पॉलीमर किसे कहते हैं? प्रकार । उपयोग

पॉलीमर बहुत अधिक अणुओं से मिलकर बनने वाला कार्बनिक यौगिक होता है, जिसे बहुलक भी कहा जाता है। पॉलीमर में उपयोग होने वाले अणुओं को मोनोमर कहते हैं। जब पॉलीमर का निर्माण होता है तो बहुत अधिक सरल अणुओं के इकाईयों के फलस्वरुप पॉलीमराइजेशन बनता है।

पॉलीमर किसे कहते हैं? प्रकार । उपयोग

पॉलीमर शब्द का सबसे पहले प्रयोग जॉन्स वर्जिलीयस नामक वैज्ञानिक ने सन 1833 में किया। इसके बाद 1907 में लियो बैकलैंड ने पहला कृत्रिम पॉलीमर का निर्माण किया। लियो बैकलैंड ने अपना पहला पॉलीमर फिनोल और फॉर्म एल्डिहाइड की प्रक्रिया का उपयोग करते हुए बनाया। जिसका नाम बैकेलाइट रखा गया।


पॉलीमर के प्रकार या वर्गीकरण -:

ये दो प्रकार के होते हैं -

1. प्राकृतिक पॉलीमर

2. कृत्रिम पॉलीमर


1. प्राकृतिक पॉलीमर -:

ऐसे पॉलीमर, जिन्हें प्राकृतिक अवस्था में या प्रकृति के द्वारा सीधे रूप में प्राप्त कर लिया जाता है उन्हें प्राकृतिक पॉलीमर कहते हैं।

सेल्यूलोज लकड़ी त्वचा रेशम रावण इत्यादि को प्राकृतिक पॉलीमर कहा जाता है, क्योंकि यह प्राकृतिक की खुली अवस्था में उपलब्ध होते हैं। प्राकृतिक पॉलीमर को पेड़ पौधों और जीवधारियों से प्राप्त किया जा सकता है।

पॉलीमर के अनेक रासायनिक नाम होते हैं जिनमें कुछ नाम पालीइथीलीन, टेफ्लान, पालीविनाइल व क्लोराइड इत्यादि हैं।


2. कृत्रिम पॉलीमर -:

ऐसे पॉलीमर जिनका निर्माण मानव के द्वारा किया जाता है उन्हें कृत्रिम या सिंथेटिक पॉलीमर कहते हैं। ऐसे पॉलीमर मानव निर्मित होते हैं जिन्हें कारखानों में बनाया जाता है। इस पॉलीमर का निर्माण करके प्लास्टिक, पाइप, बोतल इत्यादि बनाई जाती है। यहां तक की बिजली के तारों और केबिल पर चढ़ाई जाने वाली प्लास्टिक कवर भी सिंथेटिक पॉलीमर या कृत्रिम पालीमर ही होती है। सिंथेटिक रबड़ भी एक प्रकार की कृत्रिम पॉलीमर है जिसका उपयोग करके मोटर गाड़ियों के टायर बनाए जाते हैं।


पॉलीमर का उपयोग -:

1) पॉलीमर का उपयोग करके मोटर गाड़ी इत्यादि में लगने वाले टायर बनाए जाते हैं।

2) इसके द्वारा स्टैंडर्ड क्वालिटी के जूते तैयार किए जाते हैं।

3) पॉलीमर का उपयोग बच्चों के खिलौने बनाने के लिए भी किया जाता है।

4) कृषि में प्रयोग आने वाला पाइप भी पॉलीमर के द्वारा ही बनाया जाता है।

5) पॉलीमर का प्रयोग करके चिपकाने वाले पदार्थ, पेंटिंग और रेशों में भी किया जाता है।


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