Forging एक ऐसा प्रोसेस है जिसमें पदार्थ को उसके क्रांतिक तापमान तक गर्म किया जाता है और उसकी प्लास्टिक अवस्था में आ जाने पर बल लगाकर वांछित आकार और माप के अनुसार पदार्थ को बना लिया जाता है।Forging को हिंदी में फोर्जन भी कह सकते हैं। इसमें पदार्थो को डाइयो या अन्य किसी माध्यम से बल लगाकर दबाते हुए अपने वांछित आकार में परिवर्तित कर लेते हैं। फोर्जिंग की क्रिया धातुओं को या अन्य पदार्थो को भी अपने इच्छा अनुसार आकार में बदलने के लिए किया जाता है।
Forging प्रक्रम निम्नलिखित हैं-
1.Roll Forging
2.Swaging
3.Drop Forging
4.Upset Forging
5.Press Forging
6.Hammer Forging
7.Hand Forging (हस्त फोर्जिंग)
1.Roll Forging
रोल फोर्जिंग एक ऐसा ऐसा फोर्जिंग एक ऐसा फोर्जिंग है जिसमें वायर ड्राइंग में वायर और राड ड्राइंग में राड की सिरे को डाई में से सफलतापूर्वक बनाने योग्य बनाया जाता है।
वायर ड्राइंग में वायर और राड ड्राइंग में राड की सिरे को पकड़ कर अच्छी तरह से खींचा जाता है। जब भी हमको वायर या रॉड के सिरे को पतला करना होता है तो रोल फोर्जिंग का प्रयोग करते हैं।
2.Swaging
Swaging एक ऐसी प्रक्रिया जिसमें swage की सहायता से कार्यखंड के आकार में परिवर्तन किया जाता है। जब भी हम को किसी कार्यखंड का आकार बदलना होता है तो सबसे पहले कार्यखंड को प्लास्टिक अवस्था में लाकर के लाकर के के उस पर swage रख कर के हथौड़े से बल हथौड़े से बल के हथौड़े से बल लगाते हैं और धातु को स्वेज की सहायता से अपने मनपसंद आकार में फैला लिया जाता है। इस प्रक्रिया को Swaging कहते हैं। इस प्रक्रिया में कार्यखंड को हथौड़े से सीधे-सीधे पीटने का स्थान का स्थान पीटने का स्थान का स्थान पर swage का प्रयोग करके कार्यखण्ड में परिवर्तन किया जाता है। जब हम रोटरी Swaging का प्रयोग करते हैं तो उसके द्वारा राड, पाइप का व्यास कम कर लेते हैं हम इससे टेपर भी कर सकते है।
3.Drop Forging
इस प्रक्रिया में भाप शक्ति से चलने वाले ड्राप फोर्जिंग हैमर का प्रयोग किया जाता है। हमें जिस भी आकार का कार्यखंड चाहिए होता है उस आकार के अनुरूप बनाई गई डाईयों का प्रयोग करते हैं। इस प्रक्रिया में विलेट के मापे हुए टुकड़े को प्लास्टिक स्थिति का गर्म करके डाइयो के अंदर रखकर ड्राप फोर्जिंग हैमर के द्वारा बलपूर्वक दबाया जाता है। इसके कारण दोनों डाइयो में , दोनों भागों में बने खाली स्थान में धातु को फैलाकर भर दिया जाता है। और उसके बाद कार्यखण्ड को खोलकर बाहर निकाल लिया जाता है।
4.Upset Forging
बोल्ट , कील ,रीविट आदि बनाने में drop Forging का प्रयोग किया जाता है। ऐसे Forging मैं इच्छा अनुसार कार्यखंड का आकार प्रदान करने के लिए एक भाग को ही केवल दबाया जाता है। जैसे बोल्ट को जब बनाया जाता है तो उसके एक भाग को ही दबाया जाता है। जब किसी डाई के अंदर Forging की जाती है तो उसे क्लोज अपसेटिंग और जब डाई के बाहर कोई Forging की जाती है तो उसे ओपन अपसेटिंग कहते हैं।
5.Press Forging
जब भी प्रेस Forging का प्रयोग किया जाता है तो वांछित आकार प्राप्त करने के लिए बार-बार चोट करने के स्थान पर एक ही बार में बल लगाकर प्रेस मशीन द्वारा धातु को डाई में चारों ओर फैला दिया जाता है।
6.Hammer Forging
हैमर Forging में भारी भारी कार्यखण्ड का Forging किया जाता है क्योंकि भारी चीजों को अन्य विधि द्वारा Forging करना आसान नहीं होता है।
7.Hand Forging (हस्त फोर्जिंग)
इस फोर्जिंग में हाथ द्वारा हैंड टूल्स का प्रयोग करते हैं। जैसे सड़सी , हथोड़ा आदि का प्रयोग करके पदार्थ को प्लास्टिक अवस्था तक गर्म करके अनवील पर पीट-पीटकर वांछित आकार में वांछित माप में प्राप्त किया जाता है तो ऐसे Forging को ही हस्त फोर्जिंग कहते हैं।
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