिंग इलेक्ट्रोड बेस मेटल में फीड होता जाता है और आर्क को बनाते हुए आगे बढ़ता है। इसी वेल्डिंग करने की सेमी ऑटोमेटिक प्रक्रिया कहा जाता है। जब आर्क बनना आरंभ होता है तो बेस मेटल और इलेक्ट्रोड पिघलने लगते हैं और साथ ही कुछ फ्लक्स भी पिघलने लगते है। फ्लक्स , बेस मेटल और इलेक्ट्रोड पिघलकर weld bead के ऊपर safety cover का निर्माण करते हैं।


मिग वेल्डिंग (MIG Welding)

जब मेटल आर्क वेल्डिंग, अक्रिय गैस (ऑर्गन या हीलियम) के वातावरण में की जाती है तो यह वेल्डिंग, MIG वेल्डिंग कहलाती है। अक्रिय गैस के रूप में ऑर्गन या हीलियम या दोनों का मिश्रण प्रयोग किया जाता है। इस अक्रिय गैस को इनर्ट गैस भी कहते हैं। MIG वेल्डिंग का पूरा नाम Metal Inert Gas है।

इस वेल्डिंग में कार्यखण्ड और इलेक्ट्रोड के मध्य आर्क बनाकर ऊष्मा उत्पन्न की जाती है। यह उत्पन्न उष्मा कार्यखण्ड के वेल्डिंग करने वाली सतह और इलेक्ट्रोड को पिघलाकर एक मिश्रण बनाती है। इस वेल्डिंग में प्रयोग होने वाली इलेक्ट्रोड पर कोई फ्लक्स नही चढ़ा रहता है। वेल्डिंग होने वाली धातुओं को वायुमण्डल में उपस्थित ऑक्सीजन और नाइट्रोजन गैस से बचाने के लिए   इनर्ट गैस का कवच प्रदान किया जाता है। और active गैस के रूप में इनर्ट गैस का प्रयोग किया जाता है।


मैग वेल्डिंग (MAG Welding)

जब मेटल आर्क वेल्डिंग, कार्बन डाई ऑक्साइड के वातावरण में अर्ध स्वचालित रूप से की जाती है तो इस प्रकार की वेल्डिंग , MAG वेल्डिंग कहलाती है। MAG वेल्डिंग का पूरा नाम Metal Active Gas है। इसे GMAW (Gas Metal Arc Welding) के नाम से भी जाना जाता है। इस वेल्डिंग में कार्यखण्ड और इलेक्ट्रोड के मध्य आर्क बनाकर ऊष्मा उत्पन्न की जाती है। यह उत्पन्न उष्मा कार्यखण्ड के वेल्डिंग करने वाली सतह और इलेक्ट्रोड को पिघलाकर एक मिश्रण बनाती है। इस वेल्डिंग में प्रयोग होने वाली इलेक्ट्रोड पर कोई फ्लक्स नही चढ़ा रहता है। वेल्डिंग होने वाली धातुओं को वायुमण्डल में उपस्थित ऑक्सीजन और नाइट्रोजन गैस से बचाने के लिए   इनर्ट गैस का कवच प्रदान किया जाता है। और active गैस के रूप में कॉर्बन डाई ऑक्साइड प्रयोग की जाती है।


B) कार्बन आर्क वेल्डिंग (Corbon Arc Welding)

ऐसा वेल्डिंग प्रोसेस जिसमें कार्बन के इलेक्ट्रोड और कार्यखण्ड के मध्य बनी आर्क की ऊष्मा से धातु को पिघलाकर आपस में जोड़ा जाता है। इस प्रकार की वेल्डिंग , कार्बन आर्क वेल्डिंग (Corbon Arc Welding) कहलाती है। इस आर्क वेल्डिंग में धातु के इलेक्ट्रोड के स्थान पर कॉर्बन के ग्रेफाइट का उपयोग इलेक्ट्रोड के लिए किया जाता है। ये कॉर्बन के इलेक्ट्रोड Coated और Non-Coated होते हैं। कॉर्बन, वैद्युत का सुचालक होता है इसलिए इसका धारा घनत्व अधिक होता है। कार्बन के इलेक्ट्रोड और कार्यखण्ड धातु के मध्य बनी आर्क से बनी उष्मा के द्वारा धातु को पिघलाकर वेल्डिंग जोड़ बनाया जाता है।


C) टिग वेल्डिंग (TIG Welding)

TIG वेल्डिंग में नॉन कंज्यूमेबिल इलेक्ट्रोड , टंगस्टन धातु का बना होता है। इस इलेक्ट्रोड को पकड़ने के लिए विशेष प्रकार का होल्डर प्रयोग में लाया जाता है। इस इलेक्ट्रोड होल्डर में एक inert gas प्रयोग की जाती है जो इलेक्ट्रोड और वेल्ड होने वाली मेटल को safety प्रदान करती है। जिसके कारण ऑक्सीजन और नाइट्रोजन जैसी गैसे इलेक्ट्रोड और वेल्ड होने वाली मेटल पर कोई दुष्प्रभाव नही छोड़ पाती हैं।

TIG वेल्डिंग का पूरा नाम Tungsten Inert Gas Welding है। TIG Welding 1940 में इंडस्ट्रीज में शुरू हुई थी। शुरुआत के समय मे मैग्नीशियम और एल्युमीनियम धातु के ही वेल्डिंग किये जाते थे। परन्तु बाद में सभी धातुओं की वेल्डिंग इससे की जाने लगी।


D) आर्क स्टड वेल्डिंग (Arc Stud Welding)

ऐसा वेल्डिंग जिसमे किसी बड़ी मशीन पर स्टूड, बोल्ट, रिवेट या इसी प्रकार की धातु को रखकर वेल्डिंग किया जाता है। यह आर्क स्टड वेल्डिंग (Arc Stud Welding) कहलाता है। आर्क की ऊष्मा से स्टूड जैसे पार्ट का सिर पिघलने अवस्था तक गर्म हो जाता है। और बॉडी में एक Weld pool बन जाता है। पिघलने अवस्था तक गर्म होने के बाद इसी अवस्था में पार्ट को Weld Pool में डुबो दिया जाता है। weld pool का मेटल इधर उधर न बहे इसके लिए एक विशेष प्रकार का जोड़ बनाया जाता है।


E) परमाणु हाइड्रोजन वेल्डिंग (Atomic Hydrogen Welding)

इसमें दो टंगस्टन के तारों के बीच आर्क बनाकर पैदा किया जाता है। इसमें कार्यखंड को ऊष्मा , आर्क तथा परमाणु हाइड्रोजन के टकराने से मिलती है। यह हाइड्रोजन गैस ही वेल्ड मेटल को सुरक्षा प्रदान करती है। ऊष्मा मिलते ही धातु पिघलने लगता है। धातु पिघलकर आपस मे एक दूसरे जुड़ जाते हैं। परमाणु हाइड्रोजन वेल्डिंग में जो आर्क बनता है यह दोनों टंगस्टन इलेक्ट्रोड के मध्य बनता है और हाइड्रोजन गैस को इसके ऊपर से गुजरने दिया जाता है जिससे हाइड्रोजन अपने परमाणुओं में विभक्त हो जाता है। हाइड्रोजन को परमाणु में विभक्त होने के लिए आवश्यक उष्मा आर्क से मिल जाती है।


F) प्लाज्मा आर्क वेल्डिंग (Plasma Arc Welding)

वैसे तो सभी आर्क प्लाज्मा ही होती है परन्तु प्लाज्मा आर्क वेल्डिंग में एक विशेष प्रकार की प्लाज्मा आर्क होती है। इसमें 2 इनर्ट गैसे होती हैं जिसमें एक गैस प्लाज्मा आर्क बनाती है और दूसरी इनर्ट गैस इस प्लाज्मा आर्क को सुरक्षा प्रदान करती है। इस प्रकार के वेल्डिंग में कभी इलेक्ट्रोड का प्रयोग किया जाता है तो कभी इलेक्ट्रोड का प्रयोग नही किया जाता है। 



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