पेंटिंग के प्रमुख दोष और उनके उपचार । Painting Defect and Repair in Hindi

पेंटिंग करते समय भिन्न प्रकार के कई बार दोष उत्पन्न हो जाते हैं यह दोष कैसे उत्पन्न होते हैं इनका कारण और उपचार इन किया गया है। पेंटिंग के दोषों को क्रमानुसार दर्शाया गया है और उनका निवारण अर्थात उपचार भी बताया गया है।

पेंटिंग करते समय उत्पन्न होने वाले दोष और उनके उपचार -:

1. ब्रुश के निशान (Marks of Brushing)

2. चमक में कमी (Lack of Shinning)

3. जाली पड़ना (Crazing)

4. गीले धब्बे (Wet Spots)

5. ऑरेंज पील (Orange Peel)

6. उत्थापन (Lifting)

7. स्पिटिंग (Spitting)

8. रन (Run)

9. ढकने में कमी (Lack of Cover)

पेंटिंग के प्रमुख दोष और उनके उपचार । Painting Defect and Repair in Hindi

1. ब्रुश के निशान (Marks of Brushing) -:

यह ऐसा दोष है जब सतह पर पेंट लगा दिया जाता है तो पेंट के सूखने के बाद ब्रुश के निशान दिखाई पड़ते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पेंट जब गाढ़े होते हैं तब वे ठीक से फैल नहीं पाते हैं जिसके कारण यह दोष उत्पन्न हो जाता है।

उपचार - जब यह दोष उत्पन्न हो जाता है तो इसके निवारण के लिए सबसे पहले ब्रुश के निशान वाली सतह को सूखने पर रेगमाल के द्वारा रगड़ कर बराबर करने का प्रयास करना चाहिए और उसके बाद पतला पेंट बना लेना चाहिए और पतले पेंट को पेंटिंग की सतह पर बनी पहली रेखाओं व निशान के लंबवत ब्रुश से पेंट करना चाहिए।


2. चमक में कमी (Lack of Shinning) -:

जब सतह के आवश्यकता के अनुसार पेंट का चुनाव नहीं किया जाता है तो पेंटिंग की गई सतह चमकीली ना हो करके फीके रंग की लगने लगती है तथा यह दोष पेंट के घटिया क्वालिटी के कारण भी उत्पन्न हो जाता है।

उपचार - पेंट का चुनाव पेंटिंग की जाने वाली सतह की आवश्यकता के अनुसार करना चाहिए और पेंट लेते समय घटिया क्वालिटी का पेंट नही लेकर बल्कि उच्च गुणों वाला पेंट लेना चाहिए।


3. जाली पड़ना (Crazing) -:

पेंटिंग करते समय जब पेंट की पहली परत लगा दी जाती है और जब उसको पर्याप्त मात्रा में सूखने नहीं दिया जाता है और उसके तुरंत बाद ही पेन्ट की दूसरी परत भी लगा दी जाती है तो यह दोष उत्पन्न हो जाता है।

उपचार - पेंट की पहली परत लगाने के बाद थोड़ा धैर्य रखते हुए पहली परत को पर्याप्त मात्रा में सूख जाने दे और उसके बाद पेन्ट की दूसरी परत को सतह पर लगाना चाहिए।


4. गीले धब्बे (Wet Spots) -:

पेंटिंग करने वाले सतह को जब अच्छी तरह से साफ नहीं किया जाता है और उस पर ग्रीस या किसी अन्य प्रकार के धूल इत्यादि कण रह जाते हैं तो उस पर पेंटिंग करने के बाद भी वहां पर गीला ही बना रहता है अर्थात गीला धब्बा बना रहता है।

उपचार - गीले धब्बों को हटाने के लिए सबसे पहले गीले धब्बे वाले स्थान के पेंट के सतह को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए और उसके बाद दोबारा पेंट करना चाहिए। इस प्रकार करने से धब्बों वाली सतह पर गीला धब्बा नहीं बनेगा और पूरी सतह एक समान हो जाएगी।


5. ऑरेंज पील (Orange Peel) -:

यह दोष उत्पन्न होने का मुख्य कारण स्प्रे गन को पकड़ने की तकनीक ना सही होने के कारण होता है। जब स्प्रे गन को पेंटिंग होने वाली सतह के अधिक पास या अधिक दूर पकड़ा जाता है तो स्प्रे गन का वायु दबाव कम या अधिक होता रहता है जिसके फलस्वरूप यह ऑरेंज पील दोष उत्पन्न होता है। इस दोष के उत्पन्न होने के कारण सतह पर अनेक गड्ढे बन जाते हैं और कई उभार आ जाते हैं।

उपचार - गड्ढे बने हुए सतह पर थिनर का छिड़काव करने से उभार वाले स्थान का पेंट पुनः आस पास के पेन्ट में घुल जाता है और गड्ढे भर जाते हैं।


6. उत्थापन (Lifting) -:

यह ऐसा दोष है जिसके कारण पेंट की गई सतह पर से पेंट की पपड़ियां छूटने लगती हैं। इस दोष के होने का मुख्य कारण है कि पेंटिंग सतह पर अस्तर लेप ठीक तरीके से नहीं किया जाता है और सतह से धूल, ग्रीस आदि अच्छी तरह से साफ नहीं किया जाता है, जिसके फलस्वरूप तथा उत्पाथन दोष (Lifting) उत्पन्न होता है।

उपचार - इस दोष के निवारण के लिए सतह पर, जिस स्थान से पपड़ियां छूटती है वहां रेगमाल लेकर पेंटिंग सतह को साफ करना चाहिए और फिर से पेंट करना चाहिए।


7. स्पिटिंग (Spitting) -:

स्प्रे गन में पेंट डालने से पहले जब पेंट को छाना नहीं जाता है और उस पेंट का छिड़काव सतह पर कर दिया जाता है तो स्पिटिंग दोष उत्पन्न हो जाता है क्योंकि इस पेंट में पेंटिंग ना करने योग्य अनावश्यक पदार्थ होते हैं, जो स्पिटिंग दोष के कारण बनते हैं।

उपचार - पेंट को स्प्रे गन में डालने से पहले अच्छी तरह से छानकर स्प्रे गन में डालना चाहिए।


8. पेंटिंग में रन (Run) -:

जब पेंटिंग होने वाली सतह पर अधिक पेंट लग जाता है या पेंट लगने के बाद जब पेंट बहने लगता है तो रन (Run) दोष उत्पन्न होता है।

उपचार - जहां पर पेंट बह गया हो या अधिक में पेन्ट लग गया हो वहां की सतह को सूख जाने दें और सूखने के बाद पेंट को पूरी तरह से हटा दें। पेंट को हटाने के लिए रेगमाल का सहारा लेना चाहिए। जैसे ही पेंट को खुरचकर हटाया जाता है वहां पर पुनः पेंट कर देना चाहिए।


9. ढकने में कमी (Lack of Cover) -:

पेंट का घोल बनाने के लिए आवश्यक पदार्थों का मिश्रण ठीक प्रकार से नहीं किया जाता है और पेंट भी घटिया क्वालिटी का होता है तो यह दोष उत्पन्न होता है। पेंटिंग सतह पर पेंट करने से पेन्ट, पेंटिंग सतह को अच्छी तरह से ढक नहीं पाता है जिस फलस्वरूप यह दोष उत्पन्न हो जाता है। स्प्रे गन में पेंट भर कर छोड़ देने से पेंट गाढ़ा बनने लगता है, जिससे पेन्ट में मिले हुए कण नीचे बैठने लगता है और यह दोष उत्पन्न हो जाता है।

उपचार - इस दोष का निवारण करने के लिए पेंट का घोल बनाते समय उसे अच्छी तरह मिलाना चाहिए और पेंट को स्प्रे गन में डालकर नहीं छोड़ना चाहिए।


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