फ्यूज पदार्थ किसे कहते हैं? प्रकार । लाभ । उपयोग

फ्यूज पदार्थ किसे कहते हैं? प्रकार । लाभ । उपयोग - Fuse in Hindi

फ्यूज (Fuse in Hindi) -:

ऐसे पदार्थ जो निम्न गलनांक वाले होते हैं और विद्युत धारा में एक निश्चित धारा के मान से अधिक होने पर यह पिघल जाते हैं इन्हें फ्यूज पदार्थ कहते हैं। फ्यूज पदार्थ कम गलनांक वाले पदार्थ होते हैं यह धातुओं के छोटे-छोटे टुकड़े होते हैं जिनको विद्युत परिपथ में लगाया जाता है और जैसे ही विद्युत परिपथ में विद्युत धारा का मान निश्चित या निर्धारित मान से अधिक होता है तो फ्यूज पदार्थ पिघल जाते हैं। फ्यूज पदार्थ का यह कार्य होता है कि उच्च धारा या अतिरिक्त धारा होने पर स्वयं पिघल जाना और विद्युत परिपथ में लगे हुए उपकरण यंत्रों की रक्षा करना होता है।

फ्यूज विद्युत धारा को विद्युत परिपथ में सुरक्षात्मक ढंग से यंत्रों तक पहुंचाने का कार्य करता है। यह सबसे सस्ता और सरल तरीका होता है जिससे विद्युत परिपथ में लगे यंत्रों की सुरक्षा हो जाती है। जब कभी भी फ्यूज पदार्थ का चयन किया जाता है तो सबसे पहले यह जान लिया जाता है कि इस पदार्थ के अंदर कौन-कौन से गुण है और जो विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है उसकी शक्ति कितनी है। किसी भी फ्यूज के लिए निर्धारित विद्युत धारा का मान, उसका अधिकतम विद्युत धारा होता है जिसके बाद अगर थोड़ा सा भी अधिक धारा प्रवाहित किया जाता है तो फ्यूज पदार्थ गलने लगता है।


फ्यूज के प्रकार (Types of Fuse in Hindi) -:

सामान्यतः फ्यूज दो प्रकार के होते हैं -

1. उच्च वोल्टेज फ्यूज (HighVoltage Fuse)

2. निम्न वोल्टेज फ्यूज (Low Voltage Fuse)


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1. उच्च वोल्टेज फ्यूज (HighVoltage Fuse) -:

ऐसे फ्यूज जिनका निर्माण ऊंचे धारा पर उपकरणों या यंत्रो में विद्युत सप्लाई करने के लिए किया जाता है उन्हें उच्च वोल्टेज फ्यूज (HighVoltage Fuse) कहते हैं। यह फ्यूज हाई वोल्टेज करंट की सप्लाई करने वाले यंत्रों के लिए फ्यूज के रूप में कार्य करते हैं।


2. निम्न वोल्टेज फ्यूज (Low Voltage Fuse) -:

ऐसे फ्यूज जिनका निर्माण कम धारा पर उपकरणों या यंत्रो में विद्युत सप्लाई करने के लिए किया जाता है उन्हें उच्च वोल्टेज फ्यूज (HighVoltage Fuse) कहते हैं। यह फ्यूज कम वोल्टेज करंट की सप्लाई करने वाले यंत्रों के लिए फ्यूज के रूप में कार्य करते हैं।


निम्न वोल्टेज फ्यूज के प्रकार (Type of Low Voltage Fuse in Hindi) -:

ये दो प्रकार के होते हैं -

१. सेमी एनक्लोज्ड रिवायरेविल फ्यूज (Semi Enclosed Rewireable Fuse)

२. कार्टिज टाइप फ्यूज (Cartridge Type Fuse)


१. सेमी एनक्लोज्ड रिवायरेविल फ्यूज (Semi Enclosed Rewireable Fuse) -:

इस तरह के फ्यूज का प्रयोग घर की वायरिंग में किया जाता है और इंजीनियरिंग क्षेत्र में इस प्रकार की फ्यूज का प्रयोग बहुत ही सीमित होता है, जहां पर यह फ्यूज लगा होता है वहां पर करंट के बहुत ही कम मान को हैंडल करना होता है। सामान्यतः इस प्रकार के फ्यूज को लगभग 500A रेटेड करंट के मान के लिए प्रयोग किया जाता है सेमी एनक्लोज्ड रिवायरेविल फ्यूज की ब्रेकिंग क्षमता बहुत ही कम होती है, इनकी ब्रेकिंग क्षमता 400V एंपीयर तक होती है।


२. कार्टिज टाइप फ्यूज (Cartridge Type Fuse) -:

इस फ्यूज का इस्तेमाल अधिक ब्रेकिंग क्षमता के लिए किया जाता है यह उच्च ब्रेकिंग क्षमता के लिए प्रयोग किए जाते हैं यह दो रूपों में आते हैं।

a) एच० आर० सी० फ्यूज बिना ट्रिपिंग युक्ति (High Rupturing Capacity Fuses without tripping Devices)

b)  एच० आर० सी० फ्यूज ट्रिपिंग युक्ति सहित (High Rupturing Capacity Fuses with tripping Devices)


फ्यूज पदार्थ के पांच गुण (Properties of Fuse in Hindi) -:

a) फ्यूज पदार्थ के तार का गलनांक कम होना चाहिए।

b) फ्यूज पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध मान कम होना चाहिए।

c) फ्यूज पदार्थ ऐसा होना चाहिए जिसका ऑक्सीकरण ना हो।

d) फ्यूज में प्रयोग होने वाले पदार्थ का संक्षारण नहीं होना चाहिए।

e) फ्यूज पदार्थ अधिक महंगा नहीं होना चाहिए।


फ्यूज पदार्थ के लाभ (Advantage of Fuse in Hindi) -:

A) फ़्यूज़ को विद्युत यंत्रो या उपकरणों के लिए सुरक्षा का सबसे सस्ता रूप माना है।

B) फ्यूज का रखरखाव शून्य होता है।

C) फ्यूज का संचालन कार्य पूरी तरह से स्वचालित होता है।

D) फ्यूज पदार्थ जब गलते हैं तो यह शोर शराबा या शॉर्ट सर्किट, धुंआ इत्यादि नहीं करते हैं।

E) शॉर्ट सर्किट होते समय यह सबसे अधिक सुरक्षात्मक माना जाता है और यह फ्यूज हो जाता है


फ्यूज पदार्थ के प्रयोग (Use of Fuse in Hindi) -:

फ्यूज का प्रयोग विद्युत यंत्रों में सुरक्षा की दृष्टि से किया जाता है ताकि मानव,जीव जंतु, विद्युत उपकरण खराब ना हो। अगर विद्युत धारा का मान अधिक हो तो फिर फ्यूज पिघल जाए जिसके फलस्वरूप विद्युत यंत्र, मानव और अन्य प्रकार के उपकरण सुरक्षित रह जाये और जान-माल की हानि नहीं होती है।


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