उत्पादन प्रक्रम का सिद्धांत 5M नियम क्या है? Concept of Manufacturing Process Hindi - 5M Rule

Manufacturing शब्द का जन्म दो ग्रीक शब्द और manus तथा factus के द्वारा हुआ है manus का अर्थ होता है हस्त और factus का अर्थ उत्पादन होता है। अर्थात manufacturing का अर्थ हस्त उत्पादन उत्पादन होता है। परंतु अगर वर्तमान समय को देखा जाए तो इसका अर्थ सभी प्रकार के उत्पादन प्रोसेस से लिया गया है। इन सभी उत्पादन प्रोसेस का विस्तृत वर्णन हम उत्पादन इंजीनियरिंग (production engineering) के अंतर्गत करते हैं।

प्रकृतिक से प्राप्त धातु तथा अधातु पदार्थों को उत्पादन प्रोसेस के द्वारा उपयोगी वस्तुओं में बदलने के लिए हमें 5m की आवश्यकता होती है।

5M उत्पादन प्रक्रम नियम

5M manufacturing process rule in hindi। उत्पादन प्रक्रम 5M का नियम

1. Material (पदार्थ)
2. Manufacturing process (उत्पादन प्रक्रम)
3. Machine tools (मशीन टूल)
4. Man power (श्रमिक)
5. Money (पूंजी)


1. Material (पदार्थ)

पूरे ब्रह्मांड में या पूरे पृथ्वी पर बिना पदार्थ के किसी भी वस्तु का निर्माण करना असंभव है। तैयार माल के वांछित गुणों के आधार पर उस पदार्थ का चुनाव किया जाता है और उस पदार्थ के उपयोगिता के अनुसार पदार्थ की कीमतों पर विचार किया जाता है।


2. Manufacturing process (उत्पादन प्रक्रम)

जब हम उत्पादन प्रक्रम अपनाते हैं तो उत्पादन प्रक्रम के द्वारा रा-पदार्थ या रा-मैटेरियल को निम्नलिखित गुण प्रदान किए जाते हैं-
A) इच्छा अनुसार गुणवत्ता (Required Characteristics)

B) इच्छा अनुसार आकार (Required shape)

C) इच्छा अनुसार परिमाप (Required size)

D) वांछित सतह परिष्करण (Required surface finish)

ऊपर दिए गए सभी गुणों को प्राप्त करने के लिए पदार्थ पर होने वाले विभिन्न प्रक्रमों को क्रम अनुसार किया जाता है और उसके बाद बाद विभिन्न प्रक्रम किए जाते हैं।


3. Machine tools (मशीन टूल)

जब भी हमें मशीन टूल का चुनाव करना होता है तो उसके लिए हमें कुछ प्लानिंग की आवश्यकता होती है मशीनों का चुनाव निम्नलिखित आधार पर किया जा सकता है।

A) वस्तु का पदार्थ

B) वस्तु का आकार

C) वस्तु की उत्पादकता

जब हमें किसी वस्तु की अधिक मात्रा में उत्पादन करना होता है तो उस वस्तु के उत्पादन के लिए जनरल परपज मशीनों का प्रयोग किया जाता है परंतु यदि उसी वस्तु को बहुत अधिक मात्रा में उत्पादन करना होता है तो उसके लिए स्पेशल परपज मशीनों का प्रयोग किया जाता है।


4. Man power (श्रमिक)

चाहे कैसा भी उद्योग हो उसको चलाने के लिए किसी ना किसी व्यक्ति या श्रमिक की आवश्यकता तो होती ही है इसलिए सभी श्रमिकों को तीन भागों में बांटा जा चुका है जो नीचे निम्नलिखित हैं-
A) कुशल श्रमिक (Skilled labour)
B) अर्ध कुशल श्रमिक (semi-Skilled labour)
C) अकुशल श्रमिक (unskilled labour)


5. Money (पूंजी)

जब हमें कोई भी उद्योग स्थापित करना होता है तो हमें पैसे की आवश्यकता होती है अगर पैसा नहीं है तो उसके बिना उद्योग स्थापित नहीं किया जा सकता है। परंतु यदि आप उद्योग को वास्तव में स्थापित करना चाहते हैं तो आप पूंजी की व्यवस्था कर सकते हैं। कोई उद्योग स्थापित करने में पूंजी का निवेश करना आवश्यक होता है। पूंजी आप अपने पास से या अपने दोस्तों के पास से , रिश्तेदारों से या बैंकों से लोन इत्यादि लेकर के के किसी भी उद्योग को स्थापित कर सकते हैं।



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