क्रैंक शाफ्ट (Crank Shaft) क्या है? भाग/अंग - IC Engine

क्रैंकशाफ्ट (Crankshaft in Hindi) -:

IC इंजन का यह भाग मेन बेयरिंग से जुड़ा होता है। क्रैंक शाफ्ट का उपयोग ऊर्जा को घूर्णन गति में बदलने के लिए किया जाता है। वर्तमान समय में क्रैंक शाफ्ट हल्के और जाली वाले बनाए जाते हैं क्योंकि जाली वाले क्रैंक शाफ्ट का उपयोग अब अधिकांश किया जा रहा है।


क्रैंक शाफ्ट (Crank Shaft) क्या है? भाग/अंग - IC

Crankshaft

IC इंजन में जब सिलेंडर का दबाव बहुत अधिक हो जाता है तो क्रैंक शाफ्ट झुक जाती है। कभी-कभी यह झुकी अवस्था में ही असफल हो जाती है। क्रैंक शाफ्ट सिलिन्डर के दबाव के कारण बीच में से किनारे से, किसी भी हिस्से पर से असफल हो सकती है। कभी-कभी क्रैंक शाफ्ट सिलिन्डर के दबाव के कारण न असफल होकर के इस पर बहुत अधिक घुमाव बल पड़ जाने के कारण भी असफल हो जाती है। इस समस्या के समाधान के लिए आवश्यक है कि समय समय पर जांच की जाए। क्रैंक का निर्माण करने के लिए स्टील फोर्जिंग विधि को अपनाया जाता है। क्रैंक शाफ्ट का निर्माण करने के लिए स्पेशल कास्ट आयरन का प्रयोग किया जाता है।

जब जाली वाले क्रैंक शाफ्ट का निर्माण करना होता है तो वेनेडियम के साथ माइक्रो एलॉयड स्टील को एक साथ मिलाकर जाली वाले क्रैंक शाफ्ट का निर्माण किया जाता है।


क्रैंक शाफ्ट के मुख्य अंग/भाग (Main Parts of Crank Shaft in Hindi) -:

1. क्रैंकपिन (Crank Pin)

2. क्रैंक वेब (Crank Web)

3. काउंटर वेट (Counterweight)

4. मुख्य जनरल्स (Main Journals)

5. Oil Passage and Oil Seals

6. फ्लाई व्हील माउंटिंग फ्लैंज (Flywheel Mounting Flange)


1. क्रैंकपिन (Crank Pin) -:

यह IC इंजन का एक पार्ट है। जो कनेक्टिंग रॉड को क्रैंकशाफ्ट से बहुत मजबूती से जोड़ता है। क्रैंकपिन की सतह बेलनाकार होती है। क्रैंकपिन की बेलनाकार सतह, कनेक्टिंग रॉड के बड़े सिरे या ऊपरी सिरे को घूर्णन बल देती है।


2. क्रैंक वेब (Crank Web) -:

क्रैंक वेब क्रैंकशाफ्ट का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। क्रैंक वेब, क्रैंक शाफ्ट को मुख्य बेयरिंग Journals से जोड़ता है।


3. काउंटर वेट (Counterweight) -:

यह क्रैंक शाफ्ट का ऐसा अंग है जो क्रैंक शाफ्ट पर लगने वाले बल को संतुलित औए स्थिर करता है। Counterweight का उपयोग करने से क्रैंक शाफ्ट के RPM में उच्च गति का विकास होता है और साथ साथ यह इंजन के चलने में भी सहायता करता है।


4. मुख्य जनरल्स (Main Journals) -:

ये इंजन ब्लॉक से जुड़े होते हैं। Main Journals के द्वारा बेयरिंग क्रैंक शाफ्ट को पकड़ा जाता है। क्रैंक शाफ्ट को पकड़कर इसे इंजन ब्लॉक के अंदर घूमने के लिए उपयोग किया जाता है। क्रैंक शाफ्ट में सभी Journals एक ही लाइन में लगी होती है।


5. Oil Passage and Oil Seals -:

क्रैंक शाफ्ट में जो आयल मार्ग रहता है उसी मार्ग का उपयोग करते हुए आयल को बेयरिंग से होते हुए मुख्य Journals में भेजा जाता है और वहाँ से आयल Journals के  अंत तक जाता है।

जब इंजन में दहन हो रहा होता है तो क्रैंक पिन जब ऊपर जाता है तो दहन से उत्पन्न होने वाले बल Connecting Rod को नीचे धकेलते हैं। जब कनेक्टिंग रॉड नीचे आता है तो तेल Journals और बेयरिंग के बीच मे प्रवेश कर जाता है।


6. फ्लाई व्हील माउंटिंग फ्लैंज (Flywheel Mounting Flange)  -:

अधिकांश मामले में देखा जाता है कि Flange के द्वारा  क्रैंक शाफ्ट और फ्लाई व्हील आपस में जुड़ जाते है।



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