Fiber किसे कहते हैं? प्रकार

Fiber किसे कहते हैं? प्रकार

फाइबर (Fiber in Hindi) -:

फाइबर को रेशा भी कहा जाता है। किसी भी पदार्थ में फाइबर बहुत सूक्ष्म एवं पतले तार के रूप में उपस्थित होता है। पॉलीमर फाइबर पदार्थ से जुड़ी होती है। पॉलीमर जब फाइबर पदार्थ से जुड़ती है तो यह अणुओं की श्रृंखला में होती है, जो एक लंबी चैन की तरह लगती है। यह देखने में लंबवत दिखाई पड़ते हैं जिससे फाइबरों की दिशीय गुण का पता लग जाता है। जब पॉलीमर के अणु फाइबर से लंबवत दिशा में जुड़े होते हैं तो इनकी प्रत्यास्थता गुणांक और सामर्थ्य में काफी अधिक वृद्धि होती है।


फाइबर के प्रकार (Types of Fiber in Hindi) -:

फाइबर कई प्रकार के होते हैं जो निम्न हैँ -

1. प्राकृतिक तथा कृत्रिम फाइबर (Natural and Synthetic Fibers)

2. कार्बनिक तथा अकार्बनिक फाइबर (Organic and Inorganic Fibers)

3. अवछिन्न तथा लघु फाइबर (Continuous and Short Fibers)


1. प्राकृतिक तथा कृत्रिम फाइबर (Natural and Synthetic Fibers) -:

प्राकृतिक फाइबर (Natural Fibers) - ऐसे फाइबर जिनको प्रकृति से प्राप्त किया जाता है उसे प्राकृतिक फाइबर (Natural Fibers) कहते हैं।

जुट, हम्प, नमदा, सिल्क, कपास आदि प्राकृतिक फाइबरों की प्राप्ति प्राकृतिक स्रोतों जैसे पौधों जानवरो तथा लवण आदि से किया जाता है। यह फाइबर प्रकृति में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं। 

कृत्रिम फाइबर (Synthetic Fibers) - ऐसे फाइबर जिन का उत्पादन मानव द्वारा और उद्योग में किया जाता है उसे कृत्रिम फाइबर (Synthetic Fibers) कहते हैं।  सभी प्रकार के कृत्रिम फाइबरों का निर्माण उद्योग में किया जाता है। कृत्रिम फाइबर प्राकृतिक फाइबरो की तुलना में सस्ते मिलते हैं। कृत्रिम फाइबरों का उत्पादन कार्बन, ग्लास, बोरान, ग्रेफाइट व केवलर आदि से किया जाता है।


2. कार्बनिक तथा अकार्बनिक फाइबर (Organic and Inorganic Fibers) -:

कार्बनिक फाइबर (Organic Fibers) - इनका व्यास 5 से 10 माइक्रोमीटर होता हैं जिनका अधिकांश भाग  कार्बन परमाणु से बना हुआ होता है। कार्बनिक फाइबर जैसे कार्बन, ग्रेफाइट आदि सभी भार में हल्के, लचीले और तन्यता का गुण रखते हैं। यह उष्मा संवेदनशीलता का कार्य करते हैं अर्थात यह उष्मा के संवेदनशील होते हैं।

अकार्बनिक फाइबर (Inorganic Fibers) - अकार्बनिक फाइबर का थकान प्रतिरोध कम होता है और उष्मा के प्रति इनका प्रतिरोध अधिक होता है। जब अकार्बनिक फाइबरों को संयुक्त रूप में निर्मित किया जाता है तो यह अधिक लंबाई वाले आसानी से बनाए जा सकते हैं। संयुक्त रुप से अकार्बनिक फाइबरों को मिलाने के लिए दो या दो से अधिक पदार्थों के फाइबर आपस में मिले होते हैं।अकार्बनिक फाइबर में जब संयुक्त फाइबर का व्यास कम रखा जाता है तो इसकी सामर्थ्य अधिक हो जाती है।


3. अवछिन्न तथा लघु फाइबर (Continuous and Short Fibers) -:

जब विभिन्न अनुप्रस्थ काट वाली फाइबर जैसे - वर्गाकार, आयताकार, गोलाकार, खोखले गोलाकार, अष्टभुजी, असमान काट वाले सभी प्रकार के फाइबरों को संयुक्त रूप से उत्पादन किया जाता है तो वह अवछिन्न तथा लघु फाइबर (Continuous and Short Fibers) कहलाते हैं।


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