Rolling Kise Kahate Hain । रोलिंग किसे कहते है? Rolling के प्रकार


Rolling Process


Rolling एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें धातु के पिंडों को, दो विपरीत दिशा में घूमते हुए रोलर के मध्य से निकाला जाता है , जिसमें वे धातु के पिंड पिचक जाते हैं या चपटे हो जाते हैं। धातु पिंड रोल होने के कारण उनकी मोटाई कम हो जाती है और लंबाई फैल जाती है। और उसके बाद पुनः पिंड को 90° घुमा कर रोलर के मध्य से गुजारा जाता है तब वे पिंड और बारीक हो जाते हैं और अच्छे हो जाते हैं इस प्रकार धातु को बार-बार कंप्रेस किया जाता है वह धातु पिंड जितना ही अधिक ये क्रिया करके अच्छी बनती है उन धातु पिंड की सामर्थ्य उतना ही अधिक बढ़ता है। रोलिंग अच्छी होने से धातु के यांत्रिक गुणों में भी वृद्धि होता है। वैसे रोलिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जो धातु पिंड की गर्म और ठंडी दोनों अवस्था में से किया जाता है। 


रोलिंग के प्रकार (Type of Rolling in Hindi)

Rolling तीन प्रकार के होते हैं जो निम्न है-

1. तप्त रेलिंग (Hot Rolling)
2. चूड़ीदार रोलिंग (Thread Rolling)
3. ठंडी रोलिंग (Cold Rolling)


1. तप्त रेलिंग (Hot Rolling)

जब धातु के पिंड गर्म होते हैं तो उन्हें रोलिंग करना आसान होता है क्योंकि धातुओं के मध्य जो परमाणु होते हैं उनका बांड ताप के कारण कमजोर हो जाता है। जब धातु का रोलिंग करना होता है तो पहले धातु को पिघलाकर उनका बिलेट तैयार किया जाता है और उसके बाद बिलेट को  छिला जाता है। जब बिलेट को पी लिया जाता है तो उसे गर्म किया जाता है। जैसे ही बीलेट गर्म हो जाता है तो उसे रोलरो के मध्य गुजार कर उसका Cross section कम किया जाता है। रोलर के मध्य बी लेट जब चले जाते हैं तो यह चपटे हो जाते हैं और इनकी लंबाई बढ़ जाती है। हॉट रोलिंग की प्रक्रिया अपना मनपसंद आकार प्राप्त करने के लिए या मनपसंद धातु पिंड की लंबाई , चौड़ाई  प्राप्त करने के लिए Hot Rolling प्रक्रिया का प्रयोग किया जाता है। हॉट रोलिंग क्रिया करने से धातु पिंड की सतह बहुत ही चिकनी प्राप्त होती है।


2. चूड़ीदार रोलिंग (Thread Rolling)

थ्रेड रोलिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें धातु को प्लास्टिक अवस्था तक गर्म कराया जाता है और उसके बाद उसमें चूड़ी काटने की क्रिया की जाती है। थ्रेड रोलिंग में दो चपटी थ्रेडिंग डाई लगी होती है। जैसे ही डाई को पश्चाग्र गति कराया जाता है और धातु पिंड को दबाया जाता है तो धातु पिंड पर चूड़ियों का निर्माण होना प्रारंभ हो जाता है।


3. ठंडी रोलिंग (Cold Rolling)

इस प्रक्रिया का इस्तेमाल तब किया जाता है जब धातु ठंडी होती है जब धातु ठंडी होती है तो कोल्ड रोलिंग का प्रयोग करके धातु को roll किया जाता है। Cold Rolling का प्रयोग हॉट रोलिंग के पश्चात धातुओं की सतहों को और अधिक चिकना और परिष्कृत बनाने के लिए किया जाता है। Cold Rolling के द्वारा किसी कार्य खंड में अपनी इच्छा के अनुसार यांत्रिक गुणों का विकास किया जा सकता है। जब कोल्ड रोलिंग की प्रक्रिया की जाती है तो मशीनों पर अधिक भार होता है , अधिक भार होने के कारण , धातुओं का Cross section धीरे धीरे घटाया जाता है। कोल्ड रोलिंग के दौरान मशीनों पर अधिक भार होने के कारण धातु खंड में किसी प्रकार की कोई त्रुटि न आए , इसलिए Backing Roller का भी प्रयोग करते हैं।



ये भी पढ़े.....

Post a Comment

0 Comments