आवर्त सारणी (Periodic Table in Hindi) -:

रासायनिक तत्वों को आवर्त सारणी में उनकी विशेषता और गुणो को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थित ढंग से परमाणु क्रमांक के बढ़ते क्रम में सजाया गया है। वर्तमान समय में आवर्त सारणी में 118 तत्व उपलब्ध है जो अभी तक ज्ञात सभी तत्व है। रसायन विज्ञान में आवर्त सारणी बहुत ही महत्वपूर्ण और उपयोगी होता है। आवर्त सारणी में तत्वों को व्यवस्थित ढंग से सजाने के कारण कम तत्व के गुणधर्मों को याद रखने के कारण भी काम चल जाता है। क्योंकि आवर्त सारणी में उपलब्ध सभी तत्व किसी समूह या किसी आवर्त में तत्वों के गुणधर्म निश्चित व क्रमबद्ध तरीके से बदलते हैं।

सभी तत्वों को क्रमबद्ध तरीके से सबसे पहले रखने का श्रेय रूसी वैज्ञानिक मेंडलीफ हो जाता है। मेंडलीफ ने सन 1869 में आवर्त के नियमों को प्रस्तुत किया था और तत्वों को एक सारणी के रूप में प्रस्तुत किया। इसके कुछ महीने बाद ही जर्मन के वैज्ञानिक लूथर मेयर ने भी एक आवर्त सारणी का निर्माण किया, जिनमें कई त्रुटियां थी। मेंडलीफ के आवर्त सारणी को सुधार करते हुए अल्फ्रेड वर्नर वर्तमान और आधुनिक आवर्त सारणी का निर्माण किया जो आजकल हम पढ़ते हैं। आधुनिक आवर्त सारणी को आवर्त सारणी का दीर्घ रूप भी कहा जाता है।


आधुनिक आवर्त सारणी के आवर्त और वर्ग/समूह -:

आवर्त सारणी


आवर्त सारणी के आवर्त (Period) -:

रासायनिक तत्वों को परमाणु भार के बढ़ते क्रम में रखने पर क्षैतिज अवस्था में जो पंक्तियां प्राप्त होती हैं उन्हें आवर्त सारणी का आवर्त कहते हैं। आवर्त सारणी में सात आवर्त होते हैं यह आवर्त क्षैतिज पंक्तियां होती हैं।


आवर्त सारणी के वर्ग/समूह (Group) -:

रासायनिक तत्वों को परमाणु भार के बढ़ते क्रम में रखने पर स्तम्भ अवस्था में जो पंक्तियां प्राप्त होती हैं उन्हें आवर्त सारणी का वर्ग/समूह कहते हैं। आवर्त सारणी में अट्ठारह वर्ग/समूह होते हैं यह ऊर्ध्वाधर अवस्था मे स्तंभ के रूप में होती हैं। वर्ग/समूह में जितने तत्व उपस्थित होते हैं उन तत्वों के परमाणुओं के सबसे बाहरी कक्षा में इलेक्ट्रानों की संख्या समान होती है। 


आवर्त सारणी की विशेषताएँ (Features of the Periodic Table in Hindi) :-

1) आधुनिक आवर्त सारणी के प्रथम आवर्त में केवल 2 तत्त्व हैं, यह यह आवर्त सारणी का सबसे छोटा आवर्त है।

2) आवर्त सारणी के दूसरे और तीसरे आवर्त में 8-8 तत्व हैं। इस आवर्त को लघु आवर्त के नाम से भी जाना जाता है।

3) आवर्त सारणी के चौथे और पाँचवें आवर्त में 18-18 तत्त्व उपस्थित हैं। इस प्रकार चौथे और पाँचवें आवर्त को दीर्घ आवर्त कहते हैं।

4) आवर्त सारणी के छठे आवर्त में 32 तत्त्व हैं। यह आवर्त सारणी का सबसे बड़ा आवर्त है।

5) आवर्त सारणी का सतवा आवर्त अपूर्ण है।

6) आवर्त सारणी के छठे आवर्त के तीसरे वर्ग/समूह में परमाणु क्रमांक 57 से 71 तक के तत्त्व हैं। इन्हें 'लैन्थेनाइड' कहते हैं। इन तत्वों आवर्त सारणी से बाहर रखा गया है।

7) आवर्त सारणी के सातवें आवर्त के तीसरे वर्ग में परमाणु क्रमांक 89 से 103 वाले तत्त्व उपस्थित हैं। इन्हें ऐक्टिनाइड (Actinides) कहते हैं। इन तत्वों को भी आवर्त सारणी से बाहर रखा गया है।

8) पूरे आवर्त सारणी को 4 ब्लॉक में बांट दिया गया है। जिन्हें s, p, d, f ब्लॉक के नाम से जाना जाता है।

9) वर्ग 1 और 2 में सभी हल्की धातु पाई जाती हैं। जिनमें वर्ग 1 में क्षारीय धातुएं तथा वर्ग 2 में क्षारीय मृदा धातु होती हैं।

10) वर्ग 3 से 12 तक में सभी भारी या संक्रमण धातु पाई जाती हैं।

11) वर्ग 13 से 17 में सभी अधातुएं उपस्थित होती है।

12) आवर्त सारणी के वर्ग अट्ठारह (18) में सभी अक्रिय गैसें उपस्थित होती हैं।


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