ऑफसेट क्या है । CNC Offset Type in Hindi

ऑफसेट (CNC Offset in Hindi) -:

जब हम CNC मशीन में कार्यखंड पर कोई भी कार्य करने जाते हैं तो हमको यह पता नहीं होता है कौन बिन्दु कहां पर है। इसलिए इसको निर्धारित करने के लिए टूल को बताना पड़ता है कि कार्यखंड का केंद्र कहां है, कार्यखंड का कोर कहां है, कार्यखंड का कौन सा बिन्दु किधर स्थित है।

इसलिए कार्यखंड के किसी बिन्दु को केंद्र मानकर, वहीं से कार्यखण्ड पर प्रोसेस प्रारंभ की जाती है। टूल, कार्यखंड पर स्पर्श करके जिसको केंद्र मानता है, वहां पर Z अक्ष और X अक्ष का मान शून्य होता है। जैसे ही ऊपर बढ़ेंगे X अक्ष का मान बढ़ता जाता है और नीचे बढ़ेंगे तो X अक्ष का मान घटता जाता है। ठीक ऐसे ही दाएं तरफ आने पर Z अक्ष का मान बढ़ता जाता है और बाएं तरफ जाने पर Z अक्ष का मान घटता जाता है।


ऑफसेट (CNC Offset in Hindi)


ऐसी प्रक्रिया जिसके द्वारा कार्यखंड पर टूल की स्थिति का निर्धारण किया जाता है उस प्रक्रिया को ऑफसेट (Offset) कहते हैं। Offset का उपयोग करके कटिंग टूल को एक साथ X अक्ष और Z अक्ष पर सेट किया जाता है।

जब टूल के द्वारा मशीन में कार्य किया जाता है तो कभी-कभी टूल हल्का सा इधर या उधर हो जाता है जिसके कारण कार्यखंड गड़बड़ बनने लगता है। इसी। कारण टूल को अपनी सही स्थिति ज्ञात कराने के लिए ऑफसेट (Offset) का सहारा लिया जाता है।


ऑफसेट के प्रकार (Type of Offset in Hindi) -:

यह तीन प्रकार के होते हैं -

1) Geometry Offset

2) Wear Offset

3) Work Offset



1) Geometry Offset -:

ऐसा अपसेट जिसमें X अक्ष और Z अक्ष की स्थिति का शून्य (Zero) ज्ञात की जाती है या निर्धारित की जाती है उसे ज्यामितीय ऑफसेट (Geometry Offset) कहते हैं।

मशीन में Geometry Offset डालने के नियम -

(a) X अक्ष की स्थिति ज्ञात करना

(b) Z अक्ष की स्थिति ज्ञात करना


(a) X अक्ष की स्थिति ज्ञात करना -:

जब CNC मशीन में X अक्ष की स्थिति जात की जाती है तो सबसे पहले कटिंग टूल को  वृताकार कार्यखंड के ऊपर ही से में स्पर्श कराते हैं और उसके बाद X अक्ष वाले कार्यखण्ड में कार्यखण्ड के सम्पूर्ण व्यास को माप कर लिख देते हैं।

सबसे पहले जिस टूल को X अक्ष पर सेट करना होता है उसको कॉल करेंगे और उसके बाद MDI बटन को दबाते हैं।

MDI दबाने के पश्चात प्रोग्राम बटन को दबाते हैं। अब प्रोग्राम MDI Mode में आ जाता है। तब जिस टूल को कार्य करने पर लगाना होता है उस टूल का नंबर प्रोग्राम में डालते हैं और साइक्लोन (CYCLEON) बटन को दबा देते हैं। अब टूल को कार्यखंड तक ले जाते हैं। कटिंग टूल को कार्यखंड तक ले जाने के लिए सबसे पहले JOG बटन दबाते हैं और +X, +Z, -X, -Z वाले बटन का उपयोग करते हुए टूल को कार्यखंड ले जाते हैं। अब टूल के द्वारा X अक्ष को स्पर्श करते हुए माप ले लेते हैं और अपसेट बटन पर क्लिक करते हैं। जैसे ही X अक्ष बटन पर क्लिक किया जाता है तो सारणी खुलकर आती है अर्थात मीनू खुलकर आता है, उसमें से  Geometry Offset का चयन करते हैं। जैसे ही Geometry Offset पर क्लिक किया जाता है तो पुनः एक विंडो आपके सामने प्रदर्शित होगा जिसमे कई टूल की सूची प्रस्तुत होती है। आप उसी टूल का चुनेंगे जिस टूल को आपने कार्यखंड के लिए चुना है। जैसे ही आप उस पर क्लिक करेंगे, तुरन्त आपके सामने X अक्ष और Z अक्ष प्रदर्शित हो जाएगा जिसमें से X अक्ष को कर्सर क्लिक करके, माप लिए गए X अक्ष की माप को भरकर मेजर (Measure) बटन दबाकर Set कर देते हैं। इस प्रकार X अक्ष की स्थिति निश्चित कर दी आती है।


(b) Z अक्ष की स्थिति ज्ञात करना -:

यह प्रक्रिया भी बिल्कुल ऊपर जैसे ही करना पड़ता है। इसमें मात्र Z अक्ष का चयन करके Measure बटन दबा देते हैं।

जब CNC मशीन में Z अक्ष की स्थिति जात की जाती है तो सबसे पहले कटिंग टूल को  वृताकार कार्यखंड के ऊपर ही से में स्पर्श कराते हैं और उसके बाद Z अक्ष वाले कार्यखण्ड में कार्यखण्ड के सम्पूर्ण व्यास को माप कर लिख देते हैं।

सबसे पहले जिस टूल को Z अक्ष पर सेट करना होता है, उसको कॉल करेंगे और उसके बाद MDI बटन को दबाते हैं।

MDI दबाने के पश्चात प्रोग्राम बटन को दबाते हैं। अब प्रोग्राम MDI Mode में आ जाता है। तब जिस टूल को कार्य करने पर लगाना होता है उस टूल का नंबर प्रोग्राम में डालते हैं और साइक्लोन (CYCLEON) बटन को दबा देते हैं। अब टूल को कार्यखंड तक ले जाते हैं। कटिंग टूल को कार्यखंड तक ले जाने के लिए सबसे पहले JOG बटन दबाते हैं और +X, +Z, -X, -Z वाले बटन का उपयोग करते हुए टूल को कार्यखंड ले जाते हैं। अब टूल के द्वारा Z अक्ष को Face पर स्पर्श करते हुए माप ले लेते हैं और अपसेट बटन पर क्लिक करते हैं। जैसे ही Z अक्ष बटन पर क्लिक किया जाता है तो सारणी खुलकर आती है अर्थात मीनू खुलकर आता है, उसमें से  Geometry Offset का चयन करते हैं। जैसे ही Geometry Offset पर क्लिक किया जाता है तो पुनः एक विंडो आपके सामने प्रदर्शित होगा जिसमे कई टूल की सूची प्रस्तुत होती है।

आप उसी टूल का चुनेंगे जिस टूल को आपने कार्यखंड के लिए चुना है। जैसे ही आप उस पर क्लिक करेंगे, तुरन्त आपके सामने X अक्ष और Z अक्ष प्रदर्शित हो जाएगा जिसमें से Z अक्ष को कर्सर क्लिक करके, माप लिए गए Z अक्ष की माप को भरकर मेजर (Measure) बटन दबाकर Set कर देते हैं। इस प्रकार Z अक्ष की स्थिति निश्चित कर दी आती है।


2) Wear Offset -:

जब मशीन पर कार्य होता है तो Tool अपनी स्थिति से थोड़ा इधर या उधर एवं ऊपर और नीचे खिसक जाती है। परंतु ज्यामितिय ऑफसेट (Geometry Offset) वाले मान में कोई बदलाव नहीं होता है, लेकिन तब भी Tool अपनी स्थिति से इधर-उधर हो गया होता है। इस स्थिति में Geometry Offset का मान नहीं बदलता है बल्कि वास्तव में Tool घर्षण द्वारा घिस जाते हैं या फिर मशीन के अंदर इस Slide में ही कुछ कमी आ जाती है जिसके कारण यह दोष उत्पन्न हो जाता है। इस दोष के कारण कार्यखंडों का आकार बदल जाता है और कटिंग टूल के मान में + या - की कमी साफ दिखाई देने लगती है।


Wear Offset की इस कमी को सुधारने के लिए कुछ विधियों को अपनाया जाता है जो निम्न हैं -

१. सबसे पहले Offset Menu में जाकर Wear Offset का चयन करते हैं।

२. Wear Offset चयन करने के बाद टूलों की सूची क्रमांकनुसार प्रदर्शित होती है जिसमें से उस टूल को चुनते हैं जिसमें कुछ त्रुटि आई होती है।

३. त्रुटि आए हुए Tool को Select करके सही मान भरते हैं।

४. सही मान भरने के बाद INPUT + बटन पर क्लिक करते हैं।

५. अब मशीन आपसे CAN और EXEC. पूछता है।

६. अब EXEC बटन को दबाकर सेव कर देते हैं।

जिससे टूल अपनी प्रारंभिक अवस्था में पुनः आ जाता है। Wear Offset का उपयोग करके केवल माइक्रोन से लेकर 1 mm तक ही टूल की स्थिति में सुधार किया जा सकता है। अगर 1 mm से अधिक Value को Wear Offset में डालेंगे तो वह सपोर्ट नहीं करता है। Wear Offset Tool को केवल माइक्रोन से लेकर 1 mm तक ही सुधार करने के लिए बनाया गया है



3) Work Offset -:

Work Offset की सेटिंग ऐसी सेटिंग है जिसमें X अक्ष या Z अक्ष की मान में कुछ और मान जोड़ा जाता है या फिर घटाया जाता है। अगर हमें X अक्ष या Z अक्ष में कोई मान जोड़ना होता है तो Work Offset में जाकर जितना मान चाहिए उतना डाल देते हैं। इस प्रकार यह मान X अक्ष या Z अक्ष में जाकर जूट जाता है। ठीक ऐसे ही अगर X अक्ष या Z अक्ष में  Value (मान) को घटाना होता है तो Work Offset में जाकर उस मान को लिख दिया जाता है। इस प्रकार Work Offset में वर्तमान मान में से डाला गया मान घट जाता है। Value को जिस अक्ष में जोड़ा जाता है उसकी तरफ Tool डाले गए मान के अनुसार बढ़ जाता है और यही Value अगर घटाने के लिये डाली जाती है तो उसमें टूल का मान (Value) उतना घट जाता है।


Work Offset में मान डालने के नियम -

१. Work Offset में मान को डालने के लिए सबसे पहले Offset मीनू में जाते हैं।

२. Menu में जाकर Work Offset को चुनते हैं।

३. Work Offset बाद एक मीनू प्रदर्शित होता है जिसमें X अक्ष और Z अक्ष सारणी के रूप में होते हैं।

४. अब जिस अक्ष में मान को डालना है उसका चयन करके मान डाल लेते हैं।

५. मान डालने के बाद इनपुट प्लस (Input +) बटन दबाकर मान को Save कर लिया जाता है।


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