कृत्रिम रॉल या सिंथेटिक रेजिन क्या है? Synthetic Resins in Hindi । प्रयोग

कृत्रिम रॉल (Synthetic Resin) -:

सिंथेटिक रेजिन का निर्माण औद्योगिक रूप से किया जाता है यह एक प्रकार के चिपचिपा पदार्थ होते हैं, जिनका उपचार करके कठोर पॉलीमर के रूप में परिवर्तित कर दिया जाता है।

कुछ सिंथेटिक रेजिन/कृत्रिम रॉल जिनके अंदर प्राकृतिक पौधों से प्राप्त होने वाले रेजिंग के समान गुण होते हैं लेकिन प्रत्येक सिंथेटिक रेजिन जिनके अंदर ऐसा गुण नहीं होता है। यह एक प्रकार का थर्मोप्लास्टिक होता है।


कृत्रिम रॉल या सिंथेटिक रेजिन क्या है? Synthetic Resins in Hindi । प्रयोग
फेविकोल

Synthetic Resins के निर्माण या उपयोग को करते समय, इसे बहुत ही सावधानी पूर्वक प्रयोग में लाया जाना चाहिए क्योंकि इससे कई प्रकार के स्वास्थ्य सम्बंधित खतरे उत्पन्न हो जाते हैं। परंतु यह स्वास्थ्य संबंधी खतरे इतनी भी चिंता करने योग्य नहीं होते हैं।

सिंथेटिक रेजिन के द्वारा बहुत ही उत्पादों का निर्माण किया जाता है। इनके भौतिक गुण प्राकृतिक रेजिन से तो मिलते हैं परंतु इनके रासायनिक गुण, प्राकृतिक रेजिन की तुलना में अलग होते हैं। वास्तव में Synthetic Resins स्पष्ट रूप से प्लास्टिक से अलग नहीं होते हैं, ये प्लास्टिक के ही रूप होते हैं।

सिंथेटिक रेजिन के अंर्तगत विनायल रेजिन, पॉलीस्टीरीन, ऐक्रेलिक रेजिन, पोलीएथीलीन, कृत्रिम रबर, पालीमाइड, इत्यादि जैसे अनेक प्लास्टिक मटेरियल आते हैं।


कृत्रिम रॉल/सिंथेटिक रेजिन के प्रयोग (Uses/Applications of Synthetic Resins in Hindi) -:

1) सिंथेटिक रेजिन का सबसे अधिक प्रयोग प्लास्टिक के रूप में किया जाता है।

2) इसका उपयोग करके सतह की कोटिंग की जाती है।

3) सिंथेटिक रेजिन के द्वारा 2 वस्तुओं को आपस में जोड़ा जा सकता है।

4) इसका उपयोग करके फेविकोल व गोंद जैसे उत्पाद में बनाये जाते हैं।

5) सिंथेटिक कपड़ा फाइबर को सिंथेटिक रेजिन के द्वारा ही निर्मित किया जाता है।


ये भी पढ़े....

Post a Comment

0 Comments