पेंट करने की विधियां (Methods of Painting in Hindi)

हम अपने चारों तरफ देखते हैं प्रत्येक वस्तु का कोई ना कोई रंग होता है, जिसमें से लगभग बहुत सारी वस्तुएं किसी न किसी रंग से रंगी गई होती है। इन सभी वस्तुओं को रंगने या पेंट करने के लिए अलग-अलग और विभिन्न प्रकार की विधियों का प्रयोग किया जाता है। आज हम पेंट करने की विभिन्न तरीको के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। इस लेख में आपको बताया जाएगा कि लोहे की सतह पर पेंट कैसे करें, दीवार पर पेंट कैसे करें, लकड़ी पर पेंट कैसे करें, किसी भी धातु पर पेंट कैसे करें व अन्य पदार्थों पर पेंट कैसे करें तो आइए जानते हैं कि पेंट करने की विभिन्न विधियां और प्रकार कौन से हैं।


सतह पेंटिंग करने के प्रकार (Type of Painting in Hindi) -:

किसी भी धातु या अन्य सतह पर पेंट करने के लिए निम्न तरीकों या विधियों का इस्तेमाल किया जाता है -
1. हस्त पेन्टिंग (Manual Painting)
2. फुहार पेन्टिंग (Spray Painting)
3. डीप पेन्टिंग (Deep Painting)
4. रोलर पेन्टिंग (Roller Painting)

फुहार पेन्टिंग

1. हस्त पेन्टिंग (Manual Painting) -:

हस्त पेंटिंग मतलब हाथ से पेंट करना होता है। जब हस्त पेंटिंग का प्रयोग किया जाता है तो हाथ से ब्रुश द्वारा पेंट करना पड़ता है। हस्त पेन्टिंग (Manual Painting) में जो ब्रुश प्रयोग किया जाता है उसका निर्माण घोड़े के बालों से किया जाता है या फिर सूअर के बालों से किया जाता है। हाथ द्वारा पेन्ट करने के लिए सबसे पहले पेंट का घोल बनाया जाता है और उसमें ब्रुश को डूबाकर पेंट करने वाली सतह पर एक समान लगाया जाता है। इस प्रकार से ब्रुश द्वारा संपूर्ण सतह पर एक बराबर या एक समान पेंट लगाने की प्रक्रिया को हस्त पेन्टिंग (Manual Painting) कहलाती है। पेंट करते समय सतह की पेंटिंग करते समय ब्रुश को 2 या 3 बार फैलाकर सतह की पेंटिंग कर दी जाती है। ब्रुश के द्वारा पेंट करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि सता पर इसके निशान ना पड़े।
हस्त पेंटिंग में सबसे पहले पतला पेंट लगाया जाता है जिससे सतह में बने छोटे-छोटे छिद्र या दरारें भर जाते हैं।  इस प्रकार दूसरी बार सतह पर पेन्ट लगाते हैं और जब दूसरी बार भी पेन्ट सूख जाता है तो तीसरी बार पेन्ट लगाया जाता है। इस प्रकार तीसरी बार पेंट लगाने के बाद जब सतह सूख जाती है तो हमें चिकनी एवं आकर्षक सतह प्राप्त हो जाती है। हस्त पेंटिंग द्वारा जब पेंट किया जाता है तो पेंटिंग का कार्य धीरे-धीरे होता है और पेंट की गई सतह अधिक भी चिकनी या चमकदार प्राप्त नहीं होती है अर्थात हमें वांछित पेंटिंग नहीं प्राप्त होती है। हस्त पेंटिंग का प्रयोग सबसे अधिक पूलों, सड़कों और अन्य प्रकार की पेंटिंग करने में इस्तेमाल किया जाता है।

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2. फुहार पेन्टिंग (Spray Painting) -:

फुहार पेन्टिंग एक ऐसी विधि है जिसमें पेंट को एक फुहार के रूप में पेंटिंग की जाने वाली सतह पर डाली जाती है अर्थात पेन्ट को बारीक कणो के रूप में अर्थात फुहारों के रूप में सतह पर छिड़काव करते हुए डाला जाता है। जब फुहार पेंटिंग अथवा स्प्रे पेंटिंग का प्रयोग किया जाता है तो पेंटिंग की जाने वाली सतह चमकदार और फिनिशिंग प्राप्त होती है।
फुहार पेन्टिंग (Spray Painting) तीन प्रकार के होते हैं अर्थात इनको तीन भागों में बांटा गया है जो निम्न हैं -

१. वायु रहित फुहार पेंटिंग (Airless Spray Painting)

२. संपीडीत वायु फुहार पेंटिंग (Compressed  Air Spray Painting)

३. स्थैतिक विद्युत फुहार पेंटिंग (Electro Static Spray Painting)


१. वायु रहित फुहार पेंटिंग (Airless Spray Painting) -:

इस विधि से पेंटिंग करने के लिए एक उच्च दाब की द्रव पंप का सहारा लिया जाता है। इस उच्च दाब द्रव पंप (High Pressure Fluid Pump) के द्वारा पेंट को उच्च गति पर बारीक कणों के रूप में विभाजित करके सतह पर छिड़काव कराया जाता है। जब Airless Spray Painting का उपयोग किया जाता है तो पेंट पर पंप के सहारे निकालने के लिए लगभग 120 किलोग्राम प्रति सेंटीमीटर स्क्वायर का दाब डाला जाता है। यह ध्यान देने योग्य बात है कि इसमें संपीड़ित वायु का प्रयोग नहीं किया जाता है। इस विधि का प्रयोग करके कम समय में बड़ी सतहों पर आसानी से पेंट किया जा सकता है


२. संपीडीत वायु फुहार पेंटिंग (Compressed  Air Spray Painting) -:

इस विधि में संपीड़ित वायु तथा फुहार गन का प्रयोग किया जाता है। संपीड़ित वायु के साथ एक वायु की टंकी भी लगी रहती है जिसमें संपीड़ित वायु को स्टोर करके रखा जाता है। टंकी के अंदर वायु हरी रहती है और इस वायु के दाब को मापने के लिए एक दाबमापी प्रयोग की जाती है तथा इसके बगल में एक सुरक्षा वॉल्व लगा होता है। टंकी में से वायु निकालने के लिए Hose Pipe का उपयोग किया जाता है। टंकी में वायु की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए वायु कॉक भी लगा होता है। Compressed  Air Spray Painting विधि में फुहार गन में पेंट को भर लिया जाता है। यह फुहार गन दाब के सहारे पेंट को बारीक कणो के रूप में बाहर निकाल देती है। फुहार गन में लगे कि Trigger को जब दबाया जाता है तो पेंट बाहर निकालती है और जो फुहार गन को नहीं दबाया जाता है तो पेंट बाहर नहीं निकलती है। संपीड़ित वायु फुहार गन एक ऐसी विधि है जिसमें पेंट बहुत ही कम व्यर्थ होता है और इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि इस विधि का प्रयोग करते हुए पेंटिंग सतह पर पेंट की पतली और एक समान पेंटिंग की जाती है।


३. स्थैतिक विद्युत फुहार पेंटिंग (Electro Static Spray Painting) -:

इस विधि से सतह की पेंटिंग करने के लिए तेजी से घूमते हुए कप के किनारों द्वारा पेन्ट को छिड़काव करके सतह की पेंटिंग की जाती है। इस विधि में भी पेंट बारीक कणों के रूप में फुहार के रूप में होती है परंतु पेंट को बारीक कणो कि रूप में विभाजित करने के लिए स्थैतिक विद्युत क्षरण का उपयोग किया जाता है। स्थैतिक विद्युत क्षरण के द्वारा जब प्रिंट को बारीक किया जाता है तो यह उच्च आवेशित कणों के रूप में बदल जाते हैं जिसके कारण यह धातु सतह पर आकर्षित होते हैं और सतह पर अच्छी तरह से चिपक जाते हैं। Electro Static Spray Painting विधि से जब पेंट किया जाता है तो बहुत ही कम पेंट खर्च होता है। इस विधि में 10000 वोल्ट से 100000 वोल्ट की विद्युत धारा का उपयोग किया जाता है।


3. डीप पेन्टिंग (Deep Painting) -:

यह पेंटिंग करने की ऐसी विधि है जिसमें पेंटिंग की जाने वाली सतह को पेन्ट में डूबाकर बाहर निकाल लिया जाता है। यह पेंट करने की एक बहुत ही सरल और आसान विधि होती है जिसका प्रयोग बहुत बड़े पैमाने पर किया जाता है। डीप पेंटिंग के माध्यम से ऐसी वस्तुओं को भी पेंट किया जाता है जिनके सतह की फिनिशिंग अच्छी नहीं होती है।
किसी भी सतह पर डीप पेन्टिंग (Deep Painting) करने की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके द्वारा खोखली वस्तुओं की आंतरिक सतहों पर भी आसानी से पेंट किया जा सकता है साथ साथ बड़े छिद्रों इत्यादि का भी इससे पेन्ट किया जा सकता है। अन्य पेंटिंग विधियों के द्वारा आंतरिक सतह की पेंटिंग करना आसान नहीं होता है परंतु इसके द्वारा बहुत ही सरलतापूर्वक आंतरिक सतह की पेंटिंग आसानी से की जा सकती है।


4. रोलर पेन्टिंग (Roller Painting) -:

यह ऐसी विधि है जिसमें समतल सतह पर पेंटिंग रोलर के द्वारा रोल करके किया जाता है। जब रोलर पेंटिंग का प्रयोग किया जाता है तो पेंटिंग की जाने वाली सतह की फिनिशिंग उच्च प्राप्त होती है। इस विधि के द्वारा सबसे अधिक पेंट टिन के प्लेटों, कागजों और दिवारो पर किया जाता है। रोलर पेंटिंग विधि के द्वारा जिस सतह पर पेंटिंग की जाती है उस सतह को घूमने वाले रोलरों के बीच गुजार कर पेंटिंग की प्रक्रिया पूर्ण की जाती है।



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