वाई मिश्रधातु (Y Alloy in Hindi) -:
Y अलॉय एल्यूमीनियम की मिश्रधातु है। इस अलॉय का ऊष्मा उपचार करने के लिए 500 से 520 ℃ का तापक्रम दिया जाता है। Y अलॉय का ऊष्मा उपचार जब हो जाता है तो इसकी कठोरता बढ़ जाती है। इस अलॉय की कठोरता को ऊष्मा उपचार द्वारा बढ़ाने के लिए कणो की साइज पर निर्भर रहना पड़ता है। अगर कणो का साइज बड़ा है तो उसका ऊष्मा उपचार होने में अधिक समय लगता है अगर वही कणो की साइट छोटी है तो उसमें ऊष्मा उपचार जल्दी हो जाता है।
Y अलॉय को 500 से 520 ℃ पर गर्म करके जब उसका ऊष्मा उपचार कर दिया जाता है तो इसको ठंडा करने के लिए उबलते पानी में पहले डाला जाता है और जैसे ही यह उबलते पानी में 500 से 520 ℃ तापमान से ठंडा हो जाता है, इस पर Age Hardning की प्रक्रिया की जाती है और इसे वायुमंडलीय तापमान पर लगभग 4 से 5 दिन रखा जाता है। इस प्रकार Age Hardning हो जाती है।
अगर Y अलॉय को ऊष्मा उपचार के बाद पुनः 150 से 250 ℃ तक गर्म किया जाए तो इस मिश्र धातु की तनन सामर्थ्य में वृद्धि होने के साथ-साथ इसमें कठोरता भी आती है। परंतु इसकी तन्यता कम हो जाती है और जब 250 ℃ से ऊपर तापमान पर गर्म किया जाता है तो इसमें स्थाई मृदुता आ जाती है।
वाई अलॉय की संरचना (Compostion of Y Alloy in Hindi) -:
वाई अलॉय (Y Alloy) का निर्माण करने के लिए एलुमिनियम (92.5%), कॉपर (4%), निकिल (2%) और मैग्नीशियम (1.5%) की आवश्यकता होती है।
Y Alloy की संरचना निम्न है -
● एल्युमीनियम (Al) - 92.5%
● कॉपर (Copper) - 4%
● निकिल (Ni) - 2%
● मैग्नीशियम (Mg) - 1.5%
वाई मिश्रधातु के गुण (Properties of Y Alloy in Hindi) -:
1) Y अलॉय को जब 200 ℃ तापमान पर गर्म किया जाता है तो इस मिश्रधातु की सामर्थ्य एल्युमीनियम से भी अधिक हो जाती है।
2) इस मिश्रधातु को इच्छानुसार आकार में आसानी से ढलाई की जा सकती है।
3) इस पर विभिन्न प्रकार की यांत्रिक प्रक्रम किये जा सकते हैं।
4) Y अलॉय उच्च तापमान पर भी अपनी कठोरता और सामर्थ्य को बनाये रखते हैं।
5) इस मिश्रधातु की Age Hardning की जाती है, जिसमे इसको 500 से 520 ℃ के तापमान पर गर्म किया जाता है।
6) Y अलॉय को ऊष्मा उपचार के बाद यदि 150 से 250 ℃ पर गरम किया जाए तो इसके सामर्थ्य और कठोरता में वृद्धि होती है और तनन सामर्थ्य घट जाती है।
वाई मिश्रधातु के उपयोग (Y Alloy Uses in Hindi) -:
1) Y अलॉय से IC इंजन के पार्ट्स पिस्टन, सिलिन्डर, क्रैंक केसेस इत्यादि का निर्माण किया जाता है।
2) इसका उपयोग स्पार्किंग चिजलो में स्टील के स्थान पर किया जाता है।
3) Y अलॉय का प्रयोग करके पंप दंड का निर्माण किया जाता है।
4) इस मिश्रधातु को डाई कास्टिंग में प्रयोग किया जाता है।
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