जस्ता या जिंक (Zinc) धातु क्या है? गुण और उपयोग

जस्ता धातु (Zinc Metal in Hindi) -:

जिंक ऐसा धातु है जो नीली सी ग्रे रंग की होती है। यह एक संक्रमण धातु है क्योंकि यह आवर्त सारणी के संक्रमण समूह में होती है। जिंक का आवर्त सारणी में परमाणु क्रमांक 30 है। जिंक को जब 100 से 150 ℃ तक तापमान दिया जाता है तो यह तन्य हो जाता है परंतु जब जिंक को 200 ℃ का तापमान दिया जाता है तो यह बहुत अधिक भंगुर हो जाता है, यह इतना भंगुर हो जाता है कि इसको पाउडर के रूप में भी बना सकते हैं। जिंक को जब 481℃ का तापमान दिया जाता है तो यह पिघलने लगता है।


जस्ता या जिंक (Zinc in Hindi) धातु के  गुण और उपयोग

जिंक (Zinc)

यह धातु भी अपने अयस्कों के द्वारा प्राप्त किए जाते हैं। इसके प्रमुख अयस्क जिनसाइट (Zincite), केलेमाइन, जिंक सल्फाइड हैं। इन प्रमुख अयस्क के द्वारा जिंक का निर्माण किया जाता है यह  अयस्क वर्मा देश में पाए जाते हैं।


जिंक के गुण (Properties of Zinc in Hindi) -:

1. जिंक का विशिष्ट गुरुत्व 6.2 होता है।

2. जिंक का गलनांक 481 ℃ होता है।

3. जब तांबा 100 से 150 ℃ का तापमान पाता है तो यह तन्य हो जाता है।

4. यह 200 ℃ के तापमान पर भंगुर हो जाता है इसी तापक्रम पर इसको पाउडर बनाया जा सकता है।

5. जिंक Bulish Grey रंग की धातु है अर्थात यह नीली और हल्की सी ग्रे सफेद रंग की धातु है।


जिंक या जस्ते का उपयोग (Uses of Zinc in Hindi) -:

1. जिंक का प्रयोग सीट के रूप में एक संक्षारण प्रतिरोधी सतह के रूप में लगाने के लिए किया जाता है।

2. विद्युत सेल्स (Electric Cells) में भी जिंक का प्रयोग होता है।

3. इसमें अन्य धातुओं को मिलाकर, मिश्र धातु बनाकर इसका उपयोग अधिक किया जाता है।

4. कहीं कहीं जिंक प्रयोग तार बनाने के लिए भी किया जाता है।

5. जर्मन सिल्वर और पीतल जैसी धातु के निर्माण भी धातु रहती है।

6. जिंक उपयोग डाई कास्टिंग करने के लिए भी किया जाता है।

7. जब लोहे पर जस्ता की परत चढ़ा दी जाती है तो लोहे पर जंग नही लगता है।



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