अलौह धातु किसे कहते हैं? लाभ & हानि, प्रयोग - Non Ferrous Metal in Hindi

अलौह धातु (Non Ferrous Metal) -:

ऐसी धातु , जिसमें लोहे की मात्रा नहीं पाई जाती है उन धातुओं को अलौह धातुएं (Non Ferrous Metal) कहते हैं। अलौह धातुएं या नॉन फेरस मेटल जब शुद्ध अवस्था में रहती है तो यह काफी मुलायम होती है। अतः मुलायम होने के कारण शुद्ध अवस्था में इनका उपयोग बहुत ही कम कार्यों में किया जाता है। अलौह धातुओं में अन्य धातुओं को मिलाकर कई प्रकार की मिश्र धातुएं बनाई जाती हैं। जब यह अलौह धातुएं मिश्र धातु का रूप ले लेती हैं तो इनका कार्यक्षेत्र बढ़ जाता है और ये अनेक क्षेत्रों में उपयोग की जाती हैं।

अलौह धातु - Non Ferrous Metal in Hindi

कुछ प्रमुख अलौह धातुओं के नाम निम्न है -

एल्यूमीनियम, तांबा, निकेल, चांदी, मैग्नीशियम, टीटेनियम, शीसा इत्यादि।


अलौह धातुओं के लाभ (Advantages of Non Ferrous Metal in Hindi) -:

1) अलौह धातुएं संक्षारण विरोधी होती हैं।

2) अलौह धातुओं को इच्छानुसार आकार देना बहुत ही आसान होता है।

3) अलौह धातुओं का भार भी कम होता है।

4) अलौह धातुओं की विद्युत चालकता और ऊष्मा चालकता अधिक होती है।

5) अलौह धातुओं में संक्षारण प्रतिरोध पैदा करने के लिए कुछ अन्य पदार्थों को नहीं मिलाना पड़ता है।

6) बहुत सी अलौह धातुओं की कास्टिंग योग्यता और मशीनिंग और तन्यता योग्यता अच्छी होती है।

7) नई विकसित टेक्नोलॉजी के द्वारा अलौह धातुओं की भी वेल्डिंग तकनीकी आसान हो गई है।


अलौह धातुओं से हानि (Disadvantages of Non Ferrous Metal in Hindi) -:

1) ऐसी कई अलौह धातुएं हैं, जो लौह धातुओं की तुलना में कम गुण वाली होती हैं।

2) अलौह धातुओं में लौह धातुओं की तुलना में कम सामर्थ्य होता है।

3) अलौह धातुओं की वेल्डिंग योग्यता कम होती है।

4) अलौह धातुएं, लौह धातुओं की तुलना में अधिक लागत वाले होते हैं।

5) इनका सामर्थ है बढ़ाने के लिए अन्य धातुओं को मिलाना पड़ता है।


अलौह धातु के अनुप्रयोग (Applications of Non Ferrous Metal in Hindi) -:

अलौह धातुओं का उपयोग कई क्षेत्रों में किया जाता है परंतु जब उनमें कोई अन्य धातुएं मिलाकर, मिश्र धातु बना दिया जाता है तो इनका प्रयोग और बढ़ जाता है जो निम्न हैं -

1) एलमुनियम से दरवाजा और अन्य वस्तुओं का निर्माण किया जाता है।

2) सोने और चांदी, पीतल इत्यादि धातु के आभूषण बनाए जाते हैं।

3) अलौह धातु का इंजिनीरिंग क्षेत्र में उपयोग होता है।

4) शीशा भी एक अलौह धातु है, जिसका उपयोग दर्पण बनाने के लिए और मोटर गाड़ियों में भी दर्पण बनाने के लिए किया जाता है।

5) कई अलौह धातु (सोना, चांदी, पीतल इत्यादि) के सिक्के भी निर्माण किए जाते हैं।

6) तांबा और एलमुनियम जैसे अलौह धातु का उपयोग इलेक्ट्रिकल क्षेत्र में भी किया जाता है।

7) अलौह धातु तांबे और एलमुनियम के तार बनाए जाते हैं।



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