जर्मेनियम (Germanium) क्या है? इसके गुण और उपयोग

 
जर्मेनियम (Germanium in Hindi) - गुण और उपयोग

जर्मेनियम (Germanium in Hindi) -:

जर्मेनियम एक अर्धचालक उपधातु होता है। जिसका शुद्धिकरण करके कॉपर ऑक्साइड , जिंक ऑक्साइड और आयरन ऑक्साइड के साथ मिलाकर जर्मेनियम (Germanium) सेमीकंडक्टर या अर्धचालक बनाया जाता है। जर्मेनियम को एक Instrinsic Semiconductor माना जाता है। जर्मेनियम (Germanium) को एक रासायनिक तत्व माना जाता है। इस तत्व का आविष्कार 1886 ईसवी में  सी. विंकलर ने किया था। इसको आवर्त सारणी में Ge के संकेत से दर्शाया जाता है। जर्मेनियम का परमाणु क्रमांक 32 और परमाणु भार 72.6 होता है। इस तत्व को जस्ते के खनिज के साथ पाया जाता है। यह ऐसा तत्व है जो पृथ्वी पर बहुत ही कम मात्रा में पाया जाता है। जब जस्ते के खनिज को जलाया जाता है तो उसमें 0.25% जर्मेनियम ऑक्साइड उपस्थित होता है, इसी जर्मेनियम ऑक्साइड को ट्रेटाक्लोराइड में आसवन करके अन्य धातुओं से अलग किया जाता है। जब जर्मेनियम ऑक्साइड का आसवन, एलमुनियम हाइड्रोजन, कार्बन के माध्यम से किया जाता है तो यह धातु हमें प्राप्त हो जाती हैं।

जब जर्मेनियम में अल्प मात्रा में अशुद्धियां मिलाई जाती हैं तो इसके विद्युत चालकता में बहुत अधिक वृद्धि हो जाती है। जर्मेनियम का प्रयोग ट्रांजिस्टर और अन्य प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में अधिकांश किया जाता है। जब जर्मेनियम में फास्फोरस, आर्सेनिक और एंटीमनी जैसे तत्व को मिलाया जाता है तो इसकी उपयोगिता काफी ज्यादा बढ़ जाती है। जर्मेनियम में फास्फोरस, आर्सेनिक और एंटीमनी जैसे तत्व को के द्वारा जो सेमीकंडक्टर/अर्धचालक बनाए जाते हैं उसे या N-टाइप सेमीकंडक्टर कहते हैं और जब जर्मेनियम में एल्यूमीनियम या Indium को मिलाकर जो सेमीकंडक्टर बनाया जाता है उसे P-टाइप सेमीकंडक्टर/अर्द्धचालक कहते हैं।

जर्मेनियम में जब एक निश्चित मात्रा में अशुद्धियां मिलाकर कुछ बनाया जाता है तो अशुद्धियों को जर्मेनियम में मिलाने की क्रिया को डोपिंग (Doping) कहते हैं और इस प्रकार जो तत्व अशुद्धियों के रुप मे मिलाई जाती हैं उनको डोपेन्ट (Dopents) कहते हैं।

जर्मेनियम को सिलिका का मुख्य पदार्थ माना जाता है जिसके द्वारा Glass का निर्माण किया जाता है। परंतु जब भी ग्लास का निर्माण किया जाता है तो सिलिका के साथ-साथ बोरॉन ऑक्साइड, वेनेडियम ऑक्साइड और फास्फोरस ऑक्साइड का मिश्रण करके ही Glass बनाना संभव हो पाता है।

जर्मेनियम के गुण (Properties of Germanium in Hindi) -:

1) इसको जब 958.5 ℃ का तापमान दिया जाता है तो पिघलने लगता है।

2) जर्मेनियम का विशिष्ट गुरुत्व 5.35 होता है।

3) जब जर्मेनियम को ऑक्सीजन के साथ जलाया जाता है तो जर्मेनियम ऑक्साइड (GeO2) बनता है।

4) यह ठोस या क्रिस्टलीय रूप में पाया जाता है।

5) कांच में जब सिलिका के साथ जर्मेनियम ऑक्साइड मिलाया जाता है तो कांच का अपवर्तनांक बढ़ जाता है।

6) कई प्रकार की यौगिक ऐसे बनते हैं जिसमें जर्मेनियम और टिन में समानता देखी जा सकती है।

7) आवर्त सारणी में इसका परमाणु क्रमांक 32 और परमाणु भार 72.6 है।

8) जर्मेनियम को जब 2833℃ का तापमान दिया जाता है तो यह उबलने लगता है अर्थात इसका क्वथनांक 2833℃ होता है।

9) जर्मेनियम का रंग भूरापन लिए हल्का हल्का श्वेत रंग होता है।

10) जर्मेनियम भंगुर उपधातु होता है।

जर्मेनियम के प्रयोग/उपयोग (Applications of Germanium in Hindi) -:

1) इसका उपयोग सौर विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक के क्षेत्र में किया जाता है।

2) इसका उपयोग माइक्रोलेंस के निर्माण में भी किया जाता है।

3) यह ऐसा पदार्थ है जिसके द्वारा ग्लास को बनाया जाता है।

4) फाइबर ऑप्टिक में भी जर्मेनियम प्रयोग में लाया जाता है।

5) चांदी में 1% जर्मेनियम मिलाने पर चांदी की चमक खराब नहीं होती है।

6) कुछ ऐसे प्लास्टिक के पदार्थ होते हैं जिनमें जर्मेनियम को मिलाया जाता है।

7) मिश्र धातुओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए भी जर्मेनियम का प्रयोग किया जाता है।

8) चश्मे का निर्माण करते समय भी जर्मेनियम का उपयोग होता है।

9) फ्लोरोसेंट लैंप का उत्पादन करने हेतु भी जर्मेनियम का प्रयोग किया जाता है।

10) ये ट्रांजिस्टर के निर्माण में भी उपयोग में लाये जाते हैं।



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