Bearing या Babbits Metal क्या है? प्रमुख बेयरिंग मिश्रधातुएँ

इस लेख में बेयरिंग मेटल (Bearing Metal) के बारे में बताया गया है जो वास्तव में अलग अलग धातुओं की प्रधानता वाली मिश्रधातु/अलॉय (Alloy) है। अर्थात Bearing या Babbits Metal के अंर्तगत कई प्रकार की मिश्र धातुयें या अलॉय आती है। इन बेयरिंग मिश्रधातुएँ में कभी निकिल अधिक होती है, तो कभी सीसा अधिक होती है तो कभी टिन अधिक होती है। जिनमे टिन बैबिट, सीसा बैबिट, सिल्वर बेयरिंग मेटल, कॉपर बेयरिंग एलाय, निकिल कैडमियम बेयरिंग मेटल इत्यादि मिश्रधातुएँ आती है। इन सभी मिश्रधातु/अलॉय का उपयोग बेयरिंग के लिए किया जाता है, इसलिए इन मिश्रधातुओं को बेयरिंग मेटल (Bearing या Babbits Metal) कहते हैं।

Bearing या Babbits Metal क्या है? प्रमुख बेयरिंग मिश्र धातुएँ बताइये

बेयरिंग मेटल (Bearing Metal or Babbits in Hindi) -:

ऐसी मिश्रधातु (Alloy), जिनके द्वारा बेयरिंग का निर्माण किया जाता है उसे बेयरिंग मेटल या बेयरिंग धातु (Bearing or Babbits Metal) कहते हैं। इसमें कभी चांदी की अधिकता होती है, तो कभी सीसे की अधिकता होती है तो कभी टिन की अधिकता होती है। बेयरिंग मेटल का उपयोग बुश बेयरिंग के लिए किया जाता है। इस बुश बेयरिंग का उपयोग करके घूमते हुए शाफ्ट को सहारने का कार्य किया जाता है।

बेयरिंग मेटल एक ऐसी मिश्रधातु होती है जिसमें कड़ापन , कठोरता और उच्च संपीड़न के साथ-साथ सामर्थ्य भी अधिक होता है।

जिन बेयरिंग मेटल में टिन और सीसे की अधिकता अधिक होती है उन बेयरिंग मेटल को बैबिट मेटल कहा जाता है। जब बेयरिंग मेटल में टिन की अधिकता अधिक होती है तो वह मिश्रधातु अधिक भंगूर नहीं होता है उसमें भंगुरता कम पाई जाती है। भंगुरता कम होने के साथ-साथ इसमें संपीड़न सामर्थ्य भी अधिक होता है। जो बेयरिंग मेटल मिश्रधातु टिन पर आधारित होते हैं उनमें संक्षारण प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है और वह अम्लीय अलॉय से प्रभावित नहीं होते हैं। अगर टिन पर आधारित मिश्रधातुएं अम्लीय वातावरण में भी रह जाती है तो उनका संक्षारण नहीं होता है।

बेयरिंग मेटल पर आधारित मिश्रधातु की जुड़ने की सामर्थ्य सदैव अधिक होती है और उन्हें आसानी से किसी भी वांछित आकार में बदला जा सकता है। इन मिश्रधातु का उपयोग ऊंची स्पीड और उतराव-चढ़ाव की भारो के लिए अधिक किया जाता है।


कुछ प्रमुख बेयरिंग मेंटलों के नाम, उनका संघटन और उपयोग का नीचे वर्णन किया गया है -

● टिन बैबिट

● सीसा बैबिट

● सिल्वर बेयरिंग मेटल

● कॉपर बेयरिंग एलाय

● निकिल कैडमियम बेयरिंग मेटल


टिन बैबिट -:

टिन वैविट में कॉपर, एंटीमनी और टिन का मिश्रण होता है। इस मिश्रधातु का उपयोग ऊंची स्पीड के बेयरिंग बुश में किया जाता है।

• कॉपर (Cu)  -  8%

• एंटीमनी (Sb)  -  12%

• टिन (Sn)  -  80%


सीसा बैबिट -:

सीसा वैविट में लेड, एंटीमनी और टिन का मिश्रण होता है। इस मिश्रधातु उपयोग का रेलवे वैगन बेयरिंग में किया जाता है।

• लेड या सीसा (Pb)  -  85%

• एंटीमनी (Sb)  -  10%

• टिन (Sn)  -  5%


सिल्वर बेयरिंग मेटल -:

सिल्वर बेयरिंग मेटल में सिल्वर, लेड और टिन का मिश्रण होता है। इस मिश्रधातु उपयोग ऐसे उपकरणों में किया जाता है जो घर्षण विरोधी बेयरिंग में होता हैं।

• लेड या सीसा (Pb)  -  4%

• सिल्वर (Ag)  -  95%

• टिन (Sn)  -  1%


कॉपर बेयरिंग एलाय -:

कॉपर बेयरिंग एलाय में कॉपर, सीसा और टिन का मिश्रण होता है। इस मिश्रधातु का उपयोग ऊंची भार के बेयरिंग  में किया जाता है।

• कॉपर (Cu)  -  80%

• एंटीमनी (Sb)  -  10%

• टिन (Sn)  -  10%


निकिल कैडमियम बेयरिंग मेटल -:

निकिल कैडमियम बेयरिंग मेटल में निकिल और कैडमियम धातु का मिश्रण होता है। इस मिश्रधातु का उपयोग उच्च टप पर कार्य करने वाले बेयरिंग  में किया जाता है।

• निकिल (Ni)  -  97%

• कैडमियम (Cd)  -  3%



ये भी पढ़े...

Post a Comment

0 Comments