Extrusion क्या है। प्रकार। extrusion process in hindi

Extrusion एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें धातु के बीलेट पर बहुत अधिक दाब हाइड्रोलिक प्रेस के द्वारा लगाकर किसी डाई में से उसको पास कर दिया जाता है और डाइ के आकार का वस्तु प्राप्त किया जाता है। Extrusion द्वारा पीतल एलुमिनियम तथा तांबा आदि धातुओं के विभिन्न प्रकार तथा ठोस आकार के खोखले सेक्शन बनाए जाते हैं। Extrusion की प्रक्रिया ठंडी अवस्था तथा तप्त अवस्था , दोनों में आसानी से किया जा सकता है।

Types of extrusion in Hindi


Extrusion के प्रकार-

1.Impact Extrusion

2.Tubelar Extrusion

3.Hydrostatic Extrusion

4.Direct Extrusion

5.Indirect Extrusion


1.Impact Extrusion

Impact Extrusion के प्रक्रिया के द्वारा केवल मुलायम तथा तन्य धातुओं का एक्सट्रूजन संभव होता है। Impact Extrusion के द्वारा केवल मुलायम धातुओं और तन्य धातुओं का ही एक्सट्रूजन किया जा सकता है। जिसमें शीशा , टिन आदि धातुओं के पतली दीवारों वाले बर्तन बनाए जाते हैं।


2.Tubelar Extrusion

इसके द्वारा विभिन्न प्रकार के ट्यूबलर सेक्शन बनाये जाते हैं। Tubelar Extrusion के लिए रैम के साथ में एक मन्ड्रिल का भी प्रयोग किया जाता है जो tube का बोर निर्धारित करने के लिए काम आता है।


3.Hydrostatic Extrusion

Hydrostatic Extrusion  एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें विलेट और रैम के मध्य किसी द्रव को भर दिया जाता है और रैम को जब दबाया जाता है तो बीलेट पर pressure पड़ता और बिलेट डाई में से होता हुआ बाहर निकल जाता है और हमें अपने मोल्ड के अनुसार वांछित आकार का उत्पादन आसानी से प्राप्त हो जाता है। अगर भंगुर धातुओं में थोड़ा सुधार किया जाए यो हैड्रोस्टेटिक प्रक्रिया द्वारा  भंगुर धातुओं का भी Extrusion आसानी से किया जा सकता है।


4.Direct Extrusion

डायरेक्ट एक्सट्रूजन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें विलेट को रैम द्वारा प्रेस करके डाई में डाल दिया जाता है और डाई में से निकलने के बाद बीलेट हमें अपने मनपसंद आकार की धातु के आकार में प्राप्त हो जाती है। जब इस प्रक्रिया को किया जाता है तो विलेट पर बहुत अधिक दबाव पड़ता है जिसके कारण और सिलेंडर की दीवारों और बीलेट के मध्य घर्षण होता है जिसे इनडायरेक्ट एक्सट्रूजन द्वारा दूर किया जा सकता है। 


5.Indirect Extrusion

यह ऐसी प्रक्रिया है जिसमें रैम को खोखला रख दिया जाता है ताकि एक्सट्रूजन के पश्चात प्राप्त उत्पादन रैम में से आसानी से बाहर आ सके। इसमें विलेट को हम लोग स्थिर रखते हैं। जब बीलेट रैम में से होकर बाहर आता है तो इसमें घर्षण नहीं होता है जो घर्षण से मुक्त होता है। इसमें हाइड्रोलिक प्रेस रैम के द्वारा डाई को आगे बिलेट के विरुद्ध दबाव दिया है।


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