Metal Drawing के प्रकार |
मेटल ड्राइंग एक ऐसी प्रोसेस है जिसका उपयोग करके रॉड, पाइप या किसी तार का व्यास कम करने के लिए हम मैटल ड्राइंग का प्रयोग करते हैं। जब किसी बड़े ब्यास वाले रॉड ,तार ,पाइप में मेटल ड्राइंग की प्रक्रिया की जाती है तो यह प्रक्रिया धीरे-धीरे होती है परंतु यही प्रक्रिया जब हम किसी छोटे व्यास वाले किसी जॉब में होती है तो व्यास कम होने की गति तेज होती है क्योंकि व्यास जब बड़ा होगा तो क्षेत्रफल भी अधिक होगा इसलिए Metal Drawing Process करने पर अधिक समय लगता है परंतु जब व्यास कम होता है तो जॉब का क्षेत्रफल भी कम होता है इसीलिए कम क्षेत्रफल होने के कारण मेटल ड्राइंग की प्रोसेस की गति तेज होती है और जल्दी हो जाती है। जब किसी जॉब का व्यास अधिक कम करना होता है तो उसे कई बार डाइयो में डालकर बाहर निकाला जाता है जिससे उसका व्यास कम होता जाता है। जितना अधिक बार डाइयो में डालकर जॉब को बाहर निकाला जाता है उतनी बार कार्यखण्ड का व्यास कम होता जाता है। जब किसी जॉब को एक बार डाई में डालकर बाहर निकाला जाता है तो उसे एक बार 'पास' लगाना कहते हैं। जॉब को जितनी बार डाइयो में डालकर कर बाहर निकाला जाता है उसे उतना बार ही पास लगाना कहते हैं। मेटल ड्राइंग के लिए एक विशेष प्रकार की मशीन प्रयोग की जाती है जिसे ड्रा-बेंच कहते हैं। कार्यखंड का एक सिरा स्वेजिंग प्रक्रम द्वारा पतला कर दिया जाता है जिससे वह आसानी के साथ डाई में प्रवेश कर सकें। पतले कार्यखण्ड के सिरे को एक प्लायर (pliar) द्वारा पकड़कर ड्रा बेंच में चल रही चेन में या ड्रम के होल लटकाया या अटका दिया जाता है। जैसे ही कार्यखंड को अटका दिया जाता है उसके बाद कार्यखंड (तार, पाइप, रॉड) का खींचना प्रारंभ हो जाता है। जॉब जैसे - जैसे खींचता है वैसे वैसे हो उसका व्यास पतला होने लगता है और डाई के अनुरूप ही जॉब का व्यास बनना शुरू हो जाता है। मेटल ड्राइंग की डाइ हाई कार्बन स्टील या टंगस्टन कार्बाईड की बनी होती हैं। जब तार का बहुत पतला व्यास बनाना होता है तो उसके लिए डाइयो को डायमंड का बनाया जाता है। डाइया कार्य करते हुए जब अधिक गर्म हो जाती है तो डाइयो को ठंडा रखने के लिए उनमें से पानी को सर्कुलेट (circulate) या प्रवेश कराया जाता है तथा डाइयो और जॉब के मध्य घर्षण कम करने के लिए तार, रॉड , पाइप इत्यादि जॉब पर स्नेहक का भी प्रयोग किया जाता है।
मेटल ड्राइंग के प्रकार (Types of Metal Drawing in hindi) -
1.वायर ड्राइंग (Wire Drawing)
2.Tube Drawing
3.बार ड्राइंग (Bar Drawing)
1.वायर ड्राइंग (Wire Drawing)
Wire Drawing एक ऐसा ड्राइंग है जिसमें वायर के सिरे को नुकीला बना लिया जाता है और डाई में घुसा दिया जाता है और घुसाने के बाद तार को प्लायर के जबड़े में पकड़ लिया जाता है। इसके बाद जबड़ा तार की डाई में से बाहर खींचते हुए ड्राइंग ब्लॉक के ऊपर लपेटना शरू हो जाता है।
2.Tube Drawing
Tube Drawing एक ऐसा प्रोसेस है जिसमें पाइप के बाहरी व्यास को कम करने के लिए डाई का प्रयोग किया जाता है और पाइप के अंदर के व्यास को बनाने के लिए एक विशेष प्रकार की मैंडरिल (Mendrel) का प्रयोग किया जाता है। यह मैंडरिल (Mendrel) अपने स्थान पर रुकता नहीं है इसको रोके रखने के लिए एक छड़ के द्वारा जिसे मैंडरिल रॉड कहा जाता है , उसी से बांध दिया जाता है। जब ट्यूब या पाइप को डाइयो में डालना होता है तो tube के एक सिरे को पिचका कर squeez कर लिया जाता है। इसके पश्चात मैंडरिल को डाइयो के स्लोप पर सेट किया जाता है जिससे tube की धातु का बहाव अंदर और बाहर एक ही समय पर आसानी से हो सके।
3.बार ड्राइंग (Bar Drawing)
Bar Drawing एक ऐसा प्रोसेस है जिसमें छड़ के एक सिरे को नुकीला बना लिया जाता है तथा इस सिरे को डाई के छिद्र में डालकर प्लायर के जबड़ो में पकड़ लिया जाता है। यह जबड़े बार को डाइयो के उन सभी क्षेत्रों में से खींच लेते हैं जहां पर बार के आकार में बदलाव, नए आकृति और दीर्घकरण कारण होता है। इस प्रकार वांछित अनुप्रस्थ काट की छड़ और वायर प्राप्त हो जाती है। Tube Drawing process में tube के अंदर और बाहर दोनों ओर की सतहों पर स्नेहक का प्रयोग किया जाता है।
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