मोल्डिंग बालू के परीक्षण कैसे किया जाता है? प्रकार

मोल्डिंग बालू के परीक्षण (Testing of Moulding Sand in Hindi) -:

विभिन्न धातुओं की कास्टिंग के लिए मोल्डिंग बालू के गुणों का परीक्षण/जांच किये बिना कास्टिंग की प्रक्रिया नहीं की जाती है। पहले यह भली-भांति जांच/टेस्ट कर लिया जाता है कि मोल्डिंग बालू में कास्टिंग करने के लिए विशेष गुण मौजूद है कि नहीं है और फिर परीक्षण करके इन गुणों के द्वारा कास्टिंग को नियंत्रित किया जाता है जितनी बार मोल्डिंग प्रक्रिया की जाती है प्रत्येक बार मोल्डिंग बालू की गुणवत्ता का परीक्षण किया जाता है।




मोल्डिंग बालू के परीक्षण को दो भागों में बांटा जा सकता है या यह दो प्रकार से किए जाते हैं -

1. बालू के अवयवो को निर्धारित करने वाली परीक्षण (Tests to Determine the Contents of Sand)

2. बालू के गुणों को निर्धारित करने वाले परीक्षण (Tests to Determine the Characteristics of Sand)


1. बालू के अवयवो को निर्धारित करने वाली परीक्षण (Tests to Determine the Contents of Sand) -:

इस परीक्षण के द्वारा हम बालू के कणों का आकार साइज और क्ले की प्रतिशतता, नमी की प्रतिशतता आदि को ज्ञात करते हैं और इनका परीक्षण किया जाता है। यह परीक्षण प्रयोगशाला में ही किए जाते हैं।


बालू अवयव निर्धारण परीक्षण  के प्रकार (Types of Test to Contents of Sand) -:

यह परीक्षण निम्न प्रकार के होते हैं -

A) बालू के कणों का साइज

B) बालू के कणों का आकार

C) क्ले की प्रतिशतता

D) नमी का आकलन करना


A) बालू के कणों का साइज (Grain Size of Sand) -:

बालू के कणों का साइज ज्ञात करने के लिए सीव शेकर मशीन (Sieve Shaker) का प्रयोग किया जाता है इसके ऊपर स्टैंडर्ड छंनियो का एक सेट होता है। सबसे ऊपर सबसे मोटी छन्नी तथा सबसे नीचे सबसे महीन छन्नी लगी होती है। साफ सुथरा किए गए शुष्क बालू को सबसे ऊपर वाली छलनी पर रखा जाता है और विद्युत मोटर के द्वारा शिव शेकर मशीन को निश्चित अंतराल के लिए चलाते हैं। अब प्रत्येक छन्नी में बची बालू को लेकर इसे तौला जाता है और इसके सैंपल के भार की तुलना में प्रतिशतता ज्ञात किया जाता है। और अंत में इस प्रतिशतता को उस छन्नी के स्थिरांक से गुणा किया जाता है। यह स्थिरांक प्रत्येक छन्नी के लिए पहले से निर्धारित तथा ज्ञात होता है। बालू का फाइनेंस नंबर ज्ञात करने के लिए निम्न सूत्र का प्रयोग किया जाता है -

फाइनेंस नंबर = गुणनफलो का योग / प्रतिशताओं का योग


B) बालू के कणों का आकार  (To Determine the Percentage of Clay) -:

प्रयोगशाला में उपस्थित आवर्धन लेंस और माइक्रोस्कोप की सहायता से बालू के कणों का आकार ज्ञात किया जाता है। 


C) क्ले की प्रतिशतता (To Determine the Shape of Grains of Sand) -:

क्ले कॉन्टेंट टेस्टर का प्रयोग करके क्ले की प्रतिशतता ज्ञात कर ली जाती है। सबसे पहले बालू/रेत को सुखाते हैं और उसके बाद उसमें से निश्चित मात्रा ले ली जाती है। अगर 50 ग्राम बालू एक जार में लेते हैं तो 475 मिली पानी में 25 मिली NaOH का स्टैंडर्ड घोल मिलाकर ढक्कन से बंद कर देते हैं। अब इस बंद जार को क्ले कांटेक्ट टेस्टर पर रखकर 60 RPM की चाल से घुमाते हैं। 1 घंटे तक जार को घुमाने के बाद मशीन पर से जार को उतार लिया जाता है और जार व ढक्कन पर लगे बालू को अंदर ही धो लेते हैं।

जार में बने 150 mm ऊपर निशान तक पानी भर लिया जाता है और 10 मिनट के लिए उसे छोड़ देते हैं। इससे बालू नीचे की तली में बैठने लगता है। अब ऊपर से पानी को निकालकर उसका लेवल 50 mm तक कर देते हैं और पुनः पानी डालकर 150mm तक लाते हैं।  फिर 10 मिनट तक बालू के सेट होने के पश्चात 25 mm पानी को निकाल दिया जाता है। इस प्रक्रिया को बार-बार दोहराया जाता है और अंत मे बालू को बैठने के लिए अब मात्र 5 मिनट का समय दिया जाता है। वह पदार्थ जो 5 मिनट में 125mm नीचे बैठ जाते हैं उन्हें अलग कर देते हैं। इस प्रकार जो रेत/बालू जार में नीचे जमी या बची होती है, वह सिलिका रेत होती है और जो रेत पानी के साथ अलग हो जाती है वह क्ले होती है। अब इस पदार्थ को फिल्टर करके अलग कर देते हैं और सुखा कर व्यवसायिक रूप से प्रयोग करने लगते हैं।


D) बालू के नमी का आकलन करना (To Determine the Moisture of Sand) -:

मोल्डिंग बालू में नमी को जांचने के लिए उसका नमूना ले लिया जाता है और उसे तौल कर नोट कर लेते हैं। अब इस नमूने को ओवन में रखकर सुखा लिया जाता है और पुनः तौला जाता है। जब बालू का वजन तौलते वक्त घटना कम हो जाता है तो हम मान लेते हैं कि मोल्डिंग बालू की सारी नमी निकल गई है।

अब प्रारंभ में तौले गए वजन में से वर्तमान में नमूने के तौले गए वजन को घटा लेते हैं। इस प्रकार घटाने के बाद जो नमी घटकर सामने आती है वह नमी ज्ञात कर लेते हैं।


2. बालू के गुणों को निर्धारित करने वाले परीक्षण (Tests to Determine the Characteristics of Sand) -:

मोल्डिंग के लिए हम बालू का प्रयोग करते हैं। उन्हें प्रयोग करने से पहले , उनका परीक्षण किया जाता है और जाना जाता है कि बालू में कौन-कौन से गुणों की कमी है और बालू किन-किन गुणों से भरा हुआ है। अगर बालू मोल्डिंग करने योग्य गुणों से भरा होता है तो उस बालू से मोल्डिंग प्रक्रिया की जाती है, परंतु अगर बालू मोल्डिंग वाले गुणों से भरा नहीं है तो उस बालू को मोल्डिंग योग्य बनाया जाता है। इसलिए मोल्डिंग करने से पहले बालू के गुणों को निर्धारित करने वाले परीक्षण का प्रयोग करके हम ज्ञात कर लेते हैं कि बालू, मोल्डिंग करने योग्य है कि नहीं है बालू के गुणों को निर्धारित करने के लिए निम्न परीक्षण किए जाते हैं।


बालू गुण निर्धारण परीक्षण के प्रकार (Types of Tests to Determine the Characteristics of Sand in Hindi) -:

ये चार प्रकार के होते हैं -

A) मोल्ड की कठोरता (Mould Hardness)

B) पारगम्यता (Permeability)

C) मोल्ड सामर्थ्य (Strength)

D) उच्च तापीय गुण (High Temperature Characteristics)


A) मोल्ड की कठोरता (Mould Hardness) -:

मोल्डिंग बालू के अवयव और बालू की ठुकाई की मात्रा पर मोल्ड की कठोरता निर्भर करती है। जब मोल्ड की कठोरता बढ़ानी होती है तो बालू में क्ले और अलसी के तेल का प्रयोग किया जाता है। मोल्ड की कठोरता को मापने के लिए एक विशेष प्रकार के उपकरण का प्रयोग किया जाता है जो डायल गेज के समान रहता है। इस उपकरण को हार्डनेस टेस्टर (Hardness Tester) कहते हैं। इस उपकरण की सतह फ्लैट होती है जिसमें से  पलंजर बाहर निकलता है। जब इस टेस्टर को मोल्ड की सतह पर रखा जाता है तो प्लंजर मोल्ड की सतह में धंसने लगता है। यह प्लंजर मोल्ड की सतह में जितना दूरी तक अंदर जाता है। उसी से मोल्ड की कठोरता मापी जाती है। अगर मोल्ड की कठोरता अधिक होती है तो प्लंजर मोल्ड में कम धंसता है। यह उपकरण प्लंजर द्वारा चली गई दूरी को रैक एंड पिनियन मैकेनिज्म के द्वारा डायल पर प्रदर्शित करता है। इसी से मोल्ड की कठोरता ज्ञात कर ली जाती है। इस हार्डनेस टेस्टर (Hardness Tester) को 0 से 100 भागों में विभाजित किया गया होता है।


B) पारगम्यता (Permeability) -:

मोल्ड के लिए सामर्थ्य और पारगम्यता का गुण होना अति आवश्यक होता है। ये दोनों गुण एक दूसरे के विपरीत होते हैं। जब पारगम्यता बढ़ाई जाती है तो सामर्थ्य कम हो जाता है और जब सामर्थ्य को बढ़ाया जाता है तो पारगम्यता कम हो जाती है। क्योंकि यह दोनों गुण क्ले की प्रतिशतता पर निर्भर होते हैं। सामर्थ्य और पारगम्यता जैसे गुणों का विकास करने के लिए निश्चित मात्रा में पानी मिलाया जाता है और निश्चित रैमिंग की जाती है।

मोल्डिंग बालू के गुणों में पारगम्यता को मापने के लिए एक विशेष प्रकार के उपकरण का प्रयोग किया जाता है जिसे पारगम्यता मापक (Permeability) कहते हैं। इस उपकरण का प्रयोग करते समय, बालू के सैंपल से निश्चित मात्रा में हवा को गुजारा जाता है और यह सैंपल जितनी देर मोल्डिंग बालू/नमूने के पास रहता है उसको नोट कर लिया जाता है।

पारगम्यता (Permeability) को पारगम्यता नंबर (Permeability Number) के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। Permeability Number की परिभाषा निम्न प्रकार से दी गई है -

" यह नंबर घन सेंटीमीटर में हवा का वह आयतन है जो 1 ग्राम प्रति वर्ग सेंटीमीटर के दाब से एक सेंटीमीटर ऊंचाई के एक घन सेंटीमीटर आयतन के बालू के नमूने में प्रति मिनट गुजरता है "

Permeability Number = V h /Pa. t


C) मोल्ड सामर्थ्य (Strength) -:

सैंड टेस्टर की सहायता से बालू की कंप्रेसिव, टेनसाइल और शियर तीनों प्रकार की सामर्थ निकाली जाती है। इस परीक्षण को करने के लिए सैंड रैमर की सहायता से बालू के नमूनों को अच्छी तरीके से तैयार किया जाता है। अब नमूने को एक होल्डर में पकड़कर स्ट्रेंथ टेस्टर की सहायता से दबाव बनाया जाता है और जिस दाब पर नमूना टूट जाता है वह बल इसका कंप्रेसिव स्ट्रेंथ (Compressive Strenght) कहलाता है। यह कंप्रेसिव स्ट्रैंथ सीधे इंडिकेटर पर दिखाया जाता है।

अब इसी तरह होल्डर को बदलकर दूसरे होल्डर में नमूनों को पकड़ लिया जाता है और टेनसाइल और शियर स्ट्रैंथ निकाली जाती है। इन स्ट्रेंथ को निकालने के लिए यूनिवर्सल सैंड स्ट्रेंथ टेस्टिंग मशीन (Universal Sand Strength Testing Machine) का प्रयोग किया जाता है।


D) उच्च तापीय गुण (High Temperature Characteristics) -:

मोल्डिंग बालू ka उचित तापीय परीक्षण करने के लिए नमूने को ठीक है उन्हीं परिस्थितियों से गुजारा जाता है जिनमें वास्तविक मोल्ड को कार्य करना होता है। हॉट कंप्रेसिव स्ट्रैंथ (Hot Compressive Strenght) और हॉट डिफॉर्मेशन (Hot Deformation) परीक्षण के लिए एक विशेष प्रकार की भट्टी का प्रयोग किया जाता है जिसे थर्मोलैब डाइलैटोमीटर (Thermo-Lab-Dilatometer) कहते हैं। और मोल्डिंग बालू की ताप सहने की शक्ति को मापने के लिए उसके सेंटरिंग पॉइंट को निकालते हैं। इसके लिए एक विशेष उपकरण सिंटर मीटर (Sinter Meter) का प्रयोग किया जाता है।


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