वृक्ष/पेड़ को कब काटना चाहिए - Felling of Trees in Hindi

वृक्ष/पेड़ को कब काटना चाहिए - Felling of Trees in Hindi

वृक्ष का पतन (Felling of Trees) -:

जब वृक्ष का विकास पूर्ण रूप से हो जाता है तो जीवित वृक्ष को सुनियोजित ढंग से काटने या गिराने की प्रक्रिया को ही वृक्ष पतन/फेलिंग ऑफ ट्री (Felling of Trees) कहते हैं। जब भी वृक्ष को काटना होता है तो उनका विकास पूर्ण रूप से होने दिया जाता है। और जब वृक्ष का विकास पूर्ण रूप से जाता हैं तो उसे बद्ध तरीके व सही समय पर काट देना चाहिए। जब वृक्ष को सही समय पर काटा जाता है तो पेड़ों से लकड़ी अधिक मात्रा में उपलब्ध होती है और साथ ही साथ अच्छी गुणवत्ता भी इसमें उपस्थित होती है। हमें कभी भी अविकसित वृक्ष को नहीं काटना चाहिए क्योंकि अविकसित वृक्ष को काटने पर इसमें सैप वुड की मात्रा अधिक होती है जिसके कारण ऐसा वृक्ष अधिक उपयोगी नहीं होता है। इसके विपरीत अगर वृक्ष अपनी पूर्ण वृद्धि कर चुका है और उसको काटा नहीं जाता है तो वृक्ष को हानि पहुंचती है। वृक्ष को सही समय पर ना काटने से वृक्ष का सबसे महत्वपूर्ण भाग हार्ट वुड (Heart Wood) का हास् होने लगता है जो वृक्ष के लिए हानिकारक होता है।

जब भी वृक्ष को काटना हो तो, पेड़ की आयु और मौसम के अनुसार ही यह कार्य करना चाहिए, क्योंकि वृक्ष को काटने की प्रक्रिया मौसम और पेड़ की आयु के ऊपर निर्भर होता है। अगर इन दोनों को ध्यान में रखकर के वृक्ष को नहीं काटा जाता है तो हमें हानि उठानी पड़ सकती है, क्योंकि कभी-कभी वृक्ष पूर्ण विकसित होने से पहले काट दिया जाता है तो कभी वृक्ष पूर्ण विकसित होने के बाद अधिक देर से काटा जाता है। इसलिए वृक्ष की आयु को ध्यान में रखते हुए पेड़ को काटना चाहिए।

वृक्ष काटने की प्रक्रिया मौसम पर निर्भर करती है। हमें पेड़ को सदैव ग्रीष्म ऋतु और शरद ऋतु के मध्य जो मौसम आता है उसी में पेड़ को काटने की प्रक्रिया संपन्न कर देनी चाहिए। यह मौसम वृक्ष को काटने का सबसे उचित समय होता है क्योंकि इस मौसम में पेड़ की कोशिकाएं अक्रियाशील हो जाती हैं और इनका रस भी गाढ़ा हो जाता है। जिसके कारण ये शांत अवस्था में रहते हैं। इस मौसम में पेड़ को काटने से पेड़ों की लकड़ी में बीमारियां भी कम लगती हैं।


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