Crank का इतिहास -:
क्रैंक के विषय में ऐसा माना जाता है कि चीन के हान वंश क्रैंक और क्रैंक शाफ्ट का इस्तेमाल किया था। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि चीन के हान वंश ने जिस समय इसका उपयोग किया वह समय था 202 ई. पू. से 9 ई., परंतु चीन के इतिहासकार लीन व्हाइट ने इस बात से साफ इंकार कर दिया है कि हान वंश ने क्रैंक का इस्तेमाल किया था, परन्तु फिर भी चीन के पुराने समय में क्रैंक (Crank) के उपयोग होने के कई पुख्ता सबूत मिलते हैं।
सर्वप्रथम सन 1712 में स्टीम इंजन के लिए क्रैंक और कनेक्टिंग रॉड को एक साथ इस्तेमाल किया गया था।
क्रैंक (Crank in Hindi) - IC Engine -:
IC इंजन का ऐसा अंग जो पिस्टन की पश्चाग्र गति को घूर्णन गति में परिवर्तित कर देता है, IC इंजन के उस अंग को क्रैंक (Crank) कहते हैं। क्रैंक के द्वारा पिस्टन पश्चाग्र गति को घूर्णन गति में परिवर्तित कर दिया जाता है। क्रैंक, क्रैंक शाफ्ट का एक बहुत ही महत्वपूर्ण और अभिन्न अंग होता है।
क्रैंक को घूमने वाले शाफ्ट के लम्बवत लगाया जाता है। क्रैंक का प्रयोग करके रैखिक गति को घूर्णन गति में और घूर्णन गति को रैखिक गति में बदला जाता है।
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