हम सभी ने CNC मशीन का नाम तो सुना ही होगा। यह ऐसी मशीन होती है, जिसमें प्रोग्रामिंग करनी पड़ती है और इसको स्वयं भी कार्य करते हुए प्रोग्राम करके चलाया जा सकता है। जब इस मशीन के लिए प्रोग्रामिंग करवानी पड़ती है तो इसका प्रोसेस लंबा हो जाता है और जब आपरेटर द्वारा डाटा को Feed करके मशीन में चलाया जाता है यह प्रक्रिया आसान होती है। जब आपरेटर, डाटा को स्वयं मशीन में Feed करता है तो यह विधि Manual Data Input कहलाती है। इसके बारे में हम लोग आगे विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे।
मैन्युअल डेटा इनपुट (MDI in Hindi) -:
पार्ट प्रोग्रामिंग में व्यक्तिगत रूप से स्वयं डाटा को भरने के लिए और उसको कोड लैंग्वेज में बदलकर, टेप में पंच करने इत्यादि कार्य में काफी समय नष्ट हो जाता है। मशीन को चलाने के लिए भी दो व्यक्तियों, प्रोग्रामर और आपरेटर की आवश्यकता पड़ती है। इसी कारण, इस विधि को आसान बनाने के लिए मैनुअल डाटा इनपुट (Manual Data Input) को मशीन में सीधे निवेश कर दिया जाता है।
यह कार्य ऑपरेटर स्वयं कर देता है। मैनुअल डाटा को निवेश करने के लिए डिस्प्ले यूनिट और अल्फान्यूमैरिक की-बोर्ड का उपयोग किया जाता है।
जिस कार्यखण्ड पर प्रक्रम करना होता है, उससे संबंधित जानकारी NC मशीन में भर दी जाती है। NC मशीन आपसे कुछ प्रश्न पूछता है, जैसे कि टूल की गति, पार्ट की ज्यामितीय की डिटेल, टूल की गहराई इत्यादि जैसी जानकारियों को मशीन में फीड करना पड़ता है।
CNC मशीन में जितनी भी जानकारी भरी जाती है उन सबको कंप्यूटर की स्क्रीन पर आसानी से देखा जाता है। अगर कोई जानकारी गलत भरी जा रही है तो, उसे हम देख सकते हैं और आसानी से सुधार सकते हैं। इस प्रकार से त्रुटि को सुधारने का मौका मिलता हैl इस प्रोग्राम को बनाने के लिए वर्कशॉप की साधारण भाषा ही उपयोग में लाई जाती है। साधारण भाषा उपयोग होने के कारण आपरेटर को किसी भी विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं होती है। उसे विशेष प्रशिक्षण न देकर, केवल इंजीनियरिंग ड्राइंग और विभिन्न प्रकार के प्रोसेस की जानकारी दे देने पर और साधारण भाषा का ज्ञान दे देने से, आपरेटर प्रोग्राम को MDI के माध्यम से NC मशीन में डाल सकता है।
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