लोहा/आयरन क्या है? लौह अयस्क, उत्पादन, गुण, उपयोग - Iron Metal in Hindi

लोहे का नाम तो अपने सुना ही होगा यह ऐसी धातु है जो हमारे दैनिक जीवन मे बहुत अधिक उपयोग में लाई जाती है और साथ ही इसका प्रयोग इंजीनियरिंग क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र, ऑटोमोबाइल इत्यादि जैसे अनेकों क्षेत्रों में किया जाता है। लोहा की प्रयोग प्राचीन समय से होता आ रहा है। इसके द्वारा पुराने समय मे भी हथियार बनाया जाता था, जिससे आदिमानव शिकार करते थे। प्राचीन समय से लोहे का उपयोग होने के कारण यह बता पाना मुश्किल है कि लोहे या आयरन की खोज कब और किसने की , परन्तु ऐसा माना जाता है कि भारत मे लोहे (Iron) का उपयोग 1300 ईसापूर्व के पहले से हो रहा है।

लोहा/आयरन क्या है? लौह अयस्क, उत्पादन,  गुण, उपयोग - Iron Metal in Hindi

लोहा धातु (Iron Metal in Hindi) -:

लोहा (Iron) एक ऐसा धातु तत्व है जो पृथ्वी पर चौथा सबसे अधिक पाया जाने वाला धातु है। लोहे या आयरन का रंग श्वेत माना जाता है। आवर्त सारणी में इसको Fe से दर्शाया जाता है और इसका परमाणु क्रमांक 26 होता है। हम कह सकते हैं कि विशुद्ध लोहा का रंग चांदी की तरह होता है।लोहे के निर्माण के लिए अयस्कों का सांद्रण किया जाता है। लोहा प्रकृति में अयस्कों के रुप में पाए जाते हैं। लोहे को जब 1539 ℃ का तापमान दिया जाता है तो यह पिघलने लगता है। अर्थात लोहे का गलनांक 1539℃ होता है। लोहे को जब 2740℃ का तापमान दिया जाता है तो वह उबलने लगता है और भाप बन जाता है। भारत में सबसे अधिक लोहा सिंहभूमि में मिलता है जो उड़ीसा राज्य में स्थित है। 


लौह अयस्क (Iron ore in Hindi) -:

लोहे को प्राप्त करने के लिए लौह अयस्कों (Iron ore) का शोधन किया जाता है। इन लौह अयस्कों में बहुत सारी अशुद्धियां उपस्थित होती हैं जैसे - सिलिका, एलुमिना, कैल्सियम कार्बोनेट, मैग्नीशिया, मैगनीज ऑक्साइड,  सल्फर, फास्फोरस इत्यादि।

उपरोक्त सभी अशुद्धियों को बाहर निकाल कर ही लोहा प्राप्त किया जा सकता है। कुछ लौह अयस्क के नाम निम्न है -

● मेग्नेटाइट (Magnetite)

● हैमेटाइट (Hematite)

● गोएथाइट

● लिमोनाइट

● सिडेराइट (Siderite)

● पाइराइट


लोहा का उत्पादन (Production of Iron Metal in Hindi) -:

लोहे या आयरन (Iron) का उत्पादन करने के लिए लौह अयस्कों का शोधन किया जाता है। लौह अयस्क को सबसे पहले छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ा जाता है। इन छोटे-छोटे टुकड़ों की साइज 2 Cm से 5 Cm के बीच में होती है। लौह अयस्क को तोड़ने के बाद इस पर तेज पानी की धारा प्रवाहित की जाती है, जिससे कि इसमें उपस्थित अशुद्धियां दूर हो जाएं। जब ये छोटे टुकड़े धो दिए जाते हैं तो इनको चुंबकीय पृथक्करण को से गुजारा जाता है। जिसके फलस्वरूप अन्य अशुद्धिया भी दूर हो जाती हैं। इस प्रक्रिया को सांद्रण कहा जाता है। जब सांद्रण की प्रक्रिया पूर्ण हो जाती है तो  लौह अयस्क का भजन और निस्तापन किया जाता है। भंजन और निस्तापन करने के लिए इन छोटे-छोटे टुकड़ों को वायु की उपस्थिति में उसके गलनांक के नीचे के तापक्रम तक गर्म किया जाता है। इस प्रक्रिया को करते समय अयस्क में उपस्थित सल्फर और अन्य अशुद्धियां ऑक्साइड का रूप लेकर बाहर निकल जाती हैं और यह अयस्क भी एक ऑक्साइड में ही बदल जाता है। सबसे अंत में इन अयस्क पिघलाया जाता है और भट्टी मे इनको पिघलाकर पिग आयरन अलग कर दिया जाता है। अयस्क से पिग आयरन को अलग करने के लिए जिस भट्टी का प्रयोग किया जाता है, उसे धमन भट्टी या ब्लास्ट भट्टी कहते हैं। प्राप्त हुए पिग आयरन को अपने वांछित लौह धातु में बदल लेते हैं।


लोहा के गुण  (Properties of Iron in Hindi) -:

1. लोहा सफेद रंग की एक धातु है जो मलिन हो जाने पर चांदी की तरह दिखती है।

2. लोहा नमी और जल को पाकर खराब होने लगता है या उस पर जंग लगने लगता है।

3. इसको आवर्त सारणी में Fe से दर्शाया जाता है।

4. इसका परमाणु क्रमांक आवर्त सारणी 26 होता है।

5. लोहे को जब 1539 ℃ का ताप दिया जाता है तो यह पिघलने लगता है अर्थात इसका गलनांक 1539℃ होता है।

6. जब लोहा 2740 ℃ का ताप पाता है तो उबलने लगता और भाप बनने लग जाता है।

7. लोहे के रासायनिक गुण निकिल और कोबाल्ट से थोड़ा बहुत मिलते हैं।

8. आवर्त सारणी में लोहे का परमाणु भार 550.85 होता है।

9. लोहे को जब 768 ℃ से ऊपर का तापमान दिया जाता है तो इसमें का चुंबकीय गुण समाप्त हो जाता है।


लोहा के उपयोग (Uses of Iron in Hindi) -:

वैसे सामान्यता देखा जाए तो लोहा (Iron) का उपयोग हमारे दैनिक जीवन में बहुत से कार्यों में होता है और अन्य क्षेत्रों में भी होता है जिसका वर्णन करना यहां पर बहुत ही मुश्किल है। परंतु फिर भी लोहा/आयरन के कुछ उपयोग यहां पर दिए जा रहे हैं जो निम्न हैं -

1. इंजीनियरिंग क्षेत्रों में भी लोहा बहुत ही प्रमुखता से इस्तेमाल किया जाता है।

2. मशीन के पार्ट पुर्जे और उसका निर्माण भी लोहे की सहायता से किए जाते हैं।

3. लोहे का उपयोग औद्योगिक क्षेत्र में किया जाता है।

4. लोहे का प्रयोग करके ऑटोमोबाइल क्षेत्र में पार्ट पुर्जे मनाया जाते हैं।

5. इमारत को बनाने के लिए भी लोहे का उपयोग दरवाजे, खिड़की इत्यादि जैसे अनेकों चीजों का निर्माण किया जाता है।

6. छड़, रॉड, पाइप इत्यादि बनाने में भी इसका उपयोग किया जाता है।

7. मोटर-वाहनों, गाड़ियों, यातायात के साधनों में लोहे का इस्तेमाल प्रमुखता से किया जाता है।

8. बर्तन, दरवाजे, बॉक्स इत्यादि बनाने में भी लोहा इस्तेमाल होता है।

9. कृषि के क्षेत्रों में उपकरणों का निर्माण भी लोहे से किया जाता है।

10. इलेक्ट्रॉनिक और रोबटिक क्षेत्रों में भी लोहा प्रमुखता से इस्तेमाल किया जाता है।

11. लोहे का उपयोग लगभग बहुत से कार्य में किया जाता है जिसका यहां वर्णन करना बहुत ही मुश्किल है।

12. विमान, पानी का जहाज, मिसाइल, रॉकेट इत्यादि बनाने में भी लोहा उपयोग होता है।

13. लोहा का उपयोग हमारी सेना में हथियार को बनाने के लिए और अन्य वस्तुओं के निर्माण के लिए होता है।



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