टिन धातु का निष्कर्षण (Tin Metal Extraction in Hindi)

टिन धातु का उत्पादन या निष्कर्षण -:

टिन के अयस्क में प्राय: 1 से  5% टिन ऑक्साइड (SnO2) की उपस्थिति होती है। इस कारण इसे सांद्रित किया जाना आवश्यक है। अयस्कों से टिन प्राप्त करने के लिए या Tin का निष्कर्षण करने के लिए कई विधियों का अनुप्रयोग किया जाता है।

1. क्रशिंग और वाशिंग (Crushing and Washing)

2. स्मेल्टिंग (Smelting)

3. शुद्धिकरण

4. इलेक्ट्रोलाइट  डिपाजिट प्रक्रम

टिन धातु का निष्कर्षण (Tin Metal Extraction in Hindi)

1. क्रशिंग और वाशिंग (Crushing and Washing) -:

टिन के अयस्क को सबसे पहले Crush किया जाता है और जब यह क्रश हो जाता है तो इसको Calcined की सहायता से धोया जाता है।


2. प्रगलन (Smelting) -:

अयस्कों को धोने के बाद उसे भट्टी में डाला जाता है और उसे गलाया जाता है। भट्टी में ईंधन के रूप में कोयले का उपयोग करते हैं और रेत भी भट्टी में भरा जाता है। इस प्रकार हमें कच्चा Tin पर प्राप्त हो जाता है।


3. शुद्धिकरण -:

प्रगलन विधि का उपयोग करने के बाद कच्चे टिन को रिवरवेटरी नामक भट्ठी में डाल लिया जाता है। यह भठ्ठी कच्चे टिन को शुद्ध करने का कार्य करती है। इस प्रकार रिवरवेटरी नामक भट्ठी के द्वारा शुद्ध टिन प्राप्त होता है।


4. इलेक्ट्रोलाइट  डिपाजिट प्रक्रम -:

जब रिवर बेटरी भठ्ठी के द्वारा शुद्ध टिन प्राप्त हो जाता है तो इसे व्यवसायिक टिन के रूप में बदला जाता है। शुद्ध टिन को व्यावसायिक टिन के रूप में बदलने के लिए इलेक्ट्रोलाइट डिपॉजिट प्रक्रम का प्रयोग करते हैं। जिसके फलस्वरूप शुद्ध टिन, व्यवसायिक टिन के रूप में बदल जाता है।



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