कॉपर-निकिल अलॉय (Copper-Nickel Alloy) किसे कहते हैं - मैगनेनिन (Magnanin) & जर्मन सिल्वर या निकिल सिल्वर (German Silver)

कॉपर-निकिल अलॉय (Copper-Nickel Alloy) किसे कहते हैं - मैगनेनिन (Magnanin) & जर्मन सिल्वर या निकिल सिल्वर (German Silver) in Hindi

कॉपर-निकिल अलॉय (Copper-Nickel Alloy in Hindi) -:

जब कॉपर में निकिल मिलाने के बाद जो अलॉय अर्थात मिश्र धातु बनता है उसे कॉपर निकिल अलॉय कहते हैं। कॉपर में जब निकिल को मिला दिया जाता है तो वह कॉपर का अलॉय या मिश्र धातु बन जाता है। यह अलॉय कॉपर आधारित होती हैं अर्थात इस अलॉय में कॉपर मुख्य धातु होता है। इस प्रकार के से बनने वाले मिश्र धातुओं में संक्षारण प्रतिरोधी क्षमता का विकास होता है।

कॉपर और निकिल से बनने वाले कुछ मिश्र धातु में निम्न है -

1. मैगनेनिन (Magnanin)

2. जर्मन सिल्वर या निकिल सिल्वर (German Silver)


1. मैगनेनिन (Magnanin) -:

पहली बार यह मिश्र धातु एडवर्ड वेस्टन द्वारा 1892 में मैगनेनिन (Magnanin) का निर्माण किया गया था। इसमें कॉपर 80% निकिल 5% और मैग्नीज 15% होता है अर्थात यह तीन धातु का मिश्रण होता है। ये तीनो धातु मिलकर एक मिश्र धातु का निर्माण करते हैं।

मैगनेनिन ऐसा मिश्र धातु है जिसके प्रतिरोध तार बनाए जाते हैं और इस प्रतिरोध तार का , प्रतिरोध तापक्रम गुणांक बहुत ही कम होता है।


2. जर्मन सिल्वर या निकिल सिल्वर (German Silver) -:

जर्मन सिल्वर या निकिल सिल्वर एक ऐसा नाम है जिसमें सिल्वर की मात्रा 0% रहती है। इस मिश्र धातु में श्रीनगर नहीं होता है परंतु इसका नाम जर्मन सिल्वर है। जब यह मिश्र धातु बन जाता है तो इस पर चांदी की प्लेटिंग कर दी जाती है। जिसके कारण इसका नाम जर्मन सिल्वर है।

जर्मन सिल्वर को बनाने के लिए कॉपर,जिंक और निकिल का इस्तेमाल किया जाता है। जब इन तीनों धातुओं को उचित मात्रा में आपस में मिलाया जाता है तो निकिल सिल्वर या जर्मन सिल्वर का निर्माण होता है।

जर्मन सिल्वर में जिंक की मात्रा 5 से 45% और निकिल की मात्रा 5 से 30% तक होती है और फिर संपूर्ण धातु के रूप में कॉपर होता है। जर्मन सिल्वर में सामर्थ्य अधिक मात्रा में होता है और प्लास्टिसिटी भी अच्छी होती है। परंतु इसमें विद्युत चालकता कम होती है। इस मिश्र धातु का प्रयोग अधिकांश आधार धातु के रूप में ही किया जाता है। जर्मन सिल्वर का उपयोग करके टेबल वेयर, उच्च ग्रेड के प्लाम्बिंग और हार्ड वेयर्स इत्यादि का निर्माण किया जाता है। जर्मन सिल्वर का उपयोग करके हम विभिन्न प्रकार के फिटिंग्स के उत्पादन में करते हैं और विद्युत वेयर्स में भी करते हैं।



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