कृत्रिम चुंबक (Artificial Magnets) किसे कहते हैं? प्रकार & उपयोग

कृत्रिम चुंबक (Artificial Magnets in Hindi) -:

ऐसी चुंबक जो मानव द्वारा कृत्रिम रूप से बनाए जाते हैं ऐसे चुम्बकों को कृत्रिम चुंबक (Artificial Magnets) कहा जाता है।

कृत्रिम चुंबक के अंदर भी प्राकृतिक चुंबक के समान ही गुण पाए जाते हैं, अंतर केवल इतना होता है कि यह चुंबक मानव निर्मित होते हैं जबकि प्राकृतिक चुंबक प्रकृति द्वारा निर्मित किए जाते हैं। कृत्रिम चुंबक का निर्माण लोहा, स्टील, कोबाल्ट या निकिल जैसे धातु का उपयोग करके किया जाता है।


कृत्रिम चुम्बक

विलियम गिल्बर्ट नामांक ब्रिटिश वैज्ञानिक सन 1600 में कृत्रिम चुंबक की खोज की। विलियम गिल्बर्ट ने चुंबक का आविष्कार करने के बाद पृथ्वी पर भी कुछ परीक्षण किए और बाद में उन्होंने यह भी साबित किया कि पृथ्वी भी एक चुंबक की तरह व्यवहार करती है।

जब किसी लौह पदार्थ को चुंबक बनाना होता है तो कृत्रिम चुंबक को बनाने के लिए उसे अत्यधिक चुंबकीय क्षेत्र में रखना पड़ता है। इस प्रकार अत्यधिक चुंबकीय क्षेत्र में लौह पदार्थों को रखने के बाद उनमें चुंबकीय गुण आ जाते है।



कृत्रिम चुंबक के प्रकार (Types of Artificial Magnets in Hind) -:

ये दो प्रकार के होते हैं

1. स्थायी चुम्बक (Permanent Magnet)

2. अस्थायी चुम्बक (Temporary Magnet)


1. स्थायी चुम्बक (Permanent Magnet) -:

ऐसा चुंबक जिसमें चुम्बकत्व का गुण लंबे समय तक रहता है अर्थात स्थाई होता हैं ऐसे चुंबक को स्थाई चुंबक कहते हैं। ऐसे चुंबक को बनाने के लिए लोहा, निकिल या कोबाल्ट का उपयोग किया जाता है। इस प्रकार स्थाई चुंबक के अंदर चुंबकीय गुण लंबे समय तक मौजूद रहता है तथा बहुत ही धीरे-धीरे इसके अंदर का चुम्बकत्व गुण समाप्त होता है। उदाहरण - लाउडस्पीकर, दिक्सूचक, गैल्वेनोमीटर इत्यादि।

आजकल अधिकांश स्थायी चुम्बक एल्निको अर्थात् एल्युमीनियम, निकिल तथा कोबाल्ट के मिश्र धातुओं से भी बनाए जा रहे हैं।


2. अस्थायी चुम्बक (Temporary Magnet) -:

ऐसा चुंबक जिसमें चुंबकत्व का गुण लंबे समय तक न रहकर के बहुत कम समय तक रहता है, ऐसी चुंबक को अस्थाई चुंबक कहते हैं। इस चुंबक में चुंबकत्व का गुण अस्थाई होता है जो बहुत कम समय के लिए चुंबक में उपस्थित रहता है। अस्थाई चुंबक बनाने के लिए नरम लोहे का प्रयोग किया जाता है। नर्म लोहा का चुंबक तो बन जाता है परंतु इसके चुंबकीय गुण बहुत ही जल्दी समाप्त हो जाते हैं।

उदाहरण - विद्युत घण्टी, ट्रांसफॉर्मर क्रोड, डायनेमो इत्यादि।


कृत्रिम चुम्बक के उपयोग (Uses of Artificial Magnets in Hindi) -:

1. इसका प्रयोग विद्युत जनरेटर में विद्युत उत्पन्न करने के लिए किया जाता है।

2. कृत्रिम चुंबक का प्रयोग करके विद्युत घंटी और ट्रांसफॉर्मर क्रोड का निर्माण किया जाता है।

3. लाउडस्पीकर का निर्माण भी इसी चुंबक का उपयोग करके किया जाता है।

4. एटीएम कार्ड, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड के पीछे एक चुम्बकीय पदार्थ की लेप होती है, जिसमें उपयोगकर्ता की जानकारी छिपी रहती हैं।

5. दिक्सूचक, गैल्वेनोमीटर भी कृत्रिम चुम्बक से ही बनाया जाता है।

6. मोबाइल में प्रयोग होने वाला हेडफोन, ईयर फोन, ब्लूटूथ, स्पीकर इत्यादि में भी कृत्रिम चुंबक का ही प्रयोग किया जाता है।


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