चूर्णक (Pulverizer) किसे कहते हैं? प्रकार

चूर्णक/पुलवराइजर (Pulverizer in Hindi) -:

जब ठोस ईंधन कोयले को पाउडर के रूप में बनाना होता है तो हम चूर्णक (Pulverizer) का प्रयोग करते हैं। यह ईंधन तंत्र का प्रमुख अंग होता है। Pulverizer को विद्युत मोटर द्वारा या छोटे डी.सी. मोटर द्वारा ही चलाए जा सकता है। पुलवराइजर को मोटर के द्वारा नियंत्रित किया जाता है। Pulverizer का उपयोग अन्य कई तरह के ठोस पदार्थों को भी चूर्ण बनाने के लिए किया जाता है।

इस पोस्ट में हमने केवल कोयले को पीसने के बारे में बताया है परन्तु इस मशीन द्वारा अन्य तरह कई तरह के ठोस पदार्थो को पीसा जाता है।


चूर्णक के प्रकार (Types of Pulverizer in Hindi) -:

Pulverizer को मुख्य चार भागों में बांटा गया है -

1. बाउल मिल (Bowl Mills)

2. बाल मिल (Ball Mills)

3. बाल और रेस मिल (Ball and Race Mills)

4. हैमर मिल (Hammer Mills)


1. बाउल मिल (Bowl Mill) -:

ऐसा मिल, जिसमें कोयले को बाउल और रोल के मध्य में रखकर तोड़ा जाता है उसे बाउल मिल कहते हैं। कोयले को बाउल और रोल के बीच केंद्र में रख देते हैं और बाउल मिल को चला देते हैं जिसके कारण कोयला बाउल और रोल के मध्य में आकर टूट जाता है। जब बाउल मिल को चलाया जाता है तो अपकेंद्री बल के कारण कोयला चारों ओर फैल जाता है और पाउडर के रूप में हुए कोयले को एक छोर से बाहर निकाल लेते हैं।

जब 1 टन कोयले का पाउडर बनाया जाता है तो उसके लिए 5 किलोवाट (kWh) विद्युत शक्ति की खपत होती है।


2. बाल मिल (Ball Mill) -:

इस मिल में कोयले को चूर्ण के रूप में बनाने के लिए कोयले को दो एलिमेंटो के बीच से गुजारा जाता है। जब ये कोयले दो एलिमेंट के मध्य से गुजरते हैं तो पाउडर के रूप में हो जाते हैं।

इस मिल में सेल्फ एडजेस्टमेंट (Self Adjustment) स्प्रिंग लगाया गया होता है। मिल में 1 टन कोयले को चूर्ण के रूप में बनाने के लिए 14 किलोवाट (kwh) विद्युत शक्ति की जरूरत पड़ती है।


3. बाल और रेस मिल (Ball and Race Mill) -:

चूर्णक (Pulverizer in Hindi) । Types in Hindi -प्रकार

Ball & Race Mill

फाउंड्री टंबलिंग बैरल के समान ही बाल मिल में कोयले को पाउडर के रूप में निर्माण किया जाता है। इस मिल में एक घूमता हुआ ड्रम होता है जो 100 से 200 RPM की स्पीड से घूमता है। इस ड्रम में एक लोहे के बाल के साथ कोयले को डाल दिया जाता है क्योंकि यह ड्रम बड़ा होता है इसलिए, इसके साथ-साथ कोयला और लोहे का बॉल भी घूमने लगता है। जब ड्रम में लोहे का बाल घूमता है तो कोयले और लोहे के बीच घर्षण होता है जिसके कारण कोयला चूर्ण के रूप में बदल जाता है।


4. हैमर मिल (Hammer Mill) -:

ऐसा मिल जिसमें झूलते हुए हैमर या झूलते हुए गेंद की सहायता से कोयले को पाउडर के रूप में बदल दिया जाता है, ऐसे मिल को हैमर मिल कहते हैं। कोयले की साइज और झूलते हुए हैमर की सहायता से कोयले की ग्राइंडिंग किया जाता है।


हैमर मिल के लाभ (Advantages) -:

१. हैमर मिल का साइज सुगठित होता है।

२. हैमर मिल में लागत अधिक नही होता है।

३. इस मिल को आसानी और सुविधापूर्वक आसानी से चलाया जा सकता है।


हैमर मिल से हानि (Disadvantages) -:

१. Hammer Mill की अनुरक्षण लागत अधिक होती है।

२. इस मिल में बिजली का व्यय अधिक होता है।

३. हैमर मिल कम क्षमता का होता है। 



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