वीनियर (Veneer) क्या है? उत्पादन विधि । प्रकार । लाभ

वीनियर की लकड़ी (Veneer Wood) -:

यह लकड़ी की पतली पतली परते होती हैं। जो देखने में चमकदार होती हैं इनकी चमक वांछित रंगो में बनाई जा सकती है। सामान्यता इनकी मोटाई जिसमें 0.5 से 6mm तक होती है परंतु आवश्यकता के अनुसार इनकी मोटाई को 1.5 इंच में भी बनाई जा सकती है। जब इनको बनाया जाता है तो इनका सामर्थ्य, हल्कापन, टिकाऊपन भी अलग अलग होता है। ऐसा इनकी मोटाई के अलग-2 होने के कारण होता है। वीनियर (Veneer), ठोस लकड़ी के बने उत्पादों की तुलना में कम सिकुड़ते और एठते हैं। जैसा कि हम जानते हैं कि यह काफी चमकदार बनाए जा सकते हैं अर्थात इनके सतह की Finishing बहुत ही अच्छी होती है। इनमें जो रेशे लगे होते हैं जिसके कारण इनके डिजाइन आकर्षक दिखाई देते हैं।


वीनियर की लकड़ी

ये भी पढ़े....


वीनियर का उत्पादन (Production of Veneer in Hindi) -:

लकड़ी को काटकर वीनियर की लकड़ी का उत्पादन या निर्माण करने की चार विधियों को अपनाया जाता है। विनीयर बनाने की चार विधियाँ निम्न हैं -


1. चिराई (Sawing) -:

चिराई विधि से जब वीनियर का निर्माण किया जाता है तो काटने वाले कटर के एक टुकड़े को लकड़ी के स्तर को काटने में प्रयोग किया जाता है। चिराई विधि द्वारा वीनियर का निर्माण करके पतली विनीयर को बहुत अच्छी तरह से उत्पादित किया जा सकता है। क्योंकि इस विधि द्वारा पतली विनीयर का निर्माण अधिक होता है। चिराई विधि का उपयोग वीनियर बनाने में अधिक किया जाता है, परंतु इसमें लकड़ी अधिक मात्रा में खराब होती है। इसलिए लकड़ी को बचाने के लिए इस विधि का उपयोग आजकल कम किया जा रहा है।


2. स्तर खण्ड काटना (Slicing) -:

इस विधि का उपयोग करके लंबी और पतली शीट की वीनियर को काटा जाता है। पतली शीट की वीनियर और लंबी शीट की विनीयर का उपयोग खासकर पैनलिंग कैबिनेट कार्यों में सबसे अधिक किया जाता है।


3. घूर्णी कर्तन (Rotory Cutting) -:

इस विधि का उपयोग करके ऐसे वीनियर का उत्पादन किया जाता है जो प्लाईवुड के निर्माण में सबसे अधिक प्रयोग की जाती है। घूर्णी कर्तन (Rotory Cutting) विधि का उपयोग करके लंबी-लंबी वीनियर की शीटें बनाई जाती हैं। लंबी-लंबी वीनियर शीटें जब बन जाती है तो इन्हें वांछित आवश्यकता के अनुसार काट लेते हैं। 


4. अर्ध गोल कर्तन विधि (Half Round Cutting) -:

यह विधि, Rotory Cutting विधि का सुधरा हुआ रूप है। जिस लकड़ी का वीनियर शीट बनाया जाता है उसको सबसे पहले गर्म जल से या भाप से मुलायम करते हैं। इस विधि द्वारा लकड़ी के लट्ठे को उतकेन्द्रक चक में पकड़कर एक दाब दंड तथा क्षुर धार के संपर्क में लाकर घूमाते हैं। इस प्रकार जे वीनियर का निर्माण होता है। जब यह वीनियर शीट बन जाते हैं तो इनमें उपस्थित गांठ और अन्य दोष के भागों को बाहर निकाल दिया जाता है। इसके पश्चात वीनियर की शीटें में से नमी कमी को दूर करने के लिए इन्हे भट्टीयों के माध्यम से सुखाया जाता है।


वीनियर के प्रकार (Types of Veneer in Hindi) -:

A) Raw Veneer - इसे दोनों ओर से इस्तेमाल किया जा सकता है। और आसानी से पहचाना जा सकता है कि ऊपरी परत कौन है और निचली परत कौन है।

B) Paper Backed - इसका सबसे बड़ा उपयोग यह है कि यह बड़े साइज में उपलब्ध होता है क्योंकि अन्य Veneer को जोड़ने की आवश्यकता होती है जबकि इसको जोड़ने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

C) Reconstituted Veneer - इसे तेजी से बढ़ने वाली उष्णकटिबंधीय वृक्ष केप्रजातियों से बनाया जाता है। सबसे पहले इसके कच्चे विनीयर को काटा जाता है और यदि आवश्यक हो तो रंगा जाता है। जब इसको एक बार रंग दिया जाता है तो, चादरों को ब्लॉक बनाने के लिए एक साथ टुकड़े कर दे जाते हैं।

D) Laid up Veneer - यह कच्चा विनियर होता है जिसे बड़े पीस बनाने के लिए आपस में जोड़ा जाता है। इस विनियर का निर्माण करने में अधिक समय लगता है और इसमें बहुत सावधानी की भी आवश्यकता होती है। इस विनियर को बनाने के लिये अधिक लागत की आवश्यकता नही होती है। Laid up Veneer  के निर्माण के लिए महंगे उपकरण या मशीनरी की आवश्यकता नहीं होती है।

E) Phenolic Backed - यह ऐसा विनीयर है जिसका उपयोग कृत्रिम या कम्पोजिट लकड़ी के लिए प्रयोग किया जाता है। यह प्राकृतिक नहीं है जिसके कारण इसका उपयोग अधिक हो रहा है और इसके क्रेक होने की संभावना बहुत ही कम है।

F) Wood on Wood - इसे 2 प्लाई के नाम से जाता है। 2 प्लाई का मतलब यह है कि इसके Face पर भी एक विनीयर होता है जो काफी मददगार साबित होता है।


वीनियर लकड़ी के लाभ (Advantages of Veneer Wood in Hindi) -:

1) लकड़ी की सतह पर वीनियर को चिपकाकर उसे स्थाई बना दिया जाता है।

2) लकड़ी की सतह पर इस पतली शीट को चिपकाने के कारण लकड़ी में क्रैकिंग और टूटने फूटने की संभावना कम हो जाती है।

3) इसका उपयोग करके लकड़ी के उत्पादों को आकर्षक और चमकदार बनाया जाता है।

4) लकड़ी पर वीनियर की पतली परत चिपकाने से, लकड़ी के पानी से खराब होने की संभावना कम हो जाती है।

5) तापमान और आर्द्रता के कारण लकड़ी में होने वाली हानि उसे बचाने के लिए भी वीनियर शीट का उपयोग किया जाता है।


Post a Comment

0 Comments