लौह अयस्क (Iron Ore) क्या है? प्रमुख लोहे के अयस्को के नाम

लौह अयस्क (Iron Ore in Hindi)

लौह अयस्क (Iron Ore in Hindi) -:

ऐसे अयस्क जिनसे लोहा प्राप्त किया जाता है और ये पृथ्वी पर खनिज अवस्था मे प्राप्त होते हैं उन्हें लौह अयस्क (Iron Ore) कहते हैं। लौह अयस्क पृथ्वी में भारी मात्रा में उपलब्ध होते हैं जिन्हें खदानों के माध्यम से निकाला जाता है। पृथ्वी से निकलने वाले लौह अयस्कों को विभिन्न नामों से जाना जाता है। इन विभिन्न अयस्कों के रूप में लोहे की ऑक्साइड भिन्न-2 मात्रा में होते हैं। लोहे को प्राप्त करने के लिए लौह अयस्क का शोधन करना पड़ता है। इन लौह अयस्कों का जब तक शोधन नहीं किया जाता है, इनमें अशुद्धियां उपस्थित होती हैं। ये अशुद्धियां सिलिका, एल्यूमिना, कैलशियम कार्बोनेट, मैग्नीशिया मैंगनीज ऑक्साइड, सल्फर, फास्फोरस इत्यादि के रूप में होती हैं। लौह अयस्कों में ये तत्व अशुद्ध रूप में होते हैं जिन्हें निकालकर ही लोहा प्राप्त किया जा सकता है।
लोहे में तो कुछ अशुद्धियां ऐसी होती हैं जिनका कोई भी उपयोग नहीं होता है। इन अशुद्धियों को आसार या गैंग कहते हैं। लौह अयस्क में गैंग जितनी ही अधिक मात्रा में होते हैं उस अयस्क में लोहे की मात्रा उतनी ही कम होती है।


लोहे के प्रमुख लौह अयस्को का वर्णन (Description of the Iron Ores of Iron in Hindi) -:

लोहे को प्राप्त करने के लिए लौह अयस्कों (Iron Ores) का प्रयोग किया जाता है। जिनमें से कुछ प्रमुख लौह अयस्को का नाम नीचे दिया गया है -

A) मेग्नेटाइट (Magnetite)

B) हैमेटाइट (Hematite)

C) गोएथाइट(Goethite)

D) लिमोनाइट (Limonite)

E) सिडेराइट (Siderite)

F) पाइराइट (Pyrite)

G) क्रोमाइट (Chromite)

H) इल्मेनाइट (Llmenite)

I) टैकोनाइट (Taconite)


A) मैग्नेटाइट (Magnetite) -:

मैग्नेटाइट का रासायनिक सूत्र या फार्मूला Fe3.O4 होता है। मैग्नेटाइट लोहे का ऐसा अयस्क है जिस में आयरन की मात्रा 72.5% तक होती है। इस लौह अयस्क का विशिष्ट गुरुत्व 5.1 से 5.2 के बीच में होता है। मैग्नेटाइट चुंबकीय गुणों से भरपूर और कठोर भी होता है। इसका शोधन करके लोहा निकालने के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। भारत में यह अयस्क कर्नाटक, बिहार, उड़ीसा, तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश से निकाला जाता है। विदेशों में भी यह अयस्क प्राप्त होता है। जैसे - स्वीडन, अमेरिका तथा रूस इत्यादि देशों में भी इस अयस्क की प्राप्ति होती है। इस लौह अयस्क में सबसे अधिक आयरन पाया जाता है।


B)  हैमेटाइट (Hematite) -:

हैमेटाइट का रासायनिक सूत्र या फार्मूला Fe2.O3 होता है। इस अयस्क में लोहे की मात्रा 65% से 70%तक होती है। यह अयस्क गहरा लाल और भूरा - काला रंग का होता है। हेमेटाइट का विशिष्ट गुरुत्व 4.9 से 5.3 तक होता है। यह ऐसा अयस्क है जिसमें नमी नहीं होती है और यह चुंबकीय होते हैं। हेमेटाइट में सल्फर और फास्फोरस की मात्रा भी बहुत कम होती है। भारत में हेमेटाइट मध्य प्रदेश, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और बिहार राज्य में पाया जाता है। विदेशों में भी इस अयस्क की प्राप्ति होती है। जैसे - ब्राजील, स्पेन, रूस, अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी भी इस अयस्क को प्राप्त करते हैं। इस लौह अयस्क का शोधन बहुत ही आसानी से किया जाता है।


C)  गोएथाइट (Goethite) -:

गोएथाइट, हाइड्राक्साइड का खनिज है, जिसमें लोहा भी उपस्थित होता है। यह ऐसे स्थानों पर पाया जाता है जहां का तापमान कम होता है। इसका उपयोग पुराने समय से होता आ रहा है। इसको उपयोग करने के लिए पिगमेंट के साथ मिलाना पड़ता है।


D) लिमोनाइट (Limonite) -:

लिमोनाइट का रासायनिक सूत्र या फार्मूला 2Fe.O3.3H2O होता है। लिमोनाइट लौह अयस्क में लोहे की मात्रा 60% पायी जाती है। लिमोनाइट में नमी की मात्रा बहुत अधिक होती है। इस लौह अयस्क में 14.5% संयुक्त जल की मात्रा पाई जाती है। इस लौह अयस्क का रंग पीला और काला होता है तथा यह लौह अयस्क पीले और काले रंग के बीच में विभिन्न रंगों के पाए जाते हैं। भारत में लिमोनाइट लौह अयस्क पश्चिम बंगाल और बिहार राज्य में प्राप्त किए जाते हैं और यह विदेशों में फ्रांस यूनाइटेड किंगडम स्पेस और जर्मनी में बहुत ही अधिक मात्रा में पाए जाते हैं।


E) सिडेराइट (Siderite) -:

यह लोहे का ऐसा लौह अयस्क है, जिसमें लोहे की मात्रा 40% से 44% तक पाई जाती है। सिडेराइट का रासायनिक सूत्र या फार्मूला Fe.CO3 होता है। इस लौह  अयस्क का विशिष्ट गुरुत्व 3.7 से 3.9 तक होता है। सिडेराइट लौह अयस्क का रंग भूरा काला, भूरा लाल, हल्का पीला होता है। भारत में सिडेराइट पश्चिम बंगाल के रानीगंज में पाया जाता है। परंतु यूनाइटेड किंगडम और रूस में इसके बड़े भंडार उपलब्ध है।


F) पाइराइट (Pyrite) -:

आयरन पाइराइट ऐसा लौह अयस्क है जिसमें 47% तक लोहा पाया जाता है और बाकी इसमें गंधक मौजूद होती है। आयरन पाइराइट (Iron Pyrites) का रासायनिक सूत्र या फार्मूला Fe.S2 होता है। इसे सल्फाइड का खनिज कहते हैं। आयरन पाइराइट को मूर्ख सोना कहते हैं क्योंकि यह सुनहरे रंग का होता है। पाइराइट वैसे तो लोहे अयस्क है परंतु इसका उपयोग लौह उद्योग में नहीं होता है क्योंकि इसमें उपस्थित सल्फर की मात्रा बहुत ही हानिकारक होती है।


G) क्रोमाइट (Chromite) -:

क्रोमाइट Fe.Cr2.O4 का रासायनिक सूत्र या फॉर्मूला है। सामान्यता इसका उपयोग स्टेनलेस स्टील को बनाने के लिए किया जाता है। इसकी चुंबकीय शक्ति कमजोर होती है अर्थात कम होती है। क्रोमाइट का रंग काला और भुरा होता है यह लगभग इसी रंग के हल्के हल्के दिखते हैं। यह क्रोमियम धातु का मुख्य अयस्क है।


H) इल्मेनाइट (Ilmenite) -:

इल्मेनाइट (Ilmenite) एक लौह अयस्क है जो प्रधानतः लौह टाइटनेट के रूप में मशहूर है। जिसका इल्मेनाइट का सूत्र या फार्मूला Fe.Ti.O3 है। इसे टाइटेनियम-लौह ऑक्साइड खनिज या अयस्क माना है। इस लौह अयस्क का रंग  काला या स्टील भूरा रंग का होता है। इल्मेनाइट भी अपने अंदर थोड़ा-थोड़ा चुम्बकीय गुण रखता है। व्यापार की दृष्टि से इल्मेनाइट को टाइटेनियम का सबसे महत्वपूर्ण अयस्क माना जाता  है।


I) टैकोनाइट (Taconite) -:

टेगोर नाईट को भी लौह अयस्क माना जाता है क्योंकि इसमें 20% से 30% तक मैग्नेटाइट उपस्थित होता है। यह अयस्क अमेरिका में मिलते हैं। इन्हें बनाने के लिए ब्लास्ट फर्नेस में डालकर छर्रो के रूप में प्राप्त किया जाता है।


लौह अयस्कों का उपयोग (Uses of Iron Ore in Hindi) -:

1. लोहा दुनिया में सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है, इसलिए लौह अयस्क बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।

2. लौह अयस्क का प्रमुखता से उपयोग स्टील में किया जाता है।

3. लौह अयस्क की खपत पूरे विश्व में प्रत्येक साल 10% बढ़ती है।

4. लौह अयस्क का उपयोग इंजीनियरिंग क्षेत्र में किया जाता है।

5. इसका उपयोग ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी किया जाता है।

6. औद्योगिक प्रयोगों के लिए भी लौह अयस्क बहुत लाभदायक होता है।

7. लौह अयस्को का उपयोग समुद्री प्रयोजनों में भी किया जाता है।

8. इसका उपयोग करके लोहे का निर्माण किया जाता है।



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