रेशेदार पदार्थ (Fibrous Materials in Hindi) -:
रेशेदार पदार्थों (Fibrous Materials) को विद्युतरोधी पदार्थों के रूप में विद्युत इंजीनियरिंग के क्षेत्र में व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है। रेशेदार पदार्थों की सामर्थ्य काफी उच्च होती है और यह अधिक समय तक टिके रहते हैं। इनमें अति सूक्ष्मता वाले और नम्यता वाले गुणों को पाया जाता है। रेशेदार पदार्थों पर कार्य करना बहुत ही आसान होता है। रेशेदार पदार्थ आद्रताग्राही होते हैं जो वायुमंडल से नमी को सोखने का कार्य करते हैं। रेशेदार पदार्थों के अंदर नमी सोखने के गुण के कारण, इनकी विद्युत रोधी सामर्थ्य कम होने लगती है। रेशेदार पदार्थों को संसेचित करके इनकी उपयोगिता बढ़ाई जा सकती है। रेशेदार पदार्थ काफी सस्ते होते हैं और आसानी से उपलब्ध होने वाले होते हैं।
रेशेदार पदार्थ के प्रकार (Types of Fibrous Materials in Hindi) -:
रेशेदार पदार्थों को कार्बनिक और अकार्बनिक दोनों अवस्था में पाया जाता है। साथ ही साथ रेशेदार पदार्थ प्राकृतिक रूप में भी उपलब्ध होते हैं और इन्हें कृत्रिम रूप से भी बनाया जा सकता है। प्राकृतिक रेशेदार पदार्थों के अंतर्गत काटन, जूट, रेशम, ऊन जैसे पदार्थ आते हैं। कृत्रिम रेशेदार पदार्थों के अंतर्गत टेफेलान, फाइबर कांच, टेरिलीन, एसीटोन, नायलॉन इत्यादि जैसे पदार्थ आते हैं। कृत्रिम रेशेदार पदार्थ व्यवसाय की दृष्टि से लोकल मार्केट में बहुत ही आसानी के साथ मिल जाते हैं। मार्केट में मिलने वाले रेशेदार पदार्थ उच्च यांत्रिक शक्ति वाले होते हैं।
रेशेदार पदार्थों के गुण (Properties of Fibrous Materials in Hindi) -:
1) रेशेदार पदार्थों में नमी की मात्रा होने के कारण विद्युतरोधी सामर्थ्य कम हो जाता है।
2) रेशेदार पदार्थों पर कार्य करना आसान होता है।
3) रेशेदार पदार्थों की यांत्रिक शक्ति उच्च होती है।
4) जब रेशेदार पदार्थों में अधिक आवृत्ति आती है तो इनका परावैद्युत स्थिरांक का मान कम हो जाता है।
5) यह आसानी से उपलब्ध होने वाले होते हैं।
6) वायुमंडलीय वायु की आपेक्षिक आद्रता 10 से 15% बढ़ने पर इनका प्रतिरोध 10 गुना कम हो जाता है।
7) किसी भी रेशेदार पदार्थों के परावैद्युत गुण उनके आवृत्ति पर निर्भर करते हैं।
रेशेदार पदार्थों के प्रयोग (Use of Fibrous Materials in Hindi) -:
1) रेशेदार पदार्थों से वर्निश चढ़ा कपड़ा तैयार किया जाता है।
2) रेशेदार पदार्थों का उपयोग करके अभ्रक विद्युत रोधक को पकाया जाता है।
3) विद्युत चालकों को इंसुलेट करने के लिए रेशेदार पदार्थों का प्रयोग किया जाता है।
4) जब विद्युत बाइंडिंग का कार्य किया जाता है तो कुंडली का विद्युतरोधक करने में रेशेदार पदार्थ प्रयोग में लाए जाते हैं।
5) रेशेदार पदार्थों से फाइबर बेस लेमिनेट किया जाता है।
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