अभ्रक या माइका (Mica in Hindi) -:
अभ्रक (Mica) की संरचना में मैग्नीशियम सिलिकेट, एल्युमिनियम सिलीकेट, आयरन सिलीकेट और पोटेशियम सिलिकेट उपस्थित होते हैं और यह सभी आपस में मिलकर अभ्रक बनाते हैं। विद्युत क्षेत्र में माइका का बहुत ही विशेष और महत्वपूर्ण योगदान है। क्योंकि अभ्रक की परावैद्युत सामर्थ्य बहुत ही उच्च होती है तथा इसकी स्थिरता भी उच्च होती है। इसलिए विद्युत क्षेत्र में इसका प्रयोग अधिक किया जाता है। 500 ℃ के तापमान पर भी इसे सुरक्षापूर्वक उपयोग में लाया जा सकता है। अभ्रक या माइका का परावैद्युत स्थिरांक 60Hz पर 8.0 होता है और 10^6 Hz पर 5.0 होता है। अभ्रक की परावैद्युत सामर्थ्य 100 Mv/n मानी जाती है। माइका अर्थात अभ्रक एक ऐसी पदार्थ जिसे पतले-पतले शीटों के रूप में बांटा जा सकता है या अलग किया जा सकता है। अभ्रक की सबसे पतली शीट 0.0005 इंच तक बनाई जा सकती है।अभ्रक (Mica) प्राप्ति का स्थान -:
सबसे अधिक अभ्रक चीन में पाया जाता है परंतु इसके पहले भारत में सबसे अधिक अभ्रक पाया जाता था। यह कनाडा और ब्राजील में भी भरपूर मात्रा में उपस्थित है।भारत में अभ्रक बिहार राज्य के गया जिले से हजारीबाग तक पश्चिम दिशा में और पुरब में मुंगेर से भागलपुर तक फैला हुआ है जिसका आकार 10 मील की लंबाई में और 12 से 16 मील तक चौड़ाई में फैला हुआ है।
अभ्रक (Mica) प्राप्ति की प्रमुख खानें -:
अभ्रक की प्रमुख खाने कई पायी जाती हैं जो निम्न स्थान पर उपस्थित हैं - कोडरमा में, गिरिडीह में, चाकल में, सिंगूर में, मुंगेर में, नेल्लोर में, गुंटर में, उदयपुर में, भीलवाड़ा में, अजमेर इत्यादि जगहों पर अभ्रक पाया जाता है।अभ्रक के प्रकार (Types of Mica in Hindi) -:
अभ्रक दो प्रकार के होते हैं और उनके तीन-तीन भाग होते हैं जो निम्न हैं -
1. मसकोवाइट (Muscovite) -
• पैरागोनाइट
• लैपिडोलाइट
• मस्कोवाइट
2. बायोटाइट (Biotite) -
• फ्लोगोपाइट
• बायोटाइट
• जिनवल्डाइट
अभ्रक के गुण (Properties of Mica in Hindi) -:
1. अभ्रक (Mica) परतदार अवस्था मे पाए जाते हैं।
2. इसकी सतह चिकनी और मोती के जैसे चमकदार होती है।
3. यह बहुत ही फ्लेक्सिबल होता है।
4. अभ्रक को नाखून से भी खुरचा जा सकता है।
5. अभ्रक वर्ग के जितने भी खनिज होते हैं उन पर अम्ल का कोई प्रभाव नही पड़ता है।
6. मैगनीशियम, सोडियम, कैल्सियम, लीथियम, टाइटेनियम, क्रोमियम तथा अन्य तत्व भी अभ्रक में प्राय: उपस्थित रहते हैं।
अभ्रक/माइका के उपयोग (Uses of Mica in Hindi) -:
1. मशीनों में चिकनाई देने के लिए अभ्रक का प्रयोग किया जाता है।
2. बड़ी-बड़ी चादरों को बनाने के लिए अभ्रक का उपयोग छोटे-छोटे चूर्ण के रूप में किया जाता है।
3. अभ्रक का प्रयोग मुख्यतया विद्युत् उद्योग में किया जाता है।
4. विद्युत क्षेत्र में अभ्रक का प्रयोग का इंसुलेटर बनाने के लिए किया जाता है।
5. अभ्रक को उपयोग में लाने के लिए उसको क्वायल रूप में लपेटकर रखा जा सकता है।
6. अभ्रक के छोटे-छोटे टुकड़ों को चिपकाकर माइकानाइट बनाया जाता है।
7. अभ्रक का प्रयोग कंडेंसर, कम्यूटेटर, टेलीफोन, डायनेमो आदि को बनाने में किया जाता है।
8. माइका या अभ्रक का प्रयोग लैंप की चिमनी, स्टोव व भट्टीयों में किया जाता है, क्योंकि यह पारदर्शी और तापरोधक होता है।
9. माइका (Mica) का उपयोग रंग बनाने में भी किया जाता है।
10. रबर उद्योग में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
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