विद्युत बल्ब (Incandescent Lamp Bulb) किसे कहते हैं? आंतरिक व बाह्य संरचना , कार्यविधि

विद्युत बल्ब की जानकारी in Hindi -:

जब हमारे घर में लाइट आती है और हम जब बल्ब को ON करते हैं तो पूरा घर प्रकाश से जगमगा जाता है। यह प्रकाश रात को बहुत ही आवश्यक होता है दिन में तो हम सूर्य के प्रकाश से उजाला कर लेते हैं परंतु रात में हमें दीपक या विद्युत बल्ब (Incandescent Lamp Bulb) की आवश्यकता प्रकाश को उत्पन्न करने के लिए की जाती है।

आजकल प्रत्येक जगह विद्युत बल्ब ही प्रयोग किया जा रहा है क्योंकि दीपक बहुत ही कम रोशनी देती है जिसकी तुलना में विद्युत बल्ब अधिक रोशनी देता है और भारत भी धीरे-धीरे विकसित हो रहा है जिसके कारण प्रत्येक गांव और शहरों में लगभग बिजली पहुंच रही है और वहां बल्ब जल रहे हैं।

विद्युत बल्ब का चित्र

आप क्या जानते हैं विद्युत बल्ब कैसे कार्य करता है व इसकी आंतरिक संरचना कैसी होती है और बाह्य संरचना कैसी होती है। अगर नहीं तो कोई बात नहीं आप बिल्कुल सही जगह आए हैं हम आपको इस पोस्ट में बताएंगे कि विद्युत बल्ब की आंतरिक संरचना और बाहर संरचना कैसी होती है और विद्युत बल्ब की कार्यविधि क्या है।

विद्युत बल्ब की परिभाषा -

विद्युत बल्ब को तापदीप्त लैम्प या इन्कैंडिसेंट लैम्प (incandescent lamp) नाम से भी जाना जाता है। विद्युत बल्ब में जब धारा का प्रवाह पूरा होता है तो या पहले गर्म होता है और उसके बाद प्रकाश को उत्पन्न करता है।

इस प्रकार गर्म होकर प्रकाश उत्पन्न करने की प्रक्रिया तापदीप्ति कहलाती है तथा जो माध्यम या उपकरण विद्युत पाकर प्रकाश उत्पन्न करता है उसे विद्युत बल्ब (Incandescent Lamp Bulb) कहते हैं।

विद्युत बल्ब की आंतरिक संरचना -

विद्युत बल्ब के आंतरिक भाग में दो मोटे तार लगे होते हैं इन मोटे तारों के ऊपरी सिरों के बीच टंगस्टन धातु का एक पतला और सर्पिलाकार तार लगा होता है जिसे तंतु (Filament) कहा जाता है।

जब तंतु में से धारा बहती है तो यह तंतु गर्म होकर प्रकाश देने लगता है। दोनों तार निचले सिरे पर इलेक्ट्रोड का कार्य करते हैं जिन्हें विद्युत के स्त्रोत से जोड़ा जाता है। इन्हीं दोनों तारों में धारा को जोड़कर उसमें विद्युत प्रवाहित की जाती है और जब विद्युत धारा पूरी हो जाती है तो टंगस्टन धातु का तार गर्म होने लगता है और गर्म होकर यह इतना तेज चमकता है कि पूरे कमरे को रोशनी से भर देता है।


विद्युत बल्ब की बाह्य संरचना -

विद्युत बल्ब के आंतरिक भाग को ढकने के लिए एक पतले और गोलाकार कांच की आवश्यकता पड़ती है जो विद्युत को ढके रहता है। यह कांच गोलाकार होता है जो विद्युत बल्ब के आंतरिक भाग को ढके हुए रहता है।

विद्युत बल्ब के कांच की भीतरी भाग में आर्गन या नाइट्रोजन की गैस भरी रहती है। यह गैस फिलामेंट या तंतु को खंडित होने से बचाती है। कांच की कवर बल्ब के ऊपर रहती है। यह कवर ऑक्सीजन को अंदर जाने से रोकती है और अगर गलती से थोड़ा सा भी ऑक्सीजन अंदर जाने का प्रयास करता भी है तो बल्ब के अंदर भरी हुई नाइट्रोजन या आर्गन की गैस उसे निष्क्रिय करके बाहर भेज देते हैं।

जिसके कारण बल्ब के फिलामेंट या तंतु पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है क्योंकि अगर ऑक्सीजन तंतु तक पहुंच जाता तो वह उसको प्रभावित करने लगता जिससे प्रकाश की रोशनी कम हो सकती थी या बल्ब फ्यूज हो सकता था।


विद्युत बल्ब की कार्यविधि -

जब विद्युत बल्ब में धारा को प्रवाहित किया जाता है तो हम देखते हैं कि विद्युत बल्ब के अंदर टंगस्टन धातु का जो फिलामेंट होता है वह गर्म होकर धीरे-धीरे लाल होने लगता है और एक समय अपनी चरम सीमा पर पहुंच जाता है और बहुत तीव्रता के साथ चमकने लगता है। जब यह विद्युत की सहायता से चमकता है तो बहुत सारा प्रकाश उत्पन्न होता है जो एक कमरे को प्रकाशित करने के लिए पर्याप्त होता है।

दरअसल टंगस्टन धातु का फिलामेंट दो मोटे तारों से जुड़ा होता है इन दोनों तारों को फेस और न्यूट्रल तार से जोड़ दिया जाता है और उसमें धारा प्रवाहित की जाती है जब दोनों मोटे पर धारा पाते हैं तो यह फिलामेंट को चमकाने का कार्य करने लगते हैं। इससे फिलामेंट गरम होकर चमकने लगता है और बहुत सारी रोशनी उत्पन्न होती है।

कभी अचानक यदि बल्ब में दी जाने वाली विद्युत धारा बढ़ जाती है तो बल्ब का फिलामेंट टूट जाता है जिससे बल्ब फ्यूज माना जाता है और प्रकाश देना बंद कर देता है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि एक बल्ब 1 सेकंड में 50 से 60 बार जलता और बुझता है, परंतु हमको इसका आभास नहीं होता है क्योंकि इसके जलने और बुझने की गति इतनी तेज होती है कि हम इसे आंखों से नहीं देख पाते हैं। जिसके कारण एक विद्युत बल्ब हमें सदा जलती हुई प्रतीत होती है।


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विद्युत बल्ब ((Incandescent Lamp Bulb)) से सम्बंधित कुछ प्रश्नोत्तरी -

प्रश्न - विद्युत बल्ब में कौन सी गैस भरी जाती है?

उत्तर - विद्युत बल्ब में आर्गन या नाइट्रोजन गैस भरी जाती है।


प्रश्न - विद्युत बल्ब के अंदर पतली तार क्या कहलाती है?

उत्तर - विद्युत बल्ब के अंदर पतली तार तंतु या फिलामेंट (Filament) कहलाती है।


प्रश्न - विद्युत बल्ब का फिलामेंट किसका बना होता है?

उत्तर - विद्युत बल्ब का फिलामेंट टंगस्टन के तार का बना होता है।


प्रश्न - विद्युत बल्ब में निष्क्रिय गैस क्यों भरी जाती है?

उत्तर - विद्युत बल्ब अन्य कोई गैसें जाकर तंतु को प्रभावित ना करें, जिससे तंतु खराब ना हो इसी कारण विद्युत बल्ब में निष्क्रिय गैस भरी जाती है जिसके कारण बल्ब का जीवन बढ़ जाता है।


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