लैकर (Lacquers) के अवयव

लैकर के अवयव (Constituents of Lacquers in Hindi) -:

लैकर के प्रमुख अवयव निम्नलिखित हैं -

1. आधार पदार्थ (Base Materials)

2. प्लास्टिसाइजर (Plasticizer)

3. तनुकारक (Diluents)

4. विलायक (Solvent)

लैकर के अवयव (Constituents of Lacquers in Hindi)

1. आधार पदार्थ (Base Materials) -: 

Lacquers का निर्माण करते समय निम्नलिखित आधार पदार्थों का उपयोग किया जाता है।

. सेल्यूलोज उत्पाद (Cellulose Products)

२. रेजिन (Resins)


१. सेल्यूलोज उत्पाद (Cellulose Products) -:

Lacquers में आधार पदार्थों को बनाने के लिए सेल्यूलोज उत्पादों में मुख्य रूप कुछ प्रमुख पदार्थ आते हैं। समान्यतः सेल्यूलोज उत्पादों के अंतर्गत नाइट्रोसेल्यूलोज (Nitrocellulose), सेल्यूलोज एसीटेट (Cellulose Acetate) तथा इथाइल सेल्यूलोज (Ethyl Cellulose) आदि आते हैं।

सेल्यूलोज उत्पादों का उपयोग करके लैकरों में जल प्रतिरोधकता, कठोरता तथा टिकाऊपन जैसे गुणों को विकसित किया जाता है।


२. रेजिन्स (Resins) -:

Lacqures को बनाने हेतु रेजिन्स में प्रमुखतः कैटरगम (Catergum), डामर (Darnmar) तथा कोपल (Copal) आदि का प्रयोग किया जाता है। कृत्रिम रेजिन्स में आमतौर पर फिनॉल एल्डिहाइड तथा एल्किड (Phenol Aldehyde and Alkyd) प्रयोग में आते हैं। रेजिन्स का उपयोग करने से लैकर में आसंजन करने वाले तथा जल प्रतिरोधी गुण विकसित होते हैं। तथा रेजिन लैकर्स की वास्तविक चमक बनाये रखने का कार्य करते हैं।


2. प्लास्टिसाइजर (Plasticizers) -:

लैकर्स में प्लास्टिसाइजर्स के मिलाने से उनकी भंगुरता कम (Brittleness हो जाती है तथा आसंजन करने वाले गुणों में वृद्धि होती है। लैकर्स में महत्वपूर्ण प्लास्टिसाइजर्स मिलाये जाते हैं। अरंडी का तेल (Coster Oil), डाइब्यूटिल थैलेट (Dibutyl Thalate), ब्यूटिल स्टीरेट (Butyl Stearate), ट्राइकेसिल फॉस्फेट (Tricresyl Phosphate) जैसे अवयव प्लास्टिसाइजर्स में मिलाए जाते हैं। 


3. तनुकारक (Diluents) -:

तनुकारक ऐसे अवयव होते हैं जो विलायकों में घुलनशील होते हैं। आमतौर पर कोलतार उत्पाद (Coaltar Products), टाल्यूल (Toluol), बेन्जाल (Banzol), विलायक नेप्या (Solvent Naptha), पेट्रोलियम उत्पाद (Petroleum Products), पेट्रोलियम नेप्था (Petroleum Naptha ) जैसे तनु कारकों को प्रयोग में लाया जाता है। जब निकरों में तनु कारकों के मिश्रित किया जाता है तो Lacquers की श्यानता कम हो जाती है जिससे प्रवाहशीलता में वृद्धि आती है। अगर तनुकारक पदार्थों का प्रयोग किया जाता है तो Lacquers की लागत में वृद्धि होती है।


4. विलायक (Solvents) -:

लैकर में विलायक पदार्थों के रूप में  इंस्टर (Easters), किटोन (Ketones), ईयर (Ethers), एल्कोहल (Alcohol) पदार्थो का उपयोग होता है। विलायक पदार्थ के अंदर यह गुण होता है कि ये आधार पदार्थों को अपने में घोल लेते हैं तथा रंग वर्णकों को ससपेंड कर देते हैं।


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