कोर (Core) क्या है? प्रकार - Casting

कोर (Core in Hindi) -:

कास्टिंग को जरूरत के अनुसार खोखला बनाने के लिए मोल्ड में प्रयोग की जाने वाली रेत की विभिन्न आकारों की आकृतियों को ही कोर (Core) कहते हैं। कोर को मोल्ड के अंदर से बनाने के लिए केविटी का निर्माण किया जाता है। इस केविटी का निर्माण पैटर्न में ही कुछ भाग उभार करके बना दिए जाते हैं जो कोर प्रिंट कहा जाता है। कोर का निर्माण अलग से किया जाता है इसको बनाने के लिए कोर बॉक्स का प्रयोग करते हैं।


कोर (Core in Hindi) - प्रकार


कोर के प्रकार (Type of Core in Hindi) -:

कोर को उसके आकार और स्थिति के आधार पर बांटा गया है जो निम्नलिखित है -

1. क्षैतिज कोर (Horizontal Core)

2. ऊर्ध्वाधर कोर (Vertical Core)

3. सन्तुलित कोर (Balanced Core)

4. आवरण कोर (Cover Core)

5. विंग कोर (Wing Core)

6. लटकी कोर (Hanging Core)

7. रैम-अप-कोर (Ram-up Core)

8. चुम्बन कोर (Kiss Core)



1. क्षैतिज कोर (Horizontal Core) -:

इसको का प्रयोग सबसे अधिक किया जाता है। मोल्ड में  इस कोर को क्षैतिज अवस्था मे प्रयोग किया जाता है।


2. ऊर्ध्वाधर कोर (Vertical Core) -:

इसको कोर को मोल्ड के अंदर वर्टिकल अवस्था में लगाया जाता है। इसमें कोर के एक सिरे को कोर सीट कोप में तथा दूसरे सिरे को कोर सरे को कोर सीट ड्रैग में लगाया जाता है। कोर और ड्रैग को आसानी से अलग किया जा सके, इसके लिए कोर प्रिंट में टेपर अलाउंस दिया जाता है।


3. सन्तुलित कोर (Balanced Core) -:

ऐसा कोर जिसको केवल एक ही सिरे पर सहारा जाता है उसे सन्तुलित कोर (Balanced Core) कहते हैं।

कास्टिंग की आकृति कोर को पहले सिरे पर तो हमेशा सहारने देती है। परंतु कभी-कभी दूसरे सिरे पर कोर को सहारा नही जा सकता है। जब ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है तो कोर प्रिंट का डिजाइन को इस प्रकार बनाया जाता है कि मोल्ड में बनी केविटी वाला भाग ही अन्य भाग की लंबाई को संतुलित करता है। परंतु जब कोर अधिक लंबी होती है तो इसके लिए चैप्लेट का प्रयोग किया जाता है। चैप्लेट, कास्टिंग धातु के टुकड़े होते हैं जिन पर कोर को टीका दिया जाता है। और अंत में जब मोल्ड में पिघली धातु को डाला जाता है तो चैप्लेट भी उसी में गलकर कास्टिंग का भाग बन जाता है।


4. आवरण कोर (Cover Core) -:

जब पूरे पैटर्न को ड्रैग में दबाकर मोल्ड बनाया जाता है और कोर को मोल्ड में ऊपर से ढक दिया जाता है तो ऐसे कोर को आवरण कोर (Cover Core) कहते हैं।


5. विंग कोर (Wing Core) -:

कास्टिंग की डिजाइन की जरूरत को पूरा करने के लिए जब कोर को पार्टिंग लाइन से ऊपर या नीचे लगाया जाता है तो इस प्रकार लगे हुए कोर को विंग कोर (Wing Core) कहते हैं।

इस कोर को स्टाफ आफ कोर, चेयर कोर, टेल कोर या सैडिल कोर के नामों से भी जाना जाता है। जो सीट पैटर्न के द्वारा बने होते हैं उनको सीधे-सीधे या अन्य कोर के साथ बैठा दिया जाता है।


6. लटकी कोर (Hanging Core) -:

जब कोर को कोप के साथ मोल्ड में लटकाया जाता है तो इस लटकी कोर को लटकी कोर (Hanging Core) कहते हैं। इस कोर कोप में लटकाने के लिए तार या रॉड का प्रयोग किया जाता है।


7. रैम-अप-कोर (Ram-up Core) -:

जब कोर को मोल्ड बनाते समय ही पैटर्न के साथ मोल्डिंग सैंड में फंसा दिया जाता है तो ऐसी कोर को रैम-अप-कोर (Ram-up Core) कहते हैं। इस कोर को कास्टिंग की अंदरूनी तथा बाह्य परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है


8. चुम्बन कोर (Kiss Core) -:

जब कोर को उचित स्थिति में कोप से दाब देकर सहारा दिया जाता है तो ऐसी कोर को चुम्बन कोर (Kiss Core) कहते हैं। चुंबन कोर की स्थिति तब पैदा होती है जब पैटर्न में कोर-प्रिंट नहीं दिए जाते हैं और को  सहारने के लिए सीट नहीं मिलती है। जब किसी कास्टिंग के एक ही सतह में बहुत सारे छिद्रों का निर्माण करना होता है तो चुंबन कोर का प्रयोग सबसे उपयुक्त होता है।



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