Timber किसे कहते हैं? गुण । लाभ और हानि । प्रयोग

Timber किसे कहते हैं? गुण । लाभ और हानि । प्रयोग

टिम्बर/लकड़ी (Timber) -:

जब कोई वृक्ष है अपनी पूर्ण रूप से वृद्धि कर लेता है तो इसे काटा जाता है और काटने के फलस्वरुप जो लकड़ी हमें उपयोग के लिए प्राप्त होती है उसे टिंबर (Timber) कहते हैं। टिंबर उस लकड़ी का नाम है जिसे बहिर्जात पेड़ों से प्राप्त किया जाता है। बहिर्जात पेड़ों से तात्पर्य उसी वृक्ष है जो अपनी पूर्ण वृद्धि कर चुके होते हैं। जो पेड़ अपनी पूर्ण रूप से वृद्धि कर चुके होते हैं उनसे लकड़ी प्राप्त करने के लिए सबसे पहले उनकी चिराई की जाती है और विभिन्न साइजों के रूप में अपने आवश्यकता अनुसार प्रयोग में लाई जाती है। जब पेड़ जीवित अवस्था में होता है तो उससे जो लकड़ी उससे प्राप्त होती है उसको स्थिर टिम्बर (Stationary Timber) कहते हैं। इसी प्रकार जो पेड़ गिर जाता है और उससे प्राप्त हुई लकड़ी को टिंबर (Timber) कहते हैं।


लकडी/टिम्बर के गुण (Properties of Timber in Hindi) -:

1) इसके सतह पर जंग लगने की संभावना नहीं रहती है।

2) जब मौसम परिवर्तन हो तो इनका प्रसार और संकुचन नहीं होना चाहिए।

4) टिम्बर ध्वनिरोधी निर्माण कार्यों के लिए अच्छी होती है।
लकड़ी सस्ती और टिकाऊ होती है।

4) टिम्बर की सतह पर पेंटिंग और पालिश करके सुंदर और आकर्षक बनाया जा सकता है।

5) टिंबर/लकड़ी ऊष्मा और विद्युत की कुचालक होती है।

6) टिंबर या लकड़ी बहुत ही आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।

7) लकड़ी पर चिराई, प्लानिंग, ग्रूविंग इत्यादि क्रियाएं आसानी से की जा सकती हैं।

8) लकड़ी लचीलापन होती है जिसके कारण ऐंठन और कंपन को सहन कर सकती है।


प्रकाष्ठ या लकड़ी के लाभ (Advantages of Timber in Hindi) -:

1) टिंबर का प्रयोग करके कनेक्शन और जॉइंट आसानी से बनाई जाते हैं।

2) टिंबर या लकड़ी पर जब पॉलिश कार्य या पेंटिंग कार्य किया जाता है तो यह अच्छी फिनिशिंग देता है।

3) जिस लकड़ी की संरचना अधिक मजबूत होती है उस पर अग्नि अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है।

4) टिंबर के द्वारा जो कार्य किए जाते हैं वे सामर्थ्यवान, टिकाऊ, हल्का होने के साथ-साथ कम कीमत में हो जाते हैं।

5) टिंबर या लकड़ी को आसानी से वांछित आकार व आकृति में बदला जा सकता है।

6) अन्य पदार्थों की तुलना में लकड़ी हल्की होती है और मजबूत भी होती है।

7) टिंबर का प्रयोग दरवाजे, खिड़कियों, फर्नीचर निर्माण, कैबिनेट कार्य, सजावट की वस्तु तथा फिटिंग में अच्छी तरह से होता है।

8) टिंबर, ऊष्मा अवरोधक पदार्थ होती है जिसके कारण इसका प्रयोग मकान के निर्माण में किया जाता है।

9) टिंबर की वस्तुओं का निर्माण करने पर अन्य पदार्थों की तुलना में निर्माण और मटेरियल की कीमत कम आती है।

10) इसका उपयोग फ्रेम स्ट्रक्चर में भार को सहन करने वाला और बिना भार सहन करने वाला सदस्य के रूप में किया जाता है।


टिम्बर/लकड़ी से हानि/दोष (Disadvantages of Timber in Hindi) -:

टिंबर के सामान्य दोष तीन प्रकार के होते हैं। जिनके बारे में कुछ जानकारी दी गई है यहां पर विस्तृत जानकारी नहीं दी जाएगी। ये तीन दोष निम्न हैं -

1. प्राकृतिक दोष

2. रूपांतरण व उपयोग से उत्पन्न दोष

3. लकड़ी में फंगस और कीड़ो से उत्पन्न दोष

1. प्राकृतिक दोष -:

जब वृक्ष वृद्धि कर रहा होता है तो उस समय लकड़ी में जो प्राकृतिक रूप से दोष उत्पन्न होते हैं उन्हें प्राकृतिक दोष कहते हैं। इसके अंतर्गत दरारें, वार्षिक वलय का फैलना, रेशम में चिपकाव बल का समाप्त हो जाना, गांठे पड़ना, रेशों का मरोड़ जाना, छाल में सूजन उत्पन्न इत्यादि जैसे दोष उत्पन्न होते हैं।


2. रूपांतरण व उपयोग से उत्पन्न दोष -:

जब वृक्ष को काटकर उपयोग करने हेतु बनाया जाता है या लकड़ी को किसी वस्तु में बनाकर, जब उपयोग किया जाता है तो उसके फलस्वरुप जो दोष उत्पन्न होते हैं उन्हें रूपांतरण व उपयोग से उत्पन्न दोष कहते हैं। इस दोष के अंतर्गत लकड़ी टेढ़ी हो जाती है या उसकी बाह्य सतह कठोर व सिकुड़ जाती है और लकड़ी में मधुमक्खी के छत्ते के तरह दरारे पड़ जाती हैं।


3. लकड़ी में फंगस और कीड़ो से उत्पन्न दोष -:

जब लकड़ी के तंतु और कोशिकाओं में फंगस व कीड़ों के लगने से जब लकड़ी का क्षय होने लगता है तो इस प्रकार के दोष को लकड़ी में फंगस या कीड़ो से उत्पन्न दोष कहते हैं। इस दोष के अंतर्गत कीड़े लकड़ी में छेद कर देते हैं और कमजोर कर देते हैं जिसके कारण उसकी सामर्थ्य कम हो जाती है और लकड़ी का क्षय होने लगता है।


इंजीनियरिंग में लकडी/टिम्बर के प्रयोग (Uses/Applications of Timber in Hindi) -:

1) वाटर व्हील (Water Wheel) का निर्माण करके लकड़ी का उपयोग ऊर्जा उत्पादन में किया जाता है।

2) लकडी का प्रयोग करके वाद्य यंत्र भी बनाया जाते हैं।

3) खेल सामग्री को बनाने में भी लकडी प्रयोग में लाई जाती है।

4) जब भवन का निर्माण किया जाता है तो बांस और बल्लियों को भार को सहन करने के लिए और अस्थायी रुप में लकड़ी उपयोग में लाई जाती है।

5) पानी का जहाज, नाव, बैलगाड़ी, तांगा, रेल के डिब्बे इत्यादि परिवहन साधनों में भी लकडी का उपयोग किया जाता है।

6) पहाड़ी क्षेत्र में घर का निर्माण करने के लिए भी लकडी प्रयोग में लायी जाती है।

7) घरो में सजावट के विभिन्न प्रकार के सजावटी वस्तु भी लकडी की ही बनाई जाती है।

8) घरों में दरवाजे, खिड़कियां, छत की कैंचियां, मध्य दीवार, फर्श, रेलवे स्लीपर इत्यादि का निर्माण भी लकडी के द्वारा किया जाता है।

9) प्लाईवुड, हार्ड बोर्ड, वैटन बोर्ड और वर्नियर बोर्ड का निर्माण करने के लिए भी लकडी को उपयोग में लाया जाता है।
10) औद्योगिक स्थानों पर फिनिशिंग उत्पादों को पैक करने के लिए लकड़ी का उपयोग सबसे अधिक होता है।

11) उद्योग की दृष्टि से लकड़ी का उपयोग कागज, दियासलाई, लकड़ी के बॉक्स, रेशम इत्यादि जैसे अन्य उपयोगी वस्तुओं का निर्माण किया जाता है।


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